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UP Vegetable Price: मंडी से निकलते ही दोगुने दाम पर बिक रहीं सब्जियां - लखनऊ समाचार हिंदी में

UP Vegetable Price: लखनऊ में गली मोहल्लों में ठेले पर बिकने वाली सब्जी लोगों को बजट बिगाड़ रही है. लोगों का मानना है कि लखनऊ की मंडी में सब्जी के दाम (Lucknow Vegetable Price) काफी कम है.

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UP Vegetable Price Lucknow Vegetable Price लखनऊ की मंडी में सब्जी के दाम यूपी में सब्जियों के दाम लखनऊ समाचार हिंदी में lucknow news in hindi
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Published : Mar 15, 2023, 6:37 AM IST

लखनऊ: सरकार ने भले ही पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर कर दिए दिए हों, पर यूपी में सब्जियों के दाम (UP Vegetable Price) पर इसका असर नहीं दिख रहा है. यह आज भी पिछले महीने की अपेक्षा अधिक दाम पर ही बिक रही है. प्याज, टमाटर और आलू समेत जरूर कुछ सब्जियों के दाम कम हुए है. वहीं शहर की मंडी से निकलने के बाद सब्जियां दुकान और ठेले पर आते ही दोगुने मूल्य पर बिक रही हैं.

बुधवार को शहर में नए आलू के भाव (Lucknow Vegetable Price) दो प्रकार के नजर आए. ठेले पर यह 10 और दुकानों पर 12 रुपये किलो बिक रहा है. मण्डी में 10-12 रुपये बिकने वाला टमाटर और दुकानों पर 15-20 रु में बिक रहा है. मण्डी में 20 रु किलो लौकी बाजारों में 30-35 रु किलो बिक रही है. 15 रु किलो बिकने वाला खीरा गली मोहल्लों में 30 रु किलो के भाव से बिक रहा है.

ग्रहणी मीनू पांडेय ने कहा कि फुटकर में सब्जी बहुत महंगी बिक रही है. हर कोई मंडी नहीं जा सकता. मंडी में 10 से 12 रुपये में टमाटर मिल रहा है, लेकिन बाहर 20 रुपये में. वहीं दूसरी ओर मण्डी में 50 रु बिकने वाली भिंडी घरों में 100 रु किलो के भाव से पहुंच रही है. सब्जी के दामों में इतना अंतर नहीं होना चाहिए. इससे लोग परेशान हैं.

सब्जी विक्रेता चिंटू ने कहा कि मण्डी में दाम स्थिर रहते हैं. इसके बावजूद लगातार सब्जियों के दाम गली मोहल्लों में बढ़ रहे हैं. फुटकर में तो विक्रेता मनमानी दरों पर सब्जी बेच रहे हैं. इन पर किसी का अंकुश नहीं है. शहर के चौक में सब्जी की दुकान संचालित करने वाले दुर्गेश ने बताया कि मंडी से लाने पर भाड़ा और खराब माल निकलने से यह सब्जियां महंगी होती हैं.

मण्डी आढ़ती मनोज यादव ने बताया कि फुटकर में सब्जिया महंगे दामों पर बिकती है. वहीं सब्जी मंडियो में उसके आधे दामों पर उपलब्घ है. मण्डियों से बाजारों तक सब्जियां ले जाते समय कई प्रकार का खर्च आता है. इससे दाम बढ़ जाते हैं. मगर मनमाने दामों पर सब्जिया बेचना गलत है. हालांकि मनमाने दामों पर सब्जियां बेचने वालों को रोकने का अधिकार किसी के पास नहीं है.


सब्जियों के भाव प्रति किलो (बाजार भाव)

टमाटर- 20 रुपये किलो

मटर- 30 रुपये किलो

नींबू- 100 रुपये किलो

बैंगन- 20 रुपये किलो

गाजर- 15 रुपये किलो

सेम- 40 रुपये किलो

शिमला मिर्च- 30 रुपये किलो

धनिया- 40 रुपये किलो

बंद गोभी- 15 रुपये किलो

भिडी- 100 रुपये किलो

अदरक- 60 रुपये किलो

लौकी- 30 रुपये किलो

प्याज-20 रुपये किलो

खीरा- 30 रुपये किलो

कद्दु- 30 रुपये किलो

फूल गोभी-15 रुपये किलो

आलू नया- 9 रुपये किलो

आलू पुराना-12 रुपये किलो

पालक- 30 रुपये किलो

तोराई- 60 रुपये किलो

शहर की मंडी से बाहर आते ही सब्जियां दोगुनी-तिगुनी कीमतों पर बिक रही हैं. टमाटर तो एक बार फिर सुर्ख होकर 20 रुपये किलो तक पहुंच गया है. सहालग को बढ़े भाव की वजह बताया जा रहा है. अब आम नागरिक बाजारों से कम सब्जियां खरीदकर घर के बिगड़े बजट को संभालने में जुटे हैं. बाजारों में मनमामे दामों को लेकर गृहणियों ने मनमाने दामों पर रोक लगाने की मांग की है. (lucknow news in hindi)

ये भी पढ़ें- हिंद कुष्ठ निवारण संघ उप्र की अध्यक्ष नहीं रहेंगी राज्यपाल, जानिए क्यों?

लखनऊ: सरकार ने भले ही पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर कर दिए दिए हों, पर यूपी में सब्जियों के दाम (UP Vegetable Price) पर इसका असर नहीं दिख रहा है. यह आज भी पिछले महीने की अपेक्षा अधिक दाम पर ही बिक रही है. प्याज, टमाटर और आलू समेत जरूर कुछ सब्जियों के दाम कम हुए है. वहीं शहर की मंडी से निकलने के बाद सब्जियां दुकान और ठेले पर आते ही दोगुने मूल्य पर बिक रही हैं.

बुधवार को शहर में नए आलू के भाव (Lucknow Vegetable Price) दो प्रकार के नजर आए. ठेले पर यह 10 और दुकानों पर 12 रुपये किलो बिक रहा है. मण्डी में 10-12 रुपये बिकने वाला टमाटर और दुकानों पर 15-20 रु में बिक रहा है. मण्डी में 20 रु किलो लौकी बाजारों में 30-35 रु किलो बिक रही है. 15 रु किलो बिकने वाला खीरा गली मोहल्लों में 30 रु किलो के भाव से बिक रहा है.

ग्रहणी मीनू पांडेय ने कहा कि फुटकर में सब्जी बहुत महंगी बिक रही है. हर कोई मंडी नहीं जा सकता. मंडी में 10 से 12 रुपये में टमाटर मिल रहा है, लेकिन बाहर 20 रुपये में. वहीं दूसरी ओर मण्डी में 50 रु बिकने वाली भिंडी घरों में 100 रु किलो के भाव से पहुंच रही है. सब्जी के दामों में इतना अंतर नहीं होना चाहिए. इससे लोग परेशान हैं.

सब्जी विक्रेता चिंटू ने कहा कि मण्डी में दाम स्थिर रहते हैं. इसके बावजूद लगातार सब्जियों के दाम गली मोहल्लों में बढ़ रहे हैं. फुटकर में तो विक्रेता मनमानी दरों पर सब्जी बेच रहे हैं. इन पर किसी का अंकुश नहीं है. शहर के चौक में सब्जी की दुकान संचालित करने वाले दुर्गेश ने बताया कि मंडी से लाने पर भाड़ा और खराब माल निकलने से यह सब्जियां महंगी होती हैं.

मण्डी आढ़ती मनोज यादव ने बताया कि फुटकर में सब्जिया महंगे दामों पर बिकती है. वहीं सब्जी मंडियो में उसके आधे दामों पर उपलब्घ है. मण्डियों से बाजारों तक सब्जियां ले जाते समय कई प्रकार का खर्च आता है. इससे दाम बढ़ जाते हैं. मगर मनमाने दामों पर सब्जिया बेचना गलत है. हालांकि मनमाने दामों पर सब्जियां बेचने वालों को रोकने का अधिकार किसी के पास नहीं है.


सब्जियों के भाव प्रति किलो (बाजार भाव)

टमाटर- 20 रुपये किलो

मटर- 30 रुपये किलो

नींबू- 100 रुपये किलो

बैंगन- 20 रुपये किलो

गाजर- 15 रुपये किलो

सेम- 40 रुपये किलो

शिमला मिर्च- 30 रुपये किलो

धनिया- 40 रुपये किलो

बंद गोभी- 15 रुपये किलो

भिडी- 100 रुपये किलो

अदरक- 60 रुपये किलो

लौकी- 30 रुपये किलो

प्याज-20 रुपये किलो

खीरा- 30 रुपये किलो

कद्दु- 30 रुपये किलो

फूल गोभी-15 रुपये किलो

आलू नया- 9 रुपये किलो

आलू पुराना-12 रुपये किलो

पालक- 30 रुपये किलो

तोराई- 60 रुपये किलो

शहर की मंडी से बाहर आते ही सब्जियां दोगुनी-तिगुनी कीमतों पर बिक रही हैं. टमाटर तो एक बार फिर सुर्ख होकर 20 रुपये किलो तक पहुंच गया है. सहालग को बढ़े भाव की वजह बताया जा रहा है. अब आम नागरिक बाजारों से कम सब्जियां खरीदकर घर के बिगड़े बजट को संभालने में जुटे हैं. बाजारों में मनमामे दामों को लेकर गृहणियों ने मनमाने दामों पर रोक लगाने की मांग की है. (lucknow news in hindi)

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