लखनऊ: यूपी परिवहन निगम के अधिकारी धीरे-धीरे सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसके चलते अब रोडवेज विभाग में परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. आलम यह है कि मुख्यालय से लेकर क्षेत्रों में तैनात अधिकारी अतिरिक्त प्रभार पर काम कर रहे हैं. ऐसे में निगम प्रशासन ने 75 सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की तत्काल भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेज कर मंजूरी मांगी है. बताया जा रहा है एआरएम की भर्ती का प्रस्ताव समय रहते मंजूर नहीं हुआ, तो मुख्यालय से लेकर क्षेत्रों में काम ठप होने के आसार हो जाएंगे. बता दें कि परिवहन निगम में वर्ष 1989 के बाद से भर्तियां नहीं हुई हैं.
भर्ती करना मजबूरी
बताते चलें वर्ष 2022 तक 90 फीसदी अफसर सेवानिवृत्त हो जाएंगे, जिससे कि वर्ष 2024 तक मुख्यालय से लेकर क्षेत्रों तक विभिन्न पदों पर संविदा कर्मी ही नजर आएंगे. ऐसे में सेवानिवृत्त हो रहे अफसरों के बदले एआरएम की भर्ती करना निगम प्रशासन के लिए मजबूरी बन गया है.
दो चपरासी और 25 बाबू के भरोसे मुख्यालय
परिवहन निगम मुख्यालय पर 150 चपरासी के पद हैं, जिसमें मात्र 2 चपरासी ही बचे हैं. वहीं 350 बाबू के पद पर मात्र 25 लोग काम कर रहे हैं. इससे मुख्यालय पर क्षेत्रों से आने वाले काम महीनों से लंबित पड़े हुए हैं.
इस मामले में परिवहन निगम के सीजीएम ( प्रशासन ) एसके दुबे का कहना है कि परिवहन निगम में भर्ती नहीं होने से अब धीरे-धीरे काम प्रभावित हो रहा है. इसके लिए शासन से तत्काल 75 एआरएम की भर्ती का प्रस्ताव भेजकर मंजूरी मांगी गई है.