लखनऊ : शहर की मंडियों में भिंडी और तोराई के दाम (up vegetable price) छोड़कर ज्यादातर सब्जियों के दाम कम हुए हैं, इसके साथ ही सब्जियों की आवक ज्यादा होने से मौसमी सब्जियों के दामों में भी गिरावट दिख रही है, लेकिन यह गिरावट फिलहाल मंडियों तक ही सीमित है. आइये जानते हैं (9 दिसम्बर) सोमवार को मंडी थोक में व फुटकर बाजारों में बिक रही सब्जियों के रेट में आखिर कितना अंतर है.
वर्तमान में हरी सब्जियों की आवक अधिक है, जिसके चलते सब्जियों के दाम मंडी में गिर गए हैं. वर्तमान में पालक, मेथी, गोभी, पत्ता गोभी, गाजर, हरी मिर्च, सेम की फली, हरी मटर आदि सब्जियों की भरमार देखी जा रही है. अचानक बढ़ने वाली इस आवक से सब्जियों के दाम नीचे आने लगे हैं, वहीं सब्जियों के दाम नीचे आने का एक कारण यह भी है कि अब आस-पास के किसान भी अपनी सब्जियां लेकर मंडी में सीधे तौर पर विक्रय करने आ रहे हैं, जोकि कम दामों पर ही अपनी सब्जी आढ़ती को देने के बजाए खुद ही उसका विक्रय कर देते हैं.
मंडी के थोक भाव : सब्जियों के दाम को लेकर दुबग्गा सब्जी मंडी अध्यक्ष परवेज हुसैन ने बताया कि वर्तमान में भिंडी व तोराई को छोड़कर थोक के दामों में काफी गिरावट दिख रही है, जिसके चलते हरी मटर 15 रुपये किलो, पालक 20 रुपये किलो, तोराई 30 रुपये किलो, भिंडी 35 रुपये किलो, गाजर 10 रुपये किलो, शिमला मिर्च 15 रुपये किलो, आलू 10 रुपये किलो, गोभी ₹5 पीस, टमाटर 15 रुपये किलो, मिर्ची 30 रुपये किलो, प्याज 20 रुपये किलो, लहसुन 25 रुपये किलो, बैंगन 10 रुपये किलो, पत्ता गोभी 5 रुपये किलो, सेम 30 रुपये किलो, कद्दू 10 रुपये किलो, लौकी 10 रुपये किलो, परवल 30 रुपये किलो, नींबू 25 रुपये किलो थोक के भाव में बिक रही है, इसी तरह अन्य सब्जियों के दामों में भी खासी गिरावट हुई है.
सब्जियों के भाव : वर्तमान में मंडियों से उठकर बाजारों में फुटकर दामों में हरी मटर 30 रुपये किलो, पालक 25 रुपये किलो, तोराई 50 रुपये किलो, भिंडी 55 रुपये किलो, गाजर 15 रुपये किलो, शिमला मिर्च 20 रुपये किलो, आलू 15 रुपये किलो, गोभी ₹10 पीस, टमाटर 20 रुपये किलो, मिर्ची 40 रुपये किलो, प्याज 25 रुपये किलो, लहसुन 35 रुपये किलो, बैंगन 20 रुपये किलो, सेम 60 रुपये, लौकी 15 रुपये किलो, कद्दू 15 रुपये किलो, नींबू 40 रुपये किलो व परवल 40 रुपये किलो में बिक रहा है.
यह भी पढ़ें : Lucknow University के दीक्षा समारोह में शामिल होंगे नए पदक, विभागाध्यक्षों से मांगा गया प्रस्ताव