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Private Vehicles Age : अब निजी वाहनों की भी तय होगी उम्र, परिवहन विभाग ने बनाया प्रस्ताव, देखें कितनी होगी आयु

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Published : Feb 7, 2023, 7:56 PM IST

Updated : Feb 7, 2023, 10:49 PM IST

परिवहन विभाग ने निजी वाहनों की आयु 25 साल तय करने का प्रस्ताव तैयार किया है. लखनऊ में 11 फरवरी को होने वाली इन्वेस्टर्स मीट में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी आएंगे. तब उनके सामने ये प्रस्ताव रखा जाएगा.

अब निजी वाहनों की भी तय होगी उम्र
अब निजी वाहनों की भी तय होगी उम्र
निजी वाहनों की उम्र पर ईटीवी संवाददाता अखिल की रिपोर्ट.

लखनऊ: सरकार की नजर में 15 साल से ज्यादा पुराने वाहन प्रदूषण का सबब बनते हैं. इन वाहनों से फिजाओं में जहर घुलता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. लिहाजा, हाल ही मे केंद्र सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को एक अप्रैल से पहले हरहाल में स्क्रैप करने के आदेश दिए हैं. इन सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने की तैयारी भी तेजी से शुरू हो गई है. केंद्र सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों की ही तरह निजी वाहनों को भी स्क्रैप करने की भी योजना बनाई है. उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने निजी वाहनों की आयु सीमा तय करने संबंधी प्रस्ताव केंद्रीय परिवहन मंत्री को सौंपने के लिए तैयार किया है. 11 फरवरी को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इन्वेस्टर्स मीट में शामिल होने लखनऊ आ रहे हैं. यहीं पर परिवहन विभाग के अधिकारी उनके सामने प्रस्ताव रखकर अधिकतम आयु सीमा 25 साल तय करने के लिए तर्क प्रस्तुत करेंगे.

वर्तमान में निजी वाहनों की आयु सीमा तय नहीं है. वाहन स्वामी कितने भी साल तक वाहन चला सकता है. जब तक वाहन को फिटनेस प्रमाण पत्र मिलता रहता है, वाहन सड़क पर संचालित होता रहता है. यही वाहन प्रदूषण का बड़ा कारण भी बनते हैं, लेकिन इन वाहनों की अभी तक कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है. अब इन निजी वाहनों की भी उम्र तय करने के लिए परिवहन विभाग ने योजना बनाई है, क्योंकि वाहनों की आयु बढ़ाने या घटाने संबंधी संशोधन केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ही कर सकता है. लिहाजा, 25 वर्ष आयु तय करने के परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर फैसला केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को ही करना है.

विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि निजी वाहन पहली बार रजिस्टर्ड होने पर 15 साल तक संचालित होते हैं. इसके बाद वाहन स्वामी जब तक फिटनेस होती रहती है तब तक वाहन संचालित कर सकता है. वाहन ज्यादा पुराना होने पर दुर्घटना का बड़ा कारण भी बनते हैं, क्योंकि यह फिट नहीं रह जाते. फिर भी इन्हें जुगाड़ से चलाया जाता है. यह प्रदूषण भी ज्यादा फैलाते हैं. ऐसे में अगर यह व्यवस्था बन जाए कि वाहन को 15 साल के बाद सिर्फ पांच पांच साल के लिए दो बार ही री- रजिस्टर्ड किया जाए और 25 साल बाद स्क्रैप कर दिया जाए तो इससे प्रदूषण नहीं फैलेगा और दुर्घटना का कारण भी ऐसे वाहन नहीं बनने पाएंगे.

40 से 50 साल तक दौड़ते रहते हैं ट्रक
परिवहन विभाग में ट्रकों के लिए भी कोई आयु सीमा नहीं है. ऐसे में पुराने कंडम ट्रक 40 से 50 साल तक सड़कों पर दौड़ते रहते हैं. जुगाड़ के सहारे ऐसे ट्रकों को फिटनेस मिल जाती है और यह प्रदूषण फैलाने के लिए सड़क पर माल ढोते रहते हैं. ऐसे ट्रक जिनका नेशनल परमिट होता है उस परमिट की अवधि 12 साल तक होती है लेकिन जैसे ही नेशनल परमिट की अवधि समाप्त होती है, ट्रक मालिक संभागीय परिवहन कार्यालय में ट्रक रजिस्टर्ड करा लेते हैं और फिर इसे संचालित ही करते रहते हैं. ऐसे में ट्रकों की भी आयु निर्धारित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इन्हें भी 20 से 25 साल तक सड़क पर रहने दिया जाए. इससे ज्यादा संचालित होने पर प्रदूषण पर नियंत्रण स्थापित करना मुश्किल होगा. साथ ही दुर्घटनाएं भी नियंत्रित करने में मुश्किलें खड़ी होती रहेंगी. इन्हें भी एक तय समय सीमा के बाद स्क्रैप करने की जरूरत है.

लखनऊ जोन में 15 साल पूरे कर चुके 11 लाख 42 हजार 878 निजी वाहन
लखनऊ जोन की बात करें तो 15 साल पूरे कर चुके निजी वाहनों की संख्या 11 लाख 42 हजार 878 है. इनमें लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में 7,29,386 निजी वाहनों की संख्या है. विस्तार पटल कार्यालय में 89,059, उन्नाव में 71,870, रायबरेली में 1,01,813, सीतापुर में 83,301, हरदोई में 60, 275, लखीमपुर में 7174 निजी वाहन हैं जो 15 साल की अपनी आयु पूरी कर चुके हैं.

जोन में 15 साल पूरे कर चुके 1,57,174 व्यावसायिक वाहन
लखनऊ जोन में कुल 1,57,174 कॉमर्शियल वाहन ऐसे हैं जो 15 साल की आयु पूरी कर चुके हैं. इनमें राजधानी लखनऊ में 48,384, उन्नाव में 3,385 रायबरेली में 10,455, सीतापुर में 9,335, हरदोई में 3,328 और लखीमपुर में 82,287 वाहन हैं.

इन जिलों में 15 साल से ज्यादा सभी श्रेणी के वाहनों की संख्या
सहारनपुर 1,83,474, मुजफ्फरनगर 122588, बुलंदशहर 125728, गाजियाबाद 178885, मेरठ 179663, नोएडा 126731, बागपत 32090, शामली 1696, बिजनौर 1,49,654, मुरादाबाद 12,956, रामपुर 84629, जेपी नगर 45, 864, बदायूं 53,852, बरेली 1,75,234, पीलीभीत 38,575, शाहजहांपुर 68,711, हरदोई 61,398, लखीमपुर 85,716, लखनऊ 7,28,519,रायबरेली 1,03,425, सीतापुर 85,457, उन्नाव 74,038, अमेठी
1612, हापुड़ 1570, संभल 1976, बहराइच 65,885, बाराबंकी 85,987, अयोध्या 11,55,12, गोंडा 82,838, सुल्तानपुर 98,839, अकबरपुर 39,182, श्रावस्ती 11,321, बलरामपुर 26,986, आजमगढ़ 13,8,964, बस्ती 1,07,465, देवरिया 72,548, गोरखपुर 1,81,882, मऊ 62,305, सिद्धार्थनगर 36,643, महराजगंज 17,222, पडरौना 50,763, संत कबीर नगर 16,195, बलिया 60,341, गाजीपुर 53,752, जौनपुर 1,25,435, मिर्जापुर 46,119, सोनभद्र 64,855, वाराणसी 2,81,976, भदोही 50,195, चंदौली 18,952, प्रयागराज 2,97,111, फतेहपुर 70,945, प्रतापगढ़ 33,448, कौशांबी 26,240, कन्नौज 32,381, इटावा 64722, फर्रुखाबाद 12,013, कानपुर देहात 39,518, कानपुर नगर 3,83,722, औरैया 27,778, आगरा 2,45,622, अलीगढ़ 2,24,488, एटा 35,236, फिरोजाबाद 54,457, मैनपुरी 53,107, मथुरा 98,141, हाथरस 50,593, कासगंज 7,181, बांदा 25,529, हमीरपुर 29,143, उरई 46,756, झांसी 1,58,615, ललितपुर 45,867, महोबा 16,088, चित्रकूट 13,100, महानगर लखनऊ 85,891.

क्या कहते हैं अधिकारी
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू का कहना है कि सरकारी वाहन एक अप्रैल से पहले स्क्रैप कर दिए जाएंगे. वहीं निजी वाहनों की जहां तक बात है तो उन्हें जब तक फिटनेस प्रमाण पत्र जारी होता है तब तक वे सड़क पर संचालित हो सकते हैं. अभी तक यही प्रावधान है, लेकिन इनकी भी आयु सीमा तय करने की आवश्यकता है. आयु सीमा केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ही तय कर सकता है. इसलिए परिवहन मंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखा जाएगा कि निजी वाहनों के साथ ही व्यवसायिक वाहनों की आयु सीमा तय हो जाए. इसके बाद उन्हें भी सड़क पर संचालित न होने दिया जाए. समय पर स्क्रैप कर दिया जाए.

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निजी वाहनों की उम्र पर ईटीवी संवाददाता अखिल की रिपोर्ट.

लखनऊ: सरकार की नजर में 15 साल से ज्यादा पुराने वाहन प्रदूषण का सबब बनते हैं. इन वाहनों से फिजाओं में जहर घुलता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. लिहाजा, हाल ही मे केंद्र सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को एक अप्रैल से पहले हरहाल में स्क्रैप करने के आदेश दिए हैं. इन सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने की तैयारी भी तेजी से शुरू हो गई है. केंद्र सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों की ही तरह निजी वाहनों को भी स्क्रैप करने की भी योजना बनाई है. उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने निजी वाहनों की आयु सीमा तय करने संबंधी प्रस्ताव केंद्रीय परिवहन मंत्री को सौंपने के लिए तैयार किया है. 11 फरवरी को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इन्वेस्टर्स मीट में शामिल होने लखनऊ आ रहे हैं. यहीं पर परिवहन विभाग के अधिकारी उनके सामने प्रस्ताव रखकर अधिकतम आयु सीमा 25 साल तय करने के लिए तर्क प्रस्तुत करेंगे.

वर्तमान में निजी वाहनों की आयु सीमा तय नहीं है. वाहन स्वामी कितने भी साल तक वाहन चला सकता है. जब तक वाहन को फिटनेस प्रमाण पत्र मिलता रहता है, वाहन सड़क पर संचालित होता रहता है. यही वाहन प्रदूषण का बड़ा कारण भी बनते हैं, लेकिन इन वाहनों की अभी तक कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है. अब इन निजी वाहनों की भी उम्र तय करने के लिए परिवहन विभाग ने योजना बनाई है, क्योंकि वाहनों की आयु बढ़ाने या घटाने संबंधी संशोधन केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ही कर सकता है. लिहाजा, 25 वर्ष आयु तय करने के परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर फैसला केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को ही करना है.

विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि निजी वाहन पहली बार रजिस्टर्ड होने पर 15 साल तक संचालित होते हैं. इसके बाद वाहन स्वामी जब तक फिटनेस होती रहती है तब तक वाहन संचालित कर सकता है. वाहन ज्यादा पुराना होने पर दुर्घटना का बड़ा कारण भी बनते हैं, क्योंकि यह फिट नहीं रह जाते. फिर भी इन्हें जुगाड़ से चलाया जाता है. यह प्रदूषण भी ज्यादा फैलाते हैं. ऐसे में अगर यह व्यवस्था बन जाए कि वाहन को 15 साल के बाद सिर्फ पांच पांच साल के लिए दो बार ही री- रजिस्टर्ड किया जाए और 25 साल बाद स्क्रैप कर दिया जाए तो इससे प्रदूषण नहीं फैलेगा और दुर्घटना का कारण भी ऐसे वाहन नहीं बनने पाएंगे.

40 से 50 साल तक दौड़ते रहते हैं ट्रक
परिवहन विभाग में ट्रकों के लिए भी कोई आयु सीमा नहीं है. ऐसे में पुराने कंडम ट्रक 40 से 50 साल तक सड़कों पर दौड़ते रहते हैं. जुगाड़ के सहारे ऐसे ट्रकों को फिटनेस मिल जाती है और यह प्रदूषण फैलाने के लिए सड़क पर माल ढोते रहते हैं. ऐसे ट्रक जिनका नेशनल परमिट होता है उस परमिट की अवधि 12 साल तक होती है लेकिन जैसे ही नेशनल परमिट की अवधि समाप्त होती है, ट्रक मालिक संभागीय परिवहन कार्यालय में ट्रक रजिस्टर्ड करा लेते हैं और फिर इसे संचालित ही करते रहते हैं. ऐसे में ट्रकों की भी आयु निर्धारित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. इन्हें भी 20 से 25 साल तक सड़क पर रहने दिया जाए. इससे ज्यादा संचालित होने पर प्रदूषण पर नियंत्रण स्थापित करना मुश्किल होगा. साथ ही दुर्घटनाएं भी नियंत्रित करने में मुश्किलें खड़ी होती रहेंगी. इन्हें भी एक तय समय सीमा के बाद स्क्रैप करने की जरूरत है.

लखनऊ जोन में 15 साल पूरे कर चुके 11 लाख 42 हजार 878 निजी वाहन
लखनऊ जोन की बात करें तो 15 साल पूरे कर चुके निजी वाहनों की संख्या 11 लाख 42 हजार 878 है. इनमें लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में 7,29,386 निजी वाहनों की संख्या है. विस्तार पटल कार्यालय में 89,059, उन्नाव में 71,870, रायबरेली में 1,01,813, सीतापुर में 83,301, हरदोई में 60, 275, लखीमपुर में 7174 निजी वाहन हैं जो 15 साल की अपनी आयु पूरी कर चुके हैं.

जोन में 15 साल पूरे कर चुके 1,57,174 व्यावसायिक वाहन
लखनऊ जोन में कुल 1,57,174 कॉमर्शियल वाहन ऐसे हैं जो 15 साल की आयु पूरी कर चुके हैं. इनमें राजधानी लखनऊ में 48,384, उन्नाव में 3,385 रायबरेली में 10,455, सीतापुर में 9,335, हरदोई में 3,328 और लखीमपुर में 82,287 वाहन हैं.

इन जिलों में 15 साल से ज्यादा सभी श्रेणी के वाहनों की संख्या
सहारनपुर 1,83,474, मुजफ्फरनगर 122588, बुलंदशहर 125728, गाजियाबाद 178885, मेरठ 179663, नोएडा 126731, बागपत 32090, शामली 1696, बिजनौर 1,49,654, मुरादाबाद 12,956, रामपुर 84629, जेपी नगर 45, 864, बदायूं 53,852, बरेली 1,75,234, पीलीभीत 38,575, शाहजहांपुर 68,711, हरदोई 61,398, लखीमपुर 85,716, लखनऊ 7,28,519,रायबरेली 1,03,425, सीतापुर 85,457, उन्नाव 74,038, अमेठी
1612, हापुड़ 1570, संभल 1976, बहराइच 65,885, बाराबंकी 85,987, अयोध्या 11,55,12, गोंडा 82,838, सुल्तानपुर 98,839, अकबरपुर 39,182, श्रावस्ती 11,321, बलरामपुर 26,986, आजमगढ़ 13,8,964, बस्ती 1,07,465, देवरिया 72,548, गोरखपुर 1,81,882, मऊ 62,305, सिद्धार्थनगर 36,643, महराजगंज 17,222, पडरौना 50,763, संत कबीर नगर 16,195, बलिया 60,341, गाजीपुर 53,752, जौनपुर 1,25,435, मिर्जापुर 46,119, सोनभद्र 64,855, वाराणसी 2,81,976, भदोही 50,195, चंदौली 18,952, प्रयागराज 2,97,111, फतेहपुर 70,945, प्रतापगढ़ 33,448, कौशांबी 26,240, कन्नौज 32,381, इटावा 64722, फर्रुखाबाद 12,013, कानपुर देहात 39,518, कानपुर नगर 3,83,722, औरैया 27,778, आगरा 2,45,622, अलीगढ़ 2,24,488, एटा 35,236, फिरोजाबाद 54,457, मैनपुरी 53,107, मथुरा 98,141, हाथरस 50,593, कासगंज 7,181, बांदा 25,529, हमीरपुर 29,143, उरई 46,756, झांसी 1,58,615, ललितपुर 45,867, महोबा 16,088, चित्रकूट 13,100, महानगर लखनऊ 85,891.

क्या कहते हैं अधिकारी
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू का कहना है कि सरकारी वाहन एक अप्रैल से पहले स्क्रैप कर दिए जाएंगे. वहीं निजी वाहनों की जहां तक बात है तो उन्हें जब तक फिटनेस प्रमाण पत्र जारी होता है तब तक वे सड़क पर संचालित हो सकते हैं. अभी तक यही प्रावधान है, लेकिन इनकी भी आयु सीमा तय करने की आवश्यकता है. आयु सीमा केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ही तय कर सकता है. इसलिए परिवहन मंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखा जाएगा कि निजी वाहनों के साथ ही व्यवसायिक वाहनों की आयु सीमा तय हो जाए. इसके बाद उन्हें भी सड़क पर संचालित न होने दिया जाए. समय पर स्क्रैप कर दिया जाए.

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Last Updated : Feb 7, 2023, 10:49 PM IST
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