लखनऊ: यूपी सरकार के प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज कुमार सिंह की ओर से 2 जून को जारी शासनादेश में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को आकस्मिकता की स्थिति में आर्थिक सहायता दी जाएगी. सरकार नहीं चाहती है कि कोविड-19 की वजह से उत्पन्न स्थितियों के दौरान किसी को भुखमरी का सामना करना पड़े या किसी सदस्य की मृत्यु होने की दशा में उचित तरीके से अंतिम संस्कार ना किया जा सके.
ऐसी स्थितियों में अत्यधिक गरीब और निराश्रित परिवारों को सरकार की ओर से सहायता दी जाएगी. ग्रामीण अंचल में रहने वाले ऐसे परिवारों को जो भुखमरी का शिकार हो सकते हैं, उन्हें ग्राम पंचायत से तत्काल एक हजार की आर्थिक सहायता राज्य वित्त आयोग के फंड से दी जाएगी. ऐसे परिवार या व्यक्ति का पात्रता के अनुसार राशन कार्ड ना होने की दशा में तत्काल राशन कार्ड बनाया जाएगा, जिससे कि उसे नियमित तौर पर राशन प्राप्त हो सके.
नि:शुल्क चिकित्सा
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे परिवार अगर गरीबी की वजह से किसी बीमारी का इलाज कराने में सक्षम नहीं है तो उन्हें आयुष्मान भारत एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत नि:शुल्क चिकित्सा दिलाई जाएगी. अगर किसी परिवार के पास उपरोक्त योजनाओं का लाभ कार्ड नहीं है और उसे सहायता नहीं मिल रही है तो उन्हें तत्काल ग्राम पंचायत के राज्य वित्त आयोग निधि से दो हजार की सहायता राशि जाएगी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना व आयुष्मान भारत का कार्ड भी बनवाया जाएगा.
अंत्येष्टि के लिए पांच हजार
परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु होने पर उसके दाह संस्कार के लिए परिवार के वयस्क सदस्य को पांच हजार की धनराशि अंत्येष्टि कार्य के लिए ग्राम पंचायत की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी. अगर कोई निराश्रित व्यक्ति है तो उसकी अंत्येष्टि और अंतिम संस्कार की व्यवस्था के लिए ग्राम पंचायत की और से पांच हजार रुपये खर्च किए जाएंगे. यह पत्र सभी जिलों के जिला अधिकारी, मंडलायुक्त, मुख्य विकास अधिकारी और पंचायत राज विभाग के उपनिदेशक, अपर मुख्य अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को भी भेजा गया है.