लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम देश के सभी राज्यों के परिवहन निगम से ज्यादा अपग्रेड होगा. इसके पीछे की वजह यह है कि यूपीएसआरटीसी देश का यह पहला ई-ऑफिस बनने जा रहा है. दरअसल अभी तक कोई भी निगम ई-ऑफिस की तरफ अग्रसर नहीं हुआ है, जबकि परिवहन निगम में लगातार फाइलों को डिजिटलाइज किया जा रहा है, जिसके तहत अब तक लाखों प्रपत्र डिजिटलाइज किए जा चुके हैं. साथ ही हजारों फाइलें डिजिटल कन्वर्ट हो चुकी हैं. वहीं आने वाले दिनों में सभी फाइलें डिजिटलाइज हो जाएंगी, जिसके बाद कोरोना जैसी महामारी आने के बाद भी परिवहन निगम का काम बिना रुके समय पर घर बैठे किया जा सकेगा.
दो साल में 10 फीसद रह जाएगी जनशक्ति
परिवहन निगम में लगातार नियमित कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है, जिसके पीछे की वजह सेवानिवृत्त है. ऐसे में दो साल में मैन पावर की काफी कमी हो जाएगी. इसके बाद परिवहन निगम में सिर्फ 10 फीसदी नियमित कर्मचारी ही रह जाएंगे, क्योंकि विभाग में सभी तरह की भर्तियों पर फिलहाल रोक लगी हुई है. कई सालों से भर्तियां नहीं हुई हैं, इसीलिए फाइलों को डिजिटल किया जा रहा है, जिससे एक क्लिक पर कोई भी फाइल आसानी से मिल सके.
रिकॉर्ड रहेगा हमेशा सुरक्षित
रोडवेज के अधिकारी बताते हैं कि स्कैन रिकॉर्ड की सुरक्षा और डॉक्युमेंट मैनेजमेंट सिस्टम चलाकर यूपीएसआरटीसी ई-ऑफिस बन जाएगा, जिसके बाद देश के चंद संगठनों में यूपीएसआरटीसी शामिल हो जाएगा. अभी तक देश भर में जितने भी कॉरपोरेशन हैं, उनमें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ही पहला ऐसा कॉरपोरेशन होगा जो ई-ऑफिस होगा.
भारत सरकार की संस्था कर रही है काम
यूपीएसआरटीसी हेड क्वार्टर पर फाइलों के डिजिटलाइजेशन का काम चल रहा है, जिसे भारत सरकार की संस्था स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया कर रही है. परिवहन निगम दफ्तर पर अभी तक आठ लाख से ज्यादा पर दस्तावेज डिजिटल किए जा चुके हैं, जबकि 10 हजार के करीब फाइलें भी डिजिटल हो चुकी हैं.
तेजी के साथ हो रहा काम
यूपीएसआरटीसी हेडक्वार्टर के प्रथम तल पर बाकायदा फाइलों को डिजिटलाइज करने का काम किया जा रहा है. विभाग के रिकॉर्ड की हजारों फाइलें इस कमरे में जमा हैं, जिसे दर्जनों कर्मचारी तेजी से स्कैन कर डिजिटलाइज करने में जुटे हुए हैं. ये सभी फाइलें डिजिटल होने के बाद परिवहन निगम ई-ऑफिस बन जाएगा. वहीं अधिकारियों की मानें तो महज कुछ ही माह में यह काम पूरा करा लिया जाएगा.