लखनऊ: स्कॉलरशिप के लिए इंतजार कर रहे छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं आने से काफी परेशानी हो रही है. उन पर संस्थान में फीस जमा करने का दबाव बढ़ गया है. स्कॉलरशिप में तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण कई वर्गों के छात्रों की स्कॉलरशिप उनके बैंक खातों में अभी तक नहीं पहुंची है. डिस्ट्रिक्ट लेवल पर डेटा रिजेक्ट हो जाने के कारण छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल पा रही है. ऐसे में समाज कल्याण विभाग विशेष तौर पर अनुसूचित जाति के जिन छात्रों का डाटा रिजेक्ट हो गया है, उन्हें अगले वित्त वर्ष में छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई करेगा. इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को पत्र भेज दिया है.
ज्ञात हो कि पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से तकनीकी और अन्य खामियों के चलते डाटा रिजेक्ट होने वाले छात्रों की संख्या समाज कल्याण विभाग ने करीब एक लाख बताई है. समाज कल्याण विभाग ने केंद्रीय मंत्रालय को समस्या के संबंध में पत्र लिखा है. अनुसूचित जाति के ढाई लाख रुपये सालाना तक आय वाले परिवारों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के साथ ही शुल्क भरपाई की सुविधा मिलती है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष में पीएफएमएस ने आधार लिंक बैंक खातों में दिक्कत दिखाते हुए इनका डाटा रिजेक्ट कर दिया. इनकी संख्या कितनी है यह 31 मार्च को ही स्पष्ट हो सकेगी. इनमें कक्षा 9, 10 और उससे ऊपर की विभिन्न कक्षाओं के छात्र शामिल हैं. जानकारी के अनुसार, पीएफएमएस के माध्यम से आधार लिंक खाते को रिस्पांस न मिलने पर जिला समाज कल्याण अधिकारियों को भी उस डाटा को स्वीकार करने का ऑप्शन नहीं मिलता है. इसलिए समाज कल्याण विभाग ने केंद्रीय मंत्रालय को पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए इन छात्रों को राहत देने के लिए पत्र लिखा है. इन छात्रों के डाटा पर नए सिरे से विचार करने के लिए 15 अप्रैल से छात्रवृत्ति की वेबसाइट को खोला जाएगा.
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