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कोरोना का कहर: उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन 11,000 बंदियों को करेगा रिहा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन प्रदेश के जेलों में कैद 11,000 कैदियों को रिहा करने में सक्रिय नजर आ रहा है. लखनऊ जिला कारागार में 7 साल की सजा में बंद अपराधियों को रविवार को सुरक्षित स्थान पहुंचाया जा सकता है.

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उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन 11,000 बंदीयों को करेगा रिहा
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Published : Mar 29, 2020, 11:26 AM IST

लखनऊ: देश में लॉकडाउन की स्थिति के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने 7 वर्ष की सजा के अपराध में जेल में बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदियों को छोड़ने का फैसला लिया है. जेल प्रशासन ने बंदियों को पे-रोल पर छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है.

बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लेते हुए 7 साल की कम सजा के अपराध में जेलों में बंद बंदियों को रिहा करने का निर्देश जारी किया था. जिसके बाद शासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बात बंदियों को रिहा करने का फैसला लिया है.

शासन से निर्देश मिलने के बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन की 71 जेलों में बंद 11,000 बंदियों को रिहा किया जाएगा. लखनऊ जेल से लगभग 150 बंदियों को चिन्हित कर लिया गया है, जिन्हें रविवार देर शाम तक छोड़ा जा सकता है.

इन बंदियों को जेल से छूटने के बाद सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी जेल प्रशासन उठाएगा. जेल में 7 वर्ष की सजा से कम के अपराध के 11,000 बंदी है, जिनमें से 8,500 विचाराधीन और 250 सजायाफ्ता हैं.

लखनऊ: देश में लॉकडाउन की स्थिति के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने 7 वर्ष की सजा के अपराध में जेल में बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदियों को छोड़ने का फैसला लिया है. जेल प्रशासन ने बंदियों को पे-रोल पर छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है.

बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लेते हुए 7 साल की कम सजा के अपराध में जेलों में बंद बंदियों को रिहा करने का निर्देश जारी किया था. जिसके बाद शासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बात बंदियों को रिहा करने का फैसला लिया है.

शासन से निर्देश मिलने के बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन की 71 जेलों में बंद 11,000 बंदियों को रिहा किया जाएगा. लखनऊ जेल से लगभग 150 बंदियों को चिन्हित कर लिया गया है, जिन्हें रविवार देर शाम तक छोड़ा जा सकता है.

इन बंदियों को जेल से छूटने के बाद सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी जेल प्रशासन उठाएगा. जेल में 7 वर्ष की सजा से कम के अपराध के 11,000 बंदी है, जिनमें से 8,500 विचाराधीन और 250 सजायाफ्ता हैं.

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