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यूपी के सरकारी स्कूलों को मिला ग्रेड 1, अब टॉप ग्रेड तक पहुंचाने की तैयारी - उत्तर प्रदेश समाचार

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से जारी परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में उत्तर प्रदेश के स्कूलों को ग्रेड 1 की श्रेणी में रखा गया है. बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने बयान जारी कर जल्द ही प्रदेश के स्कूलों को टॉप ग्रेडिंग तक पहुंचाने की बात कही है.

सरकारी स्कूलों को मिला ग्रेड 1
सरकारी स्कूलों को मिला ग्रेड 1
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Published : Jun 7, 2021, 9:31 PM IST

लखनऊ: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से सरकारी स्कूलों की जारी की गई परफॉर्मेंस ग्रेडिंग में उत्तर प्रदेश को ग्रेड 1 (ग्रीन) श्रेणी में रखा गया है. प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने इसे सरकार की तरफ से लगातार स्कूलों के लिए किए जा रहे बदलावों का नतीजा बताया है. सोमवार को जारी बयान में डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि अगली पीजीआई (परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ग्रेड 1++ रैंकिंग हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है.

यह है पीजीआई ग्रेडिंग

भारत सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा की प्रगति के आकलन हेतु वर्ष 2017-18 से मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 70 इंडिकेटर्स का परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) लागू किया गया है. भारत सरकार द्वारा जारी परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग वर्ष 2017-18 में (red) श्रेणी, वर्ष 2018-19 में ग्रेड- 3 (yellow) श्रेणी के सापेक्ष वर्ष 2019-20 में ग्रेड 1 (green) श्रेणी में स्थान हासिल किया गया है. जारी की गई रैंकिंग में प्रदेश ने सभी मानकों यथा-सीखने के परिणाम, पहुंच (Access), सुविधाओं एवं इक्विटी तथा शासन प्रक्रिया में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गयी है. भारत सरकार द्वारा निर्गत पीजीआई नेट लर्निंग आउटकम के लिए 180, एक्सेस के लिए 80, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सुविधाओं के लिए 150, इक्विटी के लिए 230 एवं गवर्नेंस प्रक्रियाओं के लिए 360 अंक निर्धारित हैं.

यूपी के सरकारी स्कूलों को मिला ग्रेड 1

इन योजनाओं से तस्वीर बदलने का दावा

• जून 2018 में 'ऑपरेशन कायाकल्प' की शुरुआत की गई. इसके अंतर्गत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है.

• गवर्नेंस एवं गुणवत्ता सुधार के लिए सितंबर 2019 में मिशन प्रेरणा की शुरुआत की गई. दिव्यांग बच्चों के लिए 'समर्थ' कार्यक्रम एवं आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों के लिए 'शारदा' कार्यक्रम की शुरुआत की गई, जिसके परिणाम इक्विटी रैंकिंग में सुधार में दिखे.

• डिजिटल लर्निंग के लिए 'दीक्षा', 'रीड एलांग ऐप' एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से विविध एवं गुणवत्तायुक्त शैक्षणिक कंटेंट बच्चों तक उपलब्ध कराए गये हैं.

इसे भी पढ़ें- 21 जून यानी योग दिवस से सबको मिलेगा मुफ्त टीका

लखनऊ: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से सरकारी स्कूलों की जारी की गई परफॉर्मेंस ग्रेडिंग में उत्तर प्रदेश को ग्रेड 1 (ग्रीन) श्रेणी में रखा गया है. प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने इसे सरकार की तरफ से लगातार स्कूलों के लिए किए जा रहे बदलावों का नतीजा बताया है. सोमवार को जारी बयान में डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि अगली पीजीआई (परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ग्रेड 1++ रैंकिंग हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है.

यह है पीजीआई ग्रेडिंग

भारत सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा की प्रगति के आकलन हेतु वर्ष 2017-18 से मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 70 इंडिकेटर्स का परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) लागू किया गया है. भारत सरकार द्वारा जारी परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग वर्ष 2017-18 में (red) श्रेणी, वर्ष 2018-19 में ग्रेड- 3 (yellow) श्रेणी के सापेक्ष वर्ष 2019-20 में ग्रेड 1 (green) श्रेणी में स्थान हासिल किया गया है. जारी की गई रैंकिंग में प्रदेश ने सभी मानकों यथा-सीखने के परिणाम, पहुंच (Access), सुविधाओं एवं इक्विटी तथा शासन प्रक्रिया में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गयी है. भारत सरकार द्वारा निर्गत पीजीआई नेट लर्निंग आउटकम के लिए 180, एक्सेस के लिए 80, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सुविधाओं के लिए 150, इक्विटी के लिए 230 एवं गवर्नेंस प्रक्रियाओं के लिए 360 अंक निर्धारित हैं.

यूपी के सरकारी स्कूलों को मिला ग्रेड 1

इन योजनाओं से तस्वीर बदलने का दावा

• जून 2018 में 'ऑपरेशन कायाकल्प' की शुरुआत की गई. इसके अंतर्गत विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है.

• गवर्नेंस एवं गुणवत्ता सुधार के लिए सितंबर 2019 में मिशन प्रेरणा की शुरुआत की गई. दिव्यांग बच्चों के लिए 'समर्थ' कार्यक्रम एवं आउट-ऑफ-स्कूल बच्चों के लिए 'शारदा' कार्यक्रम की शुरुआत की गई, जिसके परिणाम इक्विटी रैंकिंग में सुधार में दिखे.

• डिजिटल लर्निंग के लिए 'दीक्षा', 'रीड एलांग ऐप' एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से विविध एवं गुणवत्तायुक्त शैक्षणिक कंटेंट बच्चों तक उपलब्ध कराए गये हैं.

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