लखनऊ: हमारे समाज में महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं. तमाम संस्थाओं को महिलाएं ही लीड कर रही हैं. हमारे देश की प्रथम नागरिक भी महिला ही हैं. अब ऐसा कोई काम नहीं जिसे महिलाएं बेहतर तरीके से अंजाम न दे सकें. इसका जीता जागता उदाहरण है बसों का संचालन. अभी तक आपने पुरुष चालकों के हाथ में ही बसों की स्टीयरिंग देखी होगी. लेकिन, नए साल पर परिवहन निगम में कुछ नया देखने को मिलेगा. महिला स्पेशल पिंक बसों की स्टीयरिंग पुरुष चालकों के हाथ न होकर महिला चालकों के हाथों में होगी.
परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि लखनऊ समेत नौ शहरों की 17 महिलाओं की बस चलाने की ट्रेनिंग कानपुर में प्रारंभ हो गई है. छह माह की ये ट्रेनिंग दिसंबर में पूरी हो जाएगी. इसके बाद नए साल के जनवरी माह से महिला स्पेशल पिंक बसों की कमान इन्हीं हुनरमंद महिलाओं के हाथ होगी. उन्होंने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत महिला चालकों को चार स्तरों पर ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. परिवहन निगम के कानपुर स्थित विकासनगर के मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग का आगाज हो गया है. 21 महिलाओं की टीम में से 17 महिलाओं का प्रशिक्षण इस साल पूरा हो जाएगा. इसके बाद उन्हें विभिन्न डिपों में तैनाती दी जाएगी.
इन नौ डिपो की महिलाओं का प्रशिक्षण प्रारंभ
लखनऊ के अवध डिपो की दो महिलाओं के साथ ही फजलगंज डिपो की एक, उन्नाव डिपो की एक, विकासनगर डिपो की छह, किदवईनगर डिपो की दो, अलीगढ़ डिपो की एक, लोनी डिपो की एक, ताज डिपो की दो और कौशांबी डिपो की एक महिला को मिलाकर कुल 17 महिलाओं की ट्रेनिंग की शुरुआत हो गई है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस बेड़े में 50 महिला स्पेशल पिंक बसें शामिल हैं. इन बसों पर महिलाओं के साथ ही ब्लड रिलेशन के लोग ही सफर कर सकते हैं. इन सभी बसों पर महिला परिचालकों की ही तैनाती है. अब जब रोडवेज में महिला चालक शामिल हो जाएंगी तो यह बसें पूरी तरह महिलाओं के ही हाथ संचालित होंगी.
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