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ब्लैक फंगस से बचाव के लिए सरकार ने जारी की एडवाइजरी

कोविड के बाद अब ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता जा रहा है. फंगस से बचाव एवं उपचार को लेकर यूपी सरकार की ओर से वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा तैयार की गई एडवाइजरी जारी की गई है.

काली फंगस से बचाव के लिए सरकार ने जारी की एडवाइजरी
काली फंगस से बचाव के लिए सरकार ने जारी की एडवाइजरी
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Published : May 15, 2021, 2:19 PM IST

लखनऊः कोविड के बाद अब ब्लैक फंगस से बचाव और उपचार को लेकर यूपी सरकार की ओर से वरिष्ठ चिकित्सक की ओर से तैयार की गई एडवाइजरी जारी की गई है. डॉक्टरों ने बताया है कि म्यूकरमाइकोसिस एक ब्लैक फंगस है. ये चेहरे, नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उसको नष्ट कर देती है. इससे आंख सहित चेहरे का बड़ा भाग नष्ट होने का खतरा रहता है. जान जाने का भी खतरा इसमें बना रहता है. इसलिए सजग होकर लक्षण दिखते ही चिकित्सक की सलाह पर इलाज शुरू करें.

इन्हें फंगस होने का खतरा

-जिन्हें कोविड के दौरान स्टेरॉयड दवा दी गई हो. इसमें डेक्सामिथाजोन, मिथाइल पेडनिसोलोन शामिल है.

-कोविड मरीजों को ऑक्सीजन पर रखना पड़ा हो या आईसीयू में रखना पड़ा हो.

-जिन कोविड मरीजों में डायबिटीज का अच्छा नियंत्रण न हो.

- कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दवा चल रही हो, तो भी फंगस के अटैक की आशंका है.

ब्लैक फंगस के लक्षण

-बुखार आ रहा हो, सिर दर्द हो रहा हो, खांसी हो, सांस फूल रही हो, नाक बंद हो, नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो, आंख में दर्द हो, आंख में सूजन आ जाये, हर चीज दो दिख रही हो या दिखना बंद हो जाए.

-चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो (छूने पर छूने का एहसास न हो), दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगे, चबाने में दर्द हो, उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आए तो डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत

क्या करें

उपर्युक्त में से कोई भी लक्षण होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं. नाक, कान, गले, आंख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ से तुरंत दिखाएं और लगकर इलाज शुरू करें.

सावधानियां

-स्वयं या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टर, मित्र या रिश्तेदार के कहने पर स्टेरॉयड दवा कतई ना शुरू करें. स्टेरॉयड दवाएं जैसे डेक्सोना, मेंड्रोल दवाएं हैं.

-लक्ष्मण के पहले पांच-सात दिनों में स्टेरॉयड देने से दुष्परिणाम होते हैं. बीमारी शुरू होते ही स्टेरॉयड शुरु न करें जिससे बीमारी बढ़ जाती है.

-स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल पांच से 10 दिनों के लिए देते हैं. वह भी बीमारी शुरू होने के पांच से सात दिनों बाद केवल गंभीर मरीजों को. इसके पहले बहुत सी जांच आवश्यक है.

इसे भी पढ़ें- यूपी में मिले कोरोना के 15,747 मरीज, 312 की मौत

इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें कि इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है? अगर है तो यह दवाई मुझे क्यों दी जा रही हैं? स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें. घर पर अगर ऑक्सीजन लगाया जा रहा है, तो उसकी बोतल में उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डालें या नॉरमल सलाइन डालें. बेहतर हो अस्पताल में भर्ती हों. ब्लैक फंगस से बचाव और इलाज के दौरान सावधानी बरतने के लिए या एडवाइजरी सर्जन डॉक्टर सुबोध कुमार सिंह ने संकलित की है.

लखनऊः कोविड के बाद अब ब्लैक फंगस से बचाव और उपचार को लेकर यूपी सरकार की ओर से वरिष्ठ चिकित्सक की ओर से तैयार की गई एडवाइजरी जारी की गई है. डॉक्टरों ने बताया है कि म्यूकरमाइकोसिस एक ब्लैक फंगस है. ये चेहरे, नाक, साइनस, आंख और दिमाग में फैलकर उसको नष्ट कर देती है. इससे आंख सहित चेहरे का बड़ा भाग नष्ट होने का खतरा रहता है. जान जाने का भी खतरा इसमें बना रहता है. इसलिए सजग होकर लक्षण दिखते ही चिकित्सक की सलाह पर इलाज शुरू करें.

इन्हें फंगस होने का खतरा

-जिन्हें कोविड के दौरान स्टेरॉयड दवा दी गई हो. इसमें डेक्सामिथाजोन, मिथाइल पेडनिसोलोन शामिल है.

-कोविड मरीजों को ऑक्सीजन पर रखना पड़ा हो या आईसीयू में रखना पड़ा हो.

-जिन कोविड मरीजों में डायबिटीज का अच्छा नियंत्रण न हो.

- कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दवा चल रही हो, तो भी फंगस के अटैक की आशंका है.

ब्लैक फंगस के लक्षण

-बुखार आ रहा हो, सिर दर्द हो रहा हो, खांसी हो, सांस फूल रही हो, नाक बंद हो, नाक में म्यूकस के साथ खून आ रहा हो, आंख में दर्द हो, आंख में सूजन आ जाये, हर चीज दो दिख रही हो या दिखना बंद हो जाए.

-चेहरे में एक तरफ दर्द हो, सूजन हो या सुन्न हो (छूने पर छूने का एहसास न हो), दांत में दर्द हो, दांत हिलने लगे, चबाने में दर्द हो, उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून आए तो डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत

क्या करें

उपर्युक्त में से कोई भी लक्षण होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में या किसी अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं. नाक, कान, गले, आंख, मेडिसिन, चेस्ट या प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ से तुरंत दिखाएं और लगकर इलाज शुरू करें.

सावधानियां

-स्वयं या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टर, मित्र या रिश्तेदार के कहने पर स्टेरॉयड दवा कतई ना शुरू करें. स्टेरॉयड दवाएं जैसे डेक्सोना, मेंड्रोल दवाएं हैं.

-लक्ष्मण के पहले पांच-सात दिनों में स्टेरॉयड देने से दुष्परिणाम होते हैं. बीमारी शुरू होते ही स्टेरॉयड शुरु न करें जिससे बीमारी बढ़ जाती है.

-स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल पांच से 10 दिनों के लिए देते हैं. वह भी बीमारी शुरू होने के पांच से सात दिनों बाद केवल गंभीर मरीजों को. इसके पहले बहुत सी जांच आवश्यक है.

इसे भी पढ़ें- यूपी में मिले कोरोना के 15,747 मरीज, 312 की मौत

इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें कि इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है? अगर है तो यह दवाई मुझे क्यों दी जा रही हैं? स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें. घर पर अगर ऑक्सीजन लगाया जा रहा है, तो उसकी बोतल में उबालकर ठंडा किया हुआ पानी डालें या नॉरमल सलाइन डालें. बेहतर हो अस्पताल में भर्ती हों. ब्लैक फंगस से बचाव और इलाज के दौरान सावधानी बरतने के लिए या एडवाइजरी सर्जन डॉक्टर सुबोध कुमार सिंह ने संकलित की है.

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