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कांग्रेस का सरकार से सवाल, जहरीली शराब से उत्तर प्रदेश में मौतों का कौन जिम्मेदार

यूपी कांग्रेस ने प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर सरकार से सवाल किया है कि आखिर इनका जिम्मेदार कौन है. किसके इशारे पर ये जहरीला कारोबार किया जा रहा है. सरकार बताए कि उसके और जहरीली शराब माफियाओं के बीच क्या सम्बन्ध हैं.

कांग्रेस का सरकार से सवाल
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Published : May 13, 2021, 7:04 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर के सीमावर्ती थाना इलाकों में जहरीली शराब पीने से हुई 22 लोगों की दुःखद मौत पर सरकार से सवाल पूछा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बताए कि उनके कार्यकाल में जहरीली शराब का अवैध कारोबार किसके संरक्षण में चल रहा है. जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का कौन जिम्मेदार है.

पुलिस चौकी के पास बिक रही थी शराब

उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, रुहेलखंड, बुंदेलखंड, मध्य उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक जहरीली शराब का कारोबार करने वाले शराब के नाम पर मौत बांट रहे हैं. सरकार अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने से परहेज कर रही है. उन्होंने कहा कि आजमगढ की घटना के बाद आये तथ्यों से पता चल रहा है कि पुलिस चौकी की नाक के नीचे जहरीली शराब की बिक्री हो रही थी और शराब की दुकान खुली हुई थी, जबकि कोरोना कर्फ्यू के कारण आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार आपदा में नाना प्रकार के अवसर तलाश रही है उसी के रास्ते पर अपराधी भी आपदा में अवसर तलाशकर अवैध जहरीली शराब का खुलेआम धंधा कर रहे हैं. सरकार आंख मूंद कर बैठी हुई है. संवेदनहीन सरकार प्रदेश में जहरीली शराब कारोबारियों के विरुद्ध एक्शन लेने के स्थान पर उन्हें संरक्षण देती हुई दिखायी दे रही है. उन्होंने पूछा कि सरकार बताए कि उसके और जहरीली शराब माफियाओं के मध्य क्या सम्बन्ध हैं.


कार्रवाई न करना शक के दायरे में

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आजमगढ़, अम्बेडकरनगर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को दुःखद बताया. कहा कि राज्य की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा जहरीली शराब के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई न करना यह साबित करता है कि उसकी सहानुभूति और संरक्षण जहरीली शराब के सौदागरों के साथ है. उन्होंने सवाल उठाया कि आजमगढ़ और अंबेडकर नगर के सीमावर्ती गांवों से जहरीली शराब का कारोबार कैसे पुलिस की नाक के नीचे होता रहा और शराब की दुकान खुली रहीं. इस दुःखद घटना पर ग्रामीणों का गुस्सा और उनके सवालों से स्थानीय प्रशासन सरकार में बैठे किन बड़ों के इशारे पर सामना करने से बचते हुए कह रहा है कि प्रथम दृष्टया शराब से हुई मौतें नहीं माना जा सकता है. जांच के बाद स्थिति स्पष्ट करने की बात कहकर दुःखद घटना में लीपापोती करने का प्रयास भी प्रारम्भ हो गया है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर के सीमावर्ती थाना इलाकों में जहरीली शराब पीने से हुई 22 लोगों की दुःखद मौत पर सरकार से सवाल पूछा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार बताए कि उनके कार्यकाल में जहरीली शराब का अवैध कारोबार किसके संरक्षण में चल रहा है. जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का कौन जिम्मेदार है.

पुलिस चौकी के पास बिक रही थी शराब

उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, रुहेलखंड, बुंदेलखंड, मध्य उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक जहरीली शराब का कारोबार करने वाले शराब के नाम पर मौत बांट रहे हैं. सरकार अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने से परहेज कर रही है. उन्होंने कहा कि आजमगढ की घटना के बाद आये तथ्यों से पता चल रहा है कि पुलिस चौकी की नाक के नीचे जहरीली शराब की बिक्री हो रही थी और शराब की दुकान खुली हुई थी, जबकि कोरोना कर्फ्यू के कारण आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह भाजपा सरकार आपदा में नाना प्रकार के अवसर तलाश रही है उसी के रास्ते पर अपराधी भी आपदा में अवसर तलाशकर अवैध जहरीली शराब का खुलेआम धंधा कर रहे हैं. सरकार आंख मूंद कर बैठी हुई है. संवेदनहीन सरकार प्रदेश में जहरीली शराब कारोबारियों के विरुद्ध एक्शन लेने के स्थान पर उन्हें संरक्षण देती हुई दिखायी दे रही है. उन्होंने पूछा कि सरकार बताए कि उसके और जहरीली शराब माफियाओं के मध्य क्या सम्बन्ध हैं.


कार्रवाई न करना शक के दायरे में

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आजमगढ़, अम्बेडकरनगर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों को दुःखद बताया. कहा कि राज्य की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा जहरीली शराब के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई न करना यह साबित करता है कि उसकी सहानुभूति और संरक्षण जहरीली शराब के सौदागरों के साथ है. उन्होंने सवाल उठाया कि आजमगढ़ और अंबेडकर नगर के सीमावर्ती गांवों से जहरीली शराब का कारोबार कैसे पुलिस की नाक के नीचे होता रहा और शराब की दुकान खुली रहीं. इस दुःखद घटना पर ग्रामीणों का गुस्सा और उनके सवालों से स्थानीय प्रशासन सरकार में बैठे किन बड़ों के इशारे पर सामना करने से बचते हुए कह रहा है कि प्रथम दृष्टया शराब से हुई मौतें नहीं माना जा सकता है. जांच के बाद स्थिति स्पष्ट करने की बात कहकर दुःखद घटना में लीपापोती करने का प्रयास भी प्रारम्भ हो गया है.

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