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यूपी रेरा की बड़ी कार्रवाई, 11 कंपनियों पर लगाया 1.24 करोड़ का जुर्माना

उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने आदेशों का पालन न करने वाले 11 बिल्डरों पर 1.24 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. इसमें भी अंसल एपीआई पर 8.86 लाख का जुर्माना लगा है. ये फैसला शुक्रवार को यूपी रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई 59वीं बैठक में लिए गए.

यूपी रेरा की बड़ी कार्रवाई
यूपी रेरा की बड़ी कार्रवाई
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Published : Mar 21, 2021, 9:23 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) (real estate regulatory authority ) ने अपनी 59वीं बैठक में 11 रियल स्टेट कंपनी के ऊपर एक करोड़ 24 लाख 14 हजार 345 रुपये का अर्थ दंड लगाया है. प्राधिकरण के नियम के तहत काम ना पाए जाने के चलते ये अर्थ दंड लगाया गया है. प्राधिकरण के आदेशों के अनुपालन में त्रुटि के लिए धारा 63 के अंतर्गत यह अर्थदंड की कार्रवाई का निर्णय लिया गया है.

किन कंपनियों पर और कितना लगा अर्थदंड

  • मेसर्स सपर्टेक लिमिटेड पर 32 लाख 10 हजार 160 रुपये
  • मेसर्स महागुण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर 6 लाख 91 हजार 530 रुपये
  • मेसर्स निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 6 लाख 45 हजार 390 रुपये
  • मेसर्स सारे सामग रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड पर 11 लाख 58 हजार 720 रुपये
  • मेसर्स न्यूटेक प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 5 लाख 87 हजार 275 रुपये
  • मेसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर 8 लाख 86 हजार 095 रुपये
  • मेसर्स टीजीबी रियलिटी लिमिटेड पर 13 लाख 35 हजार 405 रुपये
  • मेसर्स आईवीआर प्राइम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 9 लाख 92 हजार 580 रुपये
  • मेसर्स लॉ रेजिडेंशिय डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 5 लाख 38 हजार 020 रुपये
  • मेसर्स लजिक्स इंफ्रा स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर 19 लाख 57 हजार 360 रुपये
  • मेसर्स लॉजिक सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमटेड पर 4 लाख 11 हजार 810 रुपये

    एक महीने में जमा करना होगा अर्थ दंड

    प्राधिकरण द्वारा प्रमोटर्स को आदेश का अनुपालन 1 महीने के भीतर सुनिश्चित करना है. यह भी निर्णय लिया गया है कि अगर प्रमोटर 1 महीने के अंदर अर्थदंड की धनराशि प्राधिकरण में जमा नहीं करवाता है तो भू राजस्व के बकाए की तरह वसूली की जाएगी.

    रेरा ने अंसल ए पी आयी पॉकेट 4 की परियोजना का लाइसेंस किया निरस्त

    अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की अंसल एपीआई पॉकेट 4 सेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना की पंजीयन निरस्त्रीकरण का फैसला लिया गया. अंसल एपीआई द्वारा रेरा में पंजीयन की शर्तों का अनुपालन न करने और रेरा अधिनियम और उत्तर प्रदेश रेरा नियमावली के प्रावधानों के उल्लंघन करने के साथ-साथ आवंटित द्वारा किए गए अनुबंध के नियम और शर्तों के उल्लंघन के लिए प्राधिकरण द्वारा अंसल एपीआई पॉकेट 4 सेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना का निरस्तीकरण कर दिया.

    अंसल की इस परियोजना में प्राधिकरण को मिली कई खामियां

    1.प्रमोटर द्वारा परियोजना के अंतर्गत इकाइयों के विक्रय में अनियमितताएं बरती गई है.

    2.परियोजना का मानचित्र स्वीकृत कराए बिना आवंटन से धनराशि प्राप्त की गई जो कपट पूर्ण व्यापार पद्धति का प्रतीक है.

    3.प्रमोटर द्वारा वर्ष 2011 से लेकर 9 वर्षों में परियोजना में कोई कार्य नहीं किया गया है.

    4.प्रमोटर द्वारा आवंटन से प्राप्त 16 करोड़ 3 लाख का डायवर्जन किया गया.

    5.प्रमोटर द्वारा परियोजना की क्यूपीआर सहित अन्य आवश्यक विवरण प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए गए.

    6. प्रमोटर द्वारा प्राधिकरण की पीठों के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया.

    रेरा ने परियोजना के निरस्तीकरण के बाद की कड़ी कार्रवाई

    प्राधिकरण द्वारा प्रमोटर के प्राधिकरण की वेबसाइट पर परियोजना के रजिस्ट्रेशन पेज को एक्सेस करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. परियोजना का एचडीएफसी बैंक लिमिटेड हजरतगंज में चालू अकाउंट निष्क्रिय कर दिया गया है. परियोजना के अवशेष कार्यों को रेरा की धारा 8 के अंतर्गत पूर्ण कराने के लिए प्राधिकरण के सदस्य परियोजना अनुश्रवण तथा परामर्श दात्री समिति गठित की गई है.

    कोरोना के चलते वर्चुअल सुनवाई भी कर सकते हैं शिकायतकर्ता

    प्राधिकरण की तरफ से तीसरा फैसला 15 मई 2021 से शिकायतकर्ता गण को भौतिक रूप से सुनवाई का विकल्प प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. कोविड-19 महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने की भारत सरकार और राज्य सरकार की नीति और जन स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखते हुए प्राधिकरण द्वारा ई -कोर्ट के माध्यम से शिकायतों को वर्चुअल सुना जाएगा, जिन पक्षकारों द्वारा भौतिक सुनवाई का अनुरोध किया जाता है. उन्हें 15 मई 2021 से फिजिकल हियरिंग का अवसर प्रदान किया जाएगा. लेकिन एक बार विकल्प देने के पश्चात उनको विकल्प परिवर्तित करने की अनुमति नहीं होगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) (real estate regulatory authority ) ने अपनी 59वीं बैठक में 11 रियल स्टेट कंपनी के ऊपर एक करोड़ 24 लाख 14 हजार 345 रुपये का अर्थ दंड लगाया है. प्राधिकरण के नियम के तहत काम ना पाए जाने के चलते ये अर्थ दंड लगाया गया है. प्राधिकरण के आदेशों के अनुपालन में त्रुटि के लिए धारा 63 के अंतर्गत यह अर्थदंड की कार्रवाई का निर्णय लिया गया है.

किन कंपनियों पर और कितना लगा अर्थदंड

  • मेसर्स सपर्टेक लिमिटेड पर 32 लाख 10 हजार 160 रुपये
  • मेसर्स महागुण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर 6 लाख 91 हजार 530 रुपये
  • मेसर्स निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 6 लाख 45 हजार 390 रुपये
  • मेसर्स सारे सामग रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड पर 11 लाख 58 हजार 720 रुपये
  • मेसर्स न्यूटेक प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 5 लाख 87 हजार 275 रुपये
  • मेसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर 8 लाख 86 हजार 095 रुपये
  • मेसर्स टीजीबी रियलिटी लिमिटेड पर 13 लाख 35 हजार 405 रुपये
  • मेसर्स आईवीआर प्राइम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 9 लाख 92 हजार 580 रुपये
  • मेसर्स लॉ रेजिडेंशिय डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 5 लाख 38 हजार 020 रुपये
  • मेसर्स लजिक्स इंफ्रा स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर 19 लाख 57 हजार 360 रुपये
  • मेसर्स लॉजिक सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमटेड पर 4 लाख 11 हजार 810 रुपये

    एक महीने में जमा करना होगा अर्थ दंड

    प्राधिकरण द्वारा प्रमोटर्स को आदेश का अनुपालन 1 महीने के भीतर सुनिश्चित करना है. यह भी निर्णय लिया गया है कि अगर प्रमोटर 1 महीने के अंदर अर्थदंड की धनराशि प्राधिकरण में जमा नहीं करवाता है तो भू राजस्व के बकाए की तरह वसूली की जाएगी.

    रेरा ने अंसल ए पी आयी पॉकेट 4 की परियोजना का लाइसेंस किया निरस्त

    अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की अंसल एपीआई पॉकेट 4 सेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना की पंजीयन निरस्त्रीकरण का फैसला लिया गया. अंसल एपीआई द्वारा रेरा में पंजीयन की शर्तों का अनुपालन न करने और रेरा अधिनियम और उत्तर प्रदेश रेरा नियमावली के प्रावधानों के उल्लंघन करने के साथ-साथ आवंटित द्वारा किए गए अनुबंध के नियम और शर्तों के उल्लंघन के लिए प्राधिकरण द्वारा अंसल एपीआई पॉकेट 4 सेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना का निरस्तीकरण कर दिया.

    अंसल की इस परियोजना में प्राधिकरण को मिली कई खामियां

    1.प्रमोटर द्वारा परियोजना के अंतर्गत इकाइयों के विक्रय में अनियमितताएं बरती गई है.

    2.परियोजना का मानचित्र स्वीकृत कराए बिना आवंटन से धनराशि प्राप्त की गई जो कपट पूर्ण व्यापार पद्धति का प्रतीक है.

    3.प्रमोटर द्वारा वर्ष 2011 से लेकर 9 वर्षों में परियोजना में कोई कार्य नहीं किया गया है.

    4.प्रमोटर द्वारा आवंटन से प्राप्त 16 करोड़ 3 लाख का डायवर्जन किया गया.

    5.प्रमोटर द्वारा परियोजना की क्यूपीआर सहित अन्य आवश्यक विवरण प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए गए.

    6. प्रमोटर द्वारा प्राधिकरण की पीठों के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया.

    रेरा ने परियोजना के निरस्तीकरण के बाद की कड़ी कार्रवाई

    प्राधिकरण द्वारा प्रमोटर के प्राधिकरण की वेबसाइट पर परियोजना के रजिस्ट्रेशन पेज को एक्सेस करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. परियोजना का एचडीएफसी बैंक लिमिटेड हजरतगंज में चालू अकाउंट निष्क्रिय कर दिया गया है. परियोजना के अवशेष कार्यों को रेरा की धारा 8 के अंतर्गत पूर्ण कराने के लिए प्राधिकरण के सदस्य परियोजना अनुश्रवण तथा परामर्श दात्री समिति गठित की गई है.

    कोरोना के चलते वर्चुअल सुनवाई भी कर सकते हैं शिकायतकर्ता

    प्राधिकरण की तरफ से तीसरा फैसला 15 मई 2021 से शिकायतकर्ता गण को भौतिक रूप से सुनवाई का विकल्प प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. कोविड-19 महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने की भारत सरकार और राज्य सरकार की नीति और जन स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखते हुए प्राधिकरण द्वारा ई -कोर्ट के माध्यम से शिकायतों को वर्चुअल सुना जाएगा, जिन पक्षकारों द्वारा भौतिक सुनवाई का अनुरोध किया जाता है. उन्हें 15 मई 2021 से फिजिकल हियरिंग का अवसर प्रदान किया जाएगा. लेकिन एक बार विकल्प देने के पश्चात उनको विकल्प परिवर्तित करने की अनुमति नहीं होगी.
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