लखनऊ: काम के बदले दाम लेना यूपी परिवहन विभाग (UP Transport Department) के कई अधिकारियों पर अब भारी पड़ने वाला है. ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी की गई है. प्रदेश भर में ऐसे 104 आरटीओ, एआरटीओ, पीटीओ, आरआई और कर्मचारियों के खिलाफ जांच (Probe against 104 officials started) शुरू हो गई है जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. प्रदेश भर के इन अधिकारियों में से लखनऊ आरटीओ के भी अधिकारी और कर्मचारी जांच के दायरे में हैं. अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन की तरफ से ऐसे अधिकारियों की जांच रिपोर्ट जल्द तैयार करने के निर्देश जांच अधिकारियों को दिए गए हैं.
मृतकों के नाम पर वाहनों की एनओसी जारी करना, बिना आरटीओ कार्यालय आए ही वाहन ट्रांसफर हो जाना, फर्जी हस्ताक्षर कर प्रपत्रों में हेरफेर कर देना, वाहनों के कागजात होने पर भी चालान कर देना, सीनियर अफसरों के आदेशों की अनदेखी करने का खामियाजा अब कई अफसरों को बड़ी कार्रवाई से भुगतना पड़ेगा. परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर अक्सर रिश्वत लेकर काम करने के आरोप लगते ही रहे हैं और यह आरोप कई बार साबित भी हो चुके हैं.
तमाम अधिकारी अब तक भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित हो चुके हैं और जेल भी भेजे जा चुके हैं. अब इसी तरह की शिकायतों को लेकर प्रदेशभर के 104 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. इनमें 42 संभागीय परिवहन अधिकारी और एआरटीओ प्रशासन व प्रवर्तन शामिल हैं. इसके अलावा 22 यातायात पथ निरीक्षक (आरआई), 11 यात्री कर अधिकारी और 29 लेखाकार,कनिष्ठ लिपिक और वरिष्ठ लिपिक शामिल हैं. इन सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और शिकायत मुख्यालय पर की गई है.
परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) नरेंद्र सिंह का कहना है कि कई अफसरों के खिलाफ विभिन्न तरह की शिकायतें मिली हैं, जिन पर गंभीरता दिखाते हुए जांच शुरू की गई है. जांच अधिकारी भी ऐसे नियुक्त किए गए हैं, जिनका एक दूसरे से संबंध न हो.अक्सर जब किसी अधिकारी की जांच शुरू होती है, तो संबंधों के चलते जांच अधिकारी ही उसे बचा लेते हैं. इससे भ्रष्टाचार की जड़ें और मजबूत हो जाती हैं. अब ऐसा नहीं होगा. अधिकारी अपनी जांच रिपोर्ट जितनी जल्दी सौंपेंगे, उतनी जल्दी ही एक्शन लिया जाएगा.
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