लखनऊ: कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए कोविड-19 अस्पतालों में सबसे ज्यादा 54 हजार बेड तैयार करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है. देश में इतनी बड़ी संख्या में कोरोना इलाज के लिए अस्पतालों में बेड किसी भी राज्य में नहीं हैं. प्रदेश के हर जिले में वेंटिलेटर की सुविधा मुहैया कराने की क्षमता में भी यूपी सामने आया है. उत्तर प्रदेश में कोरोना से लड़ने की त्रिस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था तैयार की गई है.
कोविड-19 के लिए लेवल-1, लेवल-2 और लेवल-3 के अस्पताल कार्य कर रहे हैं. सीएम योगी ने रविवार को टीम-11 के प्रमुख अधिकारियों के साथ इन अस्पतालों में सुविधाओं की समीक्षा की है.
महज दो माह में सभी जिलों को मिले वेंटिलेटर
यूपी में कोरोना का पहला केस तीन मार्च को आया था. तब यूपी के 36 जिलों में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी. महज दो महीने के भीतर योगी सरकार ने हर जिले को वेंटिलेटर उपलब्ध कराया है. मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य को मुख्यमंत्री का निर्देश है कि हर कोरोना मरीज की वह खुद निगरानी करें ताकि उनके इलाज में कोई असुविधा न हो. योगी ने कहा कि डॉक्टरों के सामने अपनी सेवा से समाज का दिल जीतने का अवसर है. इसलिए संवेदनशीलता के साथ मरीजों की सेवा और देखभाल करनी चाहिए.
मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग देने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि क्षमता का आकलन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया जाता है. इसलिए आपदा काल में बेहतर से बेहतर कार्य करें. प्रदेश सरकार हर प्रकार से सहयोग दे रही है और आगे भी देने के लिए तैयार है. सभी चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ एवं टेक्नीशियन को लगातार प्रशिक्षण देते रहने के भी निर्देश दिए गए हैं. मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि वह कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते वक्त खुद संक्रमित न हो जाएं. अगर मेडिकल स्टाफ संक्रमित होता है तो कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में कठिनाई होगी. वहीं मेडिकल स्टाफ के परिजन भी कोरोना के शिकार होंगे.