लखनऊ: यूपी बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित हो चुका है. परीक्षा 24 अप्रैल से शुरू हो रही है और पहले ही दिन हिंदी विषय की परीक्षा होगी. अमूमन, छात्र इस विषय पर कम ध्यान देते हैं. पिछले वर्षों में देखा गया है कि मेरिट को बनाने या बिगाड़ने में यह विषय निर्णायक भूमिका में रहा है. ETV BHARAT ने राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज लखनऊ के हिंदी के प्रवक्ता डॉ. नित्य प्रकाश सिंह से सामान्य हिंदी विषय की तैयारी पर चर्चा की.
समय और शब्द सीमा का रखें ध्यान
राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. नित्य प्रकाश सिंह ने बताया कि 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की शुरुआत हिंदी के साथ की जा रही है. सामान्य हिंदी में अच्छे अंक पाने के लिए छात्रों को समय सीमा और शब्द सीमा दोनों का विशेष ध्यान रखना होगा. उन्होंने बताया कि बोर्ड की तरफ से हर प्रश्न की शब्द सीमा निर्धारित की गई है. अमूमन छात्र शुरुआत में जहां 80 और 100 शब्दों में अपनी बात को कहना होता है वहां दो दो पन्ने लिख देते हैं. अंत में निबंध लिखते समय जहां शब्द सीमा 660 शब्द की होती है, वहां छोटा उत्तर लिखते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण समय प्रबंधन का ठीक से न होना है.
ऐसा होगा पेपर
- पेपर 50-50 अंक के दो खंडों में बांटा होगा.
- खंड क में हिंदी गद्य साहित्य का इतिहास और हिंदी पद साहित्य के इतिहास पर प्रश्न होंगे.
- हिंदी गद्यांश पर आधारित पांच प्रश्न होंगे.
- खंड ख में मुख्य रूप से संस्कृत दिग्दर्शिका में गद्यांश व पद्यांश का अनुवाद, प्रार्थना पत्र, निबंध से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे.
पेपर के दौरान यह गलतियां न करें
- शब्द सीमा का विशेष ध्यान रखें.
- परीक्षा शुरू होने से पहले पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास जरूर करें.
- उत्तर पुस्तिका में लिखावट स्पष्ट होनी चाहिए.
- प्रयास करें कि प्रश्नों के उत्तर क्रम में लिखे जाएं.
- पेपर पेटर्न को समझकर तैयारी करें.
- हिंदी विषय मेरिट को ऊपर नीचे लाने में अहम भूमिका निभाती है. इसमें लापरवाही बिल्कुल भी न करें.
बोर्ड परीक्षा में ऐसे मिलेंगे अच्छे अंक
- कोविड 19 की वजह से 30% पाठ्यक्रम कम किया गया है. निर्धारित 70% पाठ्यक्रम का ही अध्ययन करें. प्रश्न पत्र के दोनों खंड समान रूप से महत्वपूर्ण है. कक्षा 12 के निर्धारित पाठ्यक्रम में कुल 5 किताबें सम्मिलित हैं. प्रथम खंड में कुल 4 पुस्तकों से प्रश्न पूछे जाएंगे. जिसमें एक-एक अंक के कुल 10 प्रश्न, दो- दो अंकों वाले 10 प्रश्न और 5-5 अंक के 4 प्रश्न पूछे जाएंगे. एक-एक अंक के 10 प्रश्न हिंदी साहित्य के इतिहास से संबंधित होंगे. भली-भांति हिंदी साहित्य के इतिहास को तैयार करने पर पूरे 10 अंक अर्जित किए जा सकते हैं.
- गद्य गरिमा से गद्यांश एवं काव्यांजलि से काव्यांश पर आधारित पांच पांच प्रश्न आएंगे जिसे 20 से 50 शब्दों में उत्तर दिया जा सकता है. प्रत्येक प्रश्न दो अंक के होंगे. गद्य गरिमा एवं काव्यांजलि में निर्धारित पाठ के लेखकों एवं कवियों का जीवन परिचय ( साहित्य परिचय सहित ) मात्र 80 शब्दों में लिखना चाहिए. कहानी एवं खंडकाव्य पर आधारित प्रश्नों के उत्तर भी 80 शब्दों में ही लिखना चाहिए.
- खंड ख में संस्कृत दिग्दर्शिका के गद्यात्मकता और पद्यात्मक अंश का संदर्भ सहित हिंदी में अनुवाद करना चाहिए न कि व्याख्या. यह दोनों प्रश्न 7-7 अंक के होंगे. व्याकरण खंड 21 अंक के होंगे और पूरे अंक अर्जित किए जा सकते हैं. पत्र लेखन 6 अंक का आता है. प्रारूप एवं उचित विषय वस्तु का प्रयोग किया जाए तो पूरे 6 अंक हासिल किए जा सकते हैं. निबंध सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, वैज्ञानिक, पर्यावरण, शिक्षा, नारी आदि से संबंधित मुद्दों पर आधारित होंगे. जिससे क्रमबद्ध व्यवस्थित सारगर्भित तरीके से लिखा जाना चाहिए. निबंध 9 अंकों का होगा जिसे लगभग 600 शब्द में लिखना चाहिए.