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नेपाल से लौट कर यूपी का दुग्गी बन गया था साइको किलर, महिलाओं के लिए बन गया था काल

यूपी के अयोध्या और बाराबंकी में त्रिशूलधारी लोगों की जान के लिए आफत बना एक अनजान साइको किलर को लेकर राजधानी पुलिस भी सतर्क हो गई है. हालांकि लोगों को पैनिक से बचाने के लिए साइको किलर की थ्योरी से इनकार कर रही हैं. हालांकि सिलसिलेवार हत्या के तौर तरीके किसी साइको के कृत्य की ओर इशारा कर रहे हैं.

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Published : Jan 9, 2023, 6:11 PM IST

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जानकारी देते मनोचिकित्सक अभय सिंह.

लखनऊ : सात साल पहले वर्ष 2016 को बिजनौर जिले के दो थानों की पुलिस का चैन खोया हुआ था. गांव के लोग रात को सो नहीं पा रहे थे और महिलाएं अकेले निकलने में भरी गर्मी में भी कांप रही थीं. इसके पीछे नेपाल से वापस अपने घर लौट कर आया एक सिरफिरा था, जो एक के बाद एक महिलाओं पर हमला करता जा रहा था. सिरफिरे ने 1 महीने में 12 महिलाओं पर हमला कर बन चुका था पश्चिमी यूपी का एक साइको किलर. वर्तमान में अयोध्या-बाराबंकी में 3 महिलाओं की हत्या करने वाला साइको किलर जिस तरह दहशत का दूसरा नाम बन चुका है. वैसे ही बिजनौर का दुग्गी (Psycho killer Anees of bijnaour) भी महिलाओं की हत्या कर पूरे पश्चिमी यूपी में आतंक मचा लोगों को घर में दुबकने को मजबूर कर चुका है.

उत्तर प्रदेश के दो जिले अयोध्या और बाराबंकी में त्रिशूलधारी लोगों के लिए एक अनजान किलर आफत बना हुआ है. अब उसकी आहट राजधानी में महसूस हुई तो पुलिस का चैन उड़ गया है. तीन बुजुर्ग महिला की हत्या कर उन्हें अर्धनग्न छोड़ने के पीछे एक साइको किलर (psycho killer) का होना बताया जा रहा है. 6 दिसम्बर से शुरू हुई हत्याओं का सिलसिला 17 दिसम्बर तक जारी रहा. हालांकि लोगों के बीच दहशत का माहौल न बने इस लिए बाराबंकी पुलिस ने साइको किलर थ्योरी से इनकार किया है. हालांकि 7 साल पहले बिजनौर में ऐसे ही 3 महिलाओं की हत्या (Psycho killer killed women) से सनसनी मच गई थी. बिजनौर के नजीबाबाद, मंडावली, भागुवाला व साहनपुर में एक सिरफिरे ने 12 महिलाओं पर हमला किया, जिसमें 3 की मौत हो गई थी.

बिजनौर का रहने वाला अनीस उर्फ दुग्गी (psycho killer) भांग के नशे का आदी था. घर में उसकी पत्नी और दो बच्चे थे. जनवरी 2016 को वह नेपाल चला गया और जब दो महीने बाद वह वापस आया तो वह साइको किलर बन चुका था. 3 जून को उसने नगला गांव में खेत में काम करने गई एक महिला के सिर पर लाठी से वार कर दिया और महिला की मौत हो गई. अब तक माना जा रहा था कि यह वारदात किसी आपसी रंजिश के चलते अंजाम दी गई थी. पुलिस की यह गलतफहमी तब दूर हुई जब 4 दिन बाद ही उसी गांव के करीब गिरदावा साहनपुर में एक और महिला को खेत में काम करते समय लाठी मार कर घायल कर दिया गया. पुलिस अब मामले की गंभीरता को देखते सक्रिय हो गई. हालांकि उस साइको किलर की यह शुरुआत ही थी.


बताते हैं कि बिजनौर के दो गांव में वारदात को अंजाम देने के बाद साइको किलर तीसरे शिकार की तलाश में जुट गया. 24 दिन बाद एक और महिला के सिर पर वार किया गया, उसके बाद 7 जुलाई को नजीबाबाद के वसंतकुंज में आंगन में सो रही किशोरी शिवानी पर भारी चीज से हमला कर घायल किया. 9 जुलाई को नजीमपुर में खेत पर जा रही नूरजहां की हत्या कर खेत में डाल दिया. उसी दिन साहनपुर कस्बे में खेत से लौट रही तीन महिलाओं पर एक नकाबपोश ने हमले का प्रयास किया. महिलाएं घास छोड़कर जैसे-तैसे भाग निकलीं. उसके दूसरे दिन साहनपुर कस्बे के मोहल्ला रवापुरी निवासी जयराम की पत्नी लाली देवी पर उस समय हमला किया, जब वह घर में सो रही थी. इलाज के दौरान लाली देवी की मौत हो गई. साइको किलर अब तक 11 महिलाओं पर वार कर चुका था.

महिलाओं ने घर से निकलना कर दिया था बंद : बिजनौर के 6 गांव के लोग साइको किलर के आतंक का यह आलम था कि इन गांवों की महिलाओं ने अकेले निकलना बंद कर दिया. खेत में महिलाएं काम नहीं करने जा रही थीं. यही नहीं लोग घर में किसी भी महिला को अकेले सोने नहीं दे रहे थे. गांव के लोग रात भर जग कर चौकीदारी कर रहे थे. हालांकि पुलिस लोगों के भय को दूर करने के लिए दिन में 4 बार गश्त कर रही थी. फिर भी लोगों का डर दूर होने का नाम नहीं ले रहा था. बिजनौर के तत्कालीन एसपी उमेश श्रीवास्तव ने 12 महिलाओं पर हमला करने वाले साइको किलर की तलाश के लिए 5 टीम गठित की थी. टीम ने हर घटना स्थल में बारीकी से जांच की और इसी दौरान हरिद्वार रोड पर 13 साल की बच्ची पर हमला करने के दौरान किलर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया और यहीं से पुलिस उस साइको दुग्गी तक पहुंच गई. 29 जुलाई को पुलिस ने अनीस उर्फ दुग्गी को गिरफ्तार कर लिया.

लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. देवाशीष शुक्ल (Dr. Devashish Shukla, Head of the Department of Psychiatry) का कहना है कि साइको किलर एक विचित्र तरह के इंसान होते हैं, जो सामान्य तौर पर समाज से बिल्कुल अलग रहते हैं. इनको सामाजिक लोगों से मिलना मिलना अच्छा नहीं लगता, लेकिन इनके अंदर एक अजीब तरीके की सनक होती है और उसी के चलते मनोवैज्ञानिक संतुष्टि के लिए वह हत्याएं या अन्य तरह के अपराध या हरकतें किया करते हैं. मनोचिकित्सक अभय सिंह (Psychiatrist Abhay Singh) के मुताबिक साइको किलर आमतौर पर किसी एक विशेष लोगों की हत्या या हमला करते हैं. जैसे किसी बच्चे या महिला की सीरियल हत्या करते हैं. ये साइको किलर या तो किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं या नशे के आदी होते हैं. डॉक्टर कहते हैं कि ये लोग जब भी हत्या करते हैं तो काफी नृशंस हत्या करते हैं.

यह भी पढ़ें : पूर्व IPS शैलेंद्र सिंह ने बनाया अनोखा रथ, बैलों के चलने से पैदा हो रही बिजली, जानिए कैसे

जानकारी देते मनोचिकित्सक अभय सिंह.

लखनऊ : सात साल पहले वर्ष 2016 को बिजनौर जिले के दो थानों की पुलिस का चैन खोया हुआ था. गांव के लोग रात को सो नहीं पा रहे थे और महिलाएं अकेले निकलने में भरी गर्मी में भी कांप रही थीं. इसके पीछे नेपाल से वापस अपने घर लौट कर आया एक सिरफिरा था, जो एक के बाद एक महिलाओं पर हमला करता जा रहा था. सिरफिरे ने 1 महीने में 12 महिलाओं पर हमला कर बन चुका था पश्चिमी यूपी का एक साइको किलर. वर्तमान में अयोध्या-बाराबंकी में 3 महिलाओं की हत्या करने वाला साइको किलर जिस तरह दहशत का दूसरा नाम बन चुका है. वैसे ही बिजनौर का दुग्गी (Psycho killer Anees of bijnaour) भी महिलाओं की हत्या कर पूरे पश्चिमी यूपी में आतंक मचा लोगों को घर में दुबकने को मजबूर कर चुका है.

उत्तर प्रदेश के दो जिले अयोध्या और बाराबंकी में त्रिशूलधारी लोगों के लिए एक अनजान किलर आफत बना हुआ है. अब उसकी आहट राजधानी में महसूस हुई तो पुलिस का चैन उड़ गया है. तीन बुजुर्ग महिला की हत्या कर उन्हें अर्धनग्न छोड़ने के पीछे एक साइको किलर (psycho killer) का होना बताया जा रहा है. 6 दिसम्बर से शुरू हुई हत्याओं का सिलसिला 17 दिसम्बर तक जारी रहा. हालांकि लोगों के बीच दहशत का माहौल न बने इस लिए बाराबंकी पुलिस ने साइको किलर थ्योरी से इनकार किया है. हालांकि 7 साल पहले बिजनौर में ऐसे ही 3 महिलाओं की हत्या (Psycho killer killed women) से सनसनी मच गई थी. बिजनौर के नजीबाबाद, मंडावली, भागुवाला व साहनपुर में एक सिरफिरे ने 12 महिलाओं पर हमला किया, जिसमें 3 की मौत हो गई थी.

बिजनौर का रहने वाला अनीस उर्फ दुग्गी (psycho killer) भांग के नशे का आदी था. घर में उसकी पत्नी और दो बच्चे थे. जनवरी 2016 को वह नेपाल चला गया और जब दो महीने बाद वह वापस आया तो वह साइको किलर बन चुका था. 3 जून को उसने नगला गांव में खेत में काम करने गई एक महिला के सिर पर लाठी से वार कर दिया और महिला की मौत हो गई. अब तक माना जा रहा था कि यह वारदात किसी आपसी रंजिश के चलते अंजाम दी गई थी. पुलिस की यह गलतफहमी तब दूर हुई जब 4 दिन बाद ही उसी गांव के करीब गिरदावा साहनपुर में एक और महिला को खेत में काम करते समय लाठी मार कर घायल कर दिया गया. पुलिस अब मामले की गंभीरता को देखते सक्रिय हो गई. हालांकि उस साइको किलर की यह शुरुआत ही थी.


बताते हैं कि बिजनौर के दो गांव में वारदात को अंजाम देने के बाद साइको किलर तीसरे शिकार की तलाश में जुट गया. 24 दिन बाद एक और महिला के सिर पर वार किया गया, उसके बाद 7 जुलाई को नजीबाबाद के वसंतकुंज में आंगन में सो रही किशोरी शिवानी पर भारी चीज से हमला कर घायल किया. 9 जुलाई को नजीमपुर में खेत पर जा रही नूरजहां की हत्या कर खेत में डाल दिया. उसी दिन साहनपुर कस्बे में खेत से लौट रही तीन महिलाओं पर एक नकाबपोश ने हमले का प्रयास किया. महिलाएं घास छोड़कर जैसे-तैसे भाग निकलीं. उसके दूसरे दिन साहनपुर कस्बे के मोहल्ला रवापुरी निवासी जयराम की पत्नी लाली देवी पर उस समय हमला किया, जब वह घर में सो रही थी. इलाज के दौरान लाली देवी की मौत हो गई. साइको किलर अब तक 11 महिलाओं पर वार कर चुका था.

महिलाओं ने घर से निकलना कर दिया था बंद : बिजनौर के 6 गांव के लोग साइको किलर के आतंक का यह आलम था कि इन गांवों की महिलाओं ने अकेले निकलना बंद कर दिया. खेत में महिलाएं काम नहीं करने जा रही थीं. यही नहीं लोग घर में किसी भी महिला को अकेले सोने नहीं दे रहे थे. गांव के लोग रात भर जग कर चौकीदारी कर रहे थे. हालांकि पुलिस लोगों के भय को दूर करने के लिए दिन में 4 बार गश्त कर रही थी. फिर भी लोगों का डर दूर होने का नाम नहीं ले रहा था. बिजनौर के तत्कालीन एसपी उमेश श्रीवास्तव ने 12 महिलाओं पर हमला करने वाले साइको किलर की तलाश के लिए 5 टीम गठित की थी. टीम ने हर घटना स्थल में बारीकी से जांच की और इसी दौरान हरिद्वार रोड पर 13 साल की बच्ची पर हमला करने के दौरान किलर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया और यहीं से पुलिस उस साइको दुग्गी तक पहुंच गई. 29 जुलाई को पुलिस ने अनीस उर्फ दुग्गी को गिरफ्तार कर लिया.

लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. देवाशीष शुक्ल (Dr. Devashish Shukla, Head of the Department of Psychiatry) का कहना है कि साइको किलर एक विचित्र तरह के इंसान होते हैं, जो सामान्य तौर पर समाज से बिल्कुल अलग रहते हैं. इनको सामाजिक लोगों से मिलना मिलना अच्छा नहीं लगता, लेकिन इनके अंदर एक अजीब तरीके की सनक होती है और उसी के चलते मनोवैज्ञानिक संतुष्टि के लिए वह हत्याएं या अन्य तरह के अपराध या हरकतें किया करते हैं. मनोचिकित्सक अभय सिंह (Psychiatrist Abhay Singh) के मुताबिक साइको किलर आमतौर पर किसी एक विशेष लोगों की हत्या या हमला करते हैं. जैसे किसी बच्चे या महिला की सीरियल हत्या करते हैं. ये साइको किलर या तो किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं या नशे के आदी होते हैं. डॉक्टर कहते हैं कि ये लोग जब भी हत्या करते हैं तो काफी नृशंस हत्या करते हैं.

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