लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के सभी 17 नगर निगम वाले शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. योगी सरकार का शहरों को स्वच्छ रखने और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने पर विशेष जोर है. उत्तर भारत का इकलौता नगर निगम लखनऊ है, जो अपना बॉन्ड बेचने जा रहा है. ऐसे ही तमाम मुद्दों पर नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.
लखनऊ नगर निगम म्युनिसिपल बॉन्ड
मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया लखनऊ नगर निगम म्युनिसिपल बॉन्ड लेकर आया है. उत्तर भारत में यह पहला नगर निगम है जो म्युनिसिपल बॉन्ड लाया है. उत्तर प्रदेश में योगी के नेतृत्व में पिछले साढ़े तीन-चार वर्षों से जो विकास हुआ है, उससे प्रदेश की साख में बड़ा बदलाव आया है. उन्होंने कहा लखनऊ नगर निगम बॉन्ड को डबल-ए रेटिंग बॉन्ड लाने से वित्तीय अनुशासन और वित्तीय पारदर्शिता आएगी.
'लखनऊ नगर निगम को A+ रेटिंग'
दरअसल, अभी बॉन्ड अप्लाई करने के लिए एजेंसी से रेटिंग कराई जाती है. उसके लिए सभी मानक पूर्ण करने होते हैं. मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया उसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. उन्होंने बताया जब हम स्टॉक मार्केट में गए तो लखनऊ नगर निगम को डबल ए रेटिंग मिली. इसके लिए अब तिमाही बैलेंस सीट प्रस्तुत करनी होगी. जबकि वार्षिक बैलेंस सीट 45 दिन के अंदर प्रस्तुत करनी होगी.
'स्मार्ट सिटी के सभी चौराहों पर होंगे स्मार्ट सिग्नल'
मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सभी चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लग गए हैं. इसके अलावा पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी लगा दिया गया है. जिसकी सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से मॉनिटरिंग की जा रही है. अगर किसी जगह पर कोई गलत पार्किंग करता है या फिर रॉन्ग साइड जाता है, तो वहीं से उसका मशीन से चालान कट जाएगा. मंत्री ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया लखनऊ के 82 चौराहे चिन्हित किए गए हैं. इन चौराहों पर 50 मीटर पहले ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट या निजी वाहन रोक दिए जाएंगे. उस 50 मीटर के दायरे में ट्रैफिक सिग्नल मिलने पर ही जा सकेंगे. साथ ही शहर में स्मार्ट सड़कें भी बनाई जा रही हैं.