लखनऊ: ईसा मसीह जिन्हें यीशु भी कहा जाता है. ईसाई पंथ के प्रवर्तक है. यीशु हम सभी के हृदय में हैं. यीशु कभी नहीं चाहते थे कि लोग आपस में लड़ाई, झगड़ा या मनमुटाव रखें. यीशु का मकसद इतना था कि लोगों में प्रेम व भाईचारा बना रहे. यीशु हमेशा हम सभी के दिल में है. जब भी हम कभी नेक काम करते हैं तो यीशु वहां पर जरूर होते हैं. इसलिए सभी व्यक्ति को अच्छे कर्म करना चाहिए. यह बातें उत्तर प्रदेश मसीही एसोसिएशन द्वारा मंगलवार को क्राइस्ट चर्च कॉलेज में क्रिसमस मिलन के दौरान मुख्य वक्ता बिशप जेरल्ड जॉन मथैएस ने कहीं.
यह क्रिसमस मिलन लखनऊ के तमाम चर्च की संयुक्त क्रिसमस आराधना है. आराधना की शुरूआत पादरी सैम्यूअल मथाई के स्वागत से हुई. सबसे पहले पादरी हर्बर्ट एबल ने सभी के साथ खड़े होकर प्रार्थना की. प्रार्थना के बाद आया है यीशु आया है....आया मसीह चरनी में तू....गीत के साथ क्रिसमस मिलाप का कार्यक्रम शुरू हुआ. लोगों में बेहद खुशी रही. इस मौके पर पादरी ने लोगों को यीशु के जन्म के बारे में बताया कि किस तरह से गायों के बीच में यीशु की मां मरियम ने यीशु को जन्म दिया.
मुख्य वक्ता बिशप जेरल्ड जॉन मथैएस ने कहा कि प्रभु यीशु शांति के राजकुमार है. यीशु हमेशा से लोगों को एकजुट रहकर रहने के लिए कहते रहे. इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष ने लोगों के लिए विशेष प्रार्थना की और क्रिसमस के मौके पर लोगों को बधाइयां दी. साथ ही उन्हें अच्छे और नेक काम करने के लिए कहा ताकि, यीशु हमेशा हमारे कर्म को देख कर खुश रहें. 25 दिसंबर के दिन ही यीशु धरती पर जन्मे थे और इस दिन क्रिसमस पार्टी लोग मनाते हैं. यह खुशी का दिन है. उल्लास का दिन है. लोगों को हमेशा इस दिन हंसते मुस्कुराते रहना चाहिए.
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