लखनऊ: गुजरात और राजस्थान में टिड्डी से किसानों की गन्ना फसल काफी बर्बाद हो गई है. टिड्डी कुछ समय में ही पूरी गन्ना की फसल को चौपट कर देती है. उत्तर प्रदेश में टिड्डी के हमले से पहले ही अलर्ट जारी किया गया है, जिससे गन्ना किसानों की फसल बर्बाद होने से बचाई जा सके. उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय भूसरेड्डी की तरफ से किसानों को एडवाइजरी जारी करते हुए अलर्ट किया गया है. एडवाइजरी द्वारा किसानों को टिड्डी से फसल बचाने के लिए परंपरागत तरीके से थाली और ढोल पीटकर फसल बचाने की बात कही गई है.
जारी की गई एडवाइजरी
एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी विभागीय अधिकारियों एवं गन्ना शोध केंद्र के वैज्ञानिकों को लगातार गांवों का भ्रमण करके टिड्डी कीट के संभावित आक्रमण को विफल करने के लिए किसानों को सजग रहने तथा पर्याप्त सावधानियां बरतने के लिए जागरूक किया जाए. इसके अलावा पंपलेट, हैंडबिल, सोशल मीडिया, वाट्सएप के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जाए. लेखन कराने तथा किसानों तक पंपलेट भेजने को लेकर भी जागरूक करना है.
इसके साथ ही गन्ना आयुक्त की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में यह भी बताया गया है कि टिड्डियों से बचाव के लिए खेत की मेड़ों से घास की साफ-सफाई करना आवश्यक है क्योंकि यह घास में ही अंडे देती हैं और शोर होने से डर जाती हैं. अतः इनका व्यापक प्रकोप होने की दशा में ढोल, थाली आदि बजाना चाहिए, ताकि वह डरकर भाग जाएं.
किसानों को एडवाइजरी जारी की गई है टिड्डी कीट से बचाव को लेकर इसके साथ ही अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं. एडवाइजरी द्वारा अधिकारियों से यह कहा गया है कि वे किसानों के साथ संवाद करें. पंपलेट आदि के माध्यम से भी किसानों के बीच जाएं और टिड्डी से बचाव के उपाय करें. मैसेज, वाट्सएप संदेश और सोशल मीडिया के माध्यम से भी कीट प्रकोप से बचाव को लेकर किसानों के साथ चर्चा की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान और गुजरात राज्य में काफी संख्या में टिड्डी कीट के हमले से सैकड़ों बीघे गन्ना की फसल बर्बाद हो गई थी, जिसको संज्ञान में लेकर उत्तर प्रदेश के गन्ना विभाग ने किसानों को अलर्ट जारी किया है.