लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के कैसरबाग डिपो की बस का ब्रेक फेल होने से वकीलों की दो दोपहिया गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं. इसके बाद आक्रोशित वकीलों ने बवाल शुरू कर दिया. वकील कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को अपने चेंबर में ले गए और उन्हें घंटों बंधक बनाए रखा. वकील दो गाड़ियों के नुकसान के एवज में डेढ़ लाख रुपये की मांग पर अड़े हुए थे. वकीलों के हंगामे के बाद रोडवेज के चालक परिचालकों ने बसों का संचालन ठप कर दिया. कैसरबाग डिपो और अवध डिपो से बसें बाहर नहीं निकलीं.
कैसरबाग डिपो की बस कार्यशाला से बाहर बस स्टेशन के लिए रवाना हो रही थी. डिपो के गेट पर वकीलों की गाड़ियां खड़ी थीं. अचानक बस का ब्रेक फेल हो गया. इसके चलते बस सामने खड़ी बाइक पर चढ़ गई. इससे दो बाइक क्षतिग्रस्त हो गईं. बाइक टूटने से वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया. ड्राइवर को घेर लिया और डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश कुमार वर्मा को उठा ले गए. मामला शांत ना होते देख मौके पर लखनऊ रीजन के रीजनल मैनेजर मनोज पुंडीर पहुंचे. वकीलों के हंगामे के बाद रोडवेज के चालक परिचालकों ने अपने साथी का समर्थन करते हुए कैसरबाग कार्यशाला और अवध कार्यशाला से बाहर नहीं निकालीं. दोनों कार्यशालाओ के गेट पर वकीलों ने चक्का जाम कर दिया. कैसरबाग बस स्टेशन से भी बसों का संचालन ठप कर दिया गया. कई घंटे तक बसें रूट के लिए रवाना नहीं हुईं. इससे यात्रियों को काफी दिक्कत हुई.
वकीलों ने बना लिए हैं अवैध चेंबर : रोडवेज की कैसरबाग और अवध कार्यशाला के सामने वकीलों ने अवैध चेंबर बना लिए हैं और सड़क पर ही गाड़ी खड़ी करते हैं. यही वजह है कि जब बस डिपो से बाहर निकलती हैं तो गाड़ियों से छू जाती हैं. इसके बाद वकील भारी-भरकम मुआवजे की मांग शुरू कर देते हैं. यही झगड़े की बड़ी वजह बनती है. कैसरबाग डिपो और अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों की तरफ से कई बार नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस कमिश्नर को अवैध चेंबर हटवाने के लिए पत्र भी लिखे गए, लेकिन किसी ने कोई ध्यान ही नहीं दिया.
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