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यूपी के राहत आयुक्त का दावा, बाढ़ से 303 गांव जलमग्न

बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण उत्तर प्रदेश के 303 गांव बाढ़ की चपेट में है. उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार राहत व बचाव कार्य किये जा रहे हैं.

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जानकारी देते प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल.
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Published : Aug 10, 2020, 7:41 PM IST

लखनऊ: बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने कारण प्रदेश के करीब 20 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके चलते यहां जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. प्रदेश सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार राहत व बचाव कार्य किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने जारी बयान में कहा कि बाढ़ से 303 गांव जलमग्न हैं, लेकिन लगातार राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं.


प्रदेश के राहत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश के 20 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जब कि इन 20 जिलों के 582 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और इनमें 303 गांव जलमग्न हैं. इन गांवों का दूसरे इलाकों से संपर्क भी टूट चुका है. प्रदेश में 300 बाढ़ कैंप बनाए गए हैं और प्रदेश में अब तक 1,83,000 मीटर त्रिपाल बांटा गया है. साथ ही राशन और अन्य खाद्य सामग्री बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचाई जा रही है. उन्होंने बताया कि 922 नावों के जरिए हालात को नियंत्रण करने की लगातार कोशिश की जा रही है.

संजय गोयल के मुताबिक प्रदेश में 715 बाढ़ चौकियां स्थापित कर बाढ़ प्रभावित इलाकों में पूरी तरह से नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि अंबेडकर नगर, लखीमपुर खीरी, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बस्ती, कुशीनगर, मऊ, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, महाराजगंज, संतकबीर नगर, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, देवरिया, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर और सीतापुर जिले के तमाम इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं.

राहत आयुक्त के अनुसार प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं, जिससे कि जल्द से जल्द बाढ़ पर नियंत्रण किया जा सके. बाढ़ चौकी राहत कैंप भी स्थापित किए गए हैं और मेडिकल टीम और अन्य जलमग्न इलाकों में लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. साथ ही पशुओं के लिए भी टीकाकरण सहित उनके चारे के लिए भूसे की लगातार व्यवस्था की जा रही है.

संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ राहत कार्यों की मॉनिटरिंग सीएम योगी के दिशा-निर्देश पर की जा रही है. प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ से निपटने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मुख्यालय स्तर पर भी लगातार बाढ़ से संबंधित राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है और प्रभावित जिलों का दौरा भी किया जा रहा है.

लखनऊ: बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने कारण प्रदेश के करीब 20 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके चलते यहां जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. प्रदेश सरकार की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार राहत व बचाव कार्य किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने जारी बयान में कहा कि बाढ़ से 303 गांव जलमग्न हैं, लेकिन लगातार राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं.


प्रदेश के राहत आयुक्त ने बताया कि प्रदेश के 20 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जब कि इन 20 जिलों के 582 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और इनमें 303 गांव जलमग्न हैं. इन गांवों का दूसरे इलाकों से संपर्क भी टूट चुका है. प्रदेश में 300 बाढ़ कैंप बनाए गए हैं और प्रदेश में अब तक 1,83,000 मीटर त्रिपाल बांटा गया है. साथ ही राशन और अन्य खाद्य सामग्री बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचाई जा रही है. उन्होंने बताया कि 922 नावों के जरिए हालात को नियंत्रण करने की लगातार कोशिश की जा रही है.

संजय गोयल के मुताबिक प्रदेश में 715 बाढ़ चौकियां स्थापित कर बाढ़ प्रभावित इलाकों में पूरी तरह से नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि अंबेडकर नगर, लखीमपुर खीरी, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बस्ती, कुशीनगर, मऊ, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, महाराजगंज, संतकबीर नगर, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, देवरिया, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर और सीतापुर जिले के तमाम इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं.

राहत आयुक्त के अनुसार प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं, जिससे कि जल्द से जल्द बाढ़ पर नियंत्रण किया जा सके. बाढ़ चौकी राहत कैंप भी स्थापित किए गए हैं और मेडिकल टीम और अन्य जलमग्न इलाकों में लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. साथ ही पशुओं के लिए भी टीकाकरण सहित उनके चारे के लिए भूसे की लगातार व्यवस्था की जा रही है.

संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ राहत कार्यों की मॉनिटरिंग सीएम योगी के दिशा-निर्देश पर की जा रही है. प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ से निपटने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मुख्यालय स्तर पर भी लगातार बाढ़ से संबंधित राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है और प्रभावित जिलों का दौरा भी किया जा रहा है.

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