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यूपी में आरएलडी अब सपा से नहीं कांग्रेस से मांग रही सीटें, INDIA Alliance के सामने खड़ी हो रही चुनौती

इंडिया गठबंधन के लिए उत्तर प्रदेश की डगर काफी मुश्किल है. दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटे INDIA Alliance के घटक दलों में सीटों को लेकर तालमेल बैठना आसान नहीं दिख रहा है. फिलवक्त सपा, कांग्रेस और रालोद के बीच सीटों को लेकर खींचतान सतह पर आ गई है. रालोद और सपा के बीच भी रस्साकसी चालू है. देखें खास रिपोर्ट.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 2:50 PM IST

यूपी में आरएलडी और सपा के बीच तालमेल की जानकारी देते वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन रहा हो. सपा मुखिया अखिलेश यादव के सहयोग से आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी राज्यसभा पहुंचने में सफल हुए हों, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में आरएलडी का सपा से गठबंधन मुश्किल है. वजह है कि समाजवादी पार्टी से लोकसभा सीटें मांगने के बजाय अब आरएलडी की तरफ से कांग्रेस पार्टी से सीटें मांगी जा रही हैं. आरएलडी के नेता बताते हैं कि इंडिया गठबंधन का आरएलडी हिस्सा है और आरएलडी की तरफ से इंडिया गठबंधन से तीन राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए 12 सीटों की डिमांड रखी जाएगी. इनमें यूपी के अलावा राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं.

यूपी में कांग्रेस और रालोद का तालमेल.
यूपी में कांग्रेस और रालोद का तालमेल.
रालोद प्रवक्ता का दावा.
रालोद प्रवक्ता का दावा.
2022 का यूपी विधानसभा चुनाव आरएलडी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी को 33 सीटें दी थीं. इनमें जयंत चौधरी की पार्टी आठ सीटें जीतने में सफल रही थी. इसके बाद एक सीट पर उपचुनाव हुआ वह सीट भी आरएलडी के खाते में ही आई. कुल मिलाकर वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश में नौ विधायक हैं. अब विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं इसलिए एक बार फिर से गठबंधन वाली पार्टियां सीटों को लेकर क्लेम करने लगी हैं.
पिछले चुनाव में प्रदर्शन.
पिछले चुनाव में प्रदर्शन.

राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से 10 सीटों की डिमांड की गई थी लेकिन उधर से कोई रिस्पांस नहीं मिला. इसके बाद आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी को समझ आने लगा है कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन चल पाना मुश्किल होगा. इंडिया गठबंधन का तो हिस्सा रहना सही साबित हो सकता है लेकिन मुंहमांगी सीटें कांग्रेस पार्टी ही दे सकती है. पार्टी के विश्वास सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय लोक दल ने अब समाजवादी पार्टी की जगह कांग्रेस के नेताओं से चर्चा करनी शुरू कर दी है और रिस्पांस भी मिल रहा है. अब अखिलेश की तरफ से लगातार ऐसे बयान आ रहे हैं कि 65 से ज्यादा सीटों पर वह अकेले चुनाव लड़ेंगे जबकि इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस और आरएलडी भी शामिल हैं, ऐसे में अब आरएलडी को लगने लगा है कि सपा से सीटें मिलने से रहीं, इसलिए गठबंधन के लिए कांग्रेस ही सही.

यह भी पढ़ें : UP Politics : अखिलेश से दूर होने की तैयारी में जयंत, जानिए सियासी फायदे के लिए क्या कर रहे प्लानिंग

दलगत टूट से मजबूत हुआ रालोद का कुनबा, ऐसे पश्चिम में चित होंगे दिग्गज

यूपी में आरएलडी और सपा के बीच तालमेल की जानकारी देते वरिष्ठ संवाददाता अखिल पांडेय.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन रहा हो. सपा मुखिया अखिलेश यादव के सहयोग से आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी राज्यसभा पहुंचने में सफल हुए हों, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में आरएलडी का सपा से गठबंधन मुश्किल है. वजह है कि समाजवादी पार्टी से लोकसभा सीटें मांगने के बजाय अब आरएलडी की तरफ से कांग्रेस पार्टी से सीटें मांगी जा रही हैं. आरएलडी के नेता बताते हैं कि इंडिया गठबंधन का आरएलडी हिस्सा है और आरएलडी की तरफ से इंडिया गठबंधन से तीन राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए 12 सीटों की डिमांड रखी जाएगी. इनमें यूपी के अलावा राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं.

यूपी में कांग्रेस और रालोद का तालमेल.
यूपी में कांग्रेस और रालोद का तालमेल.
रालोद प्रवक्ता का दावा.
रालोद प्रवक्ता का दावा.
2022 का यूपी विधानसभा चुनाव आरएलडी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी को 33 सीटें दी थीं. इनमें जयंत चौधरी की पार्टी आठ सीटें जीतने में सफल रही थी. इसके बाद एक सीट पर उपचुनाव हुआ वह सीट भी आरएलडी के खाते में ही आई. कुल मिलाकर वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश में नौ विधायक हैं. अब विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं इसलिए एक बार फिर से गठबंधन वाली पार्टियां सीटों को लेकर क्लेम करने लगी हैं.
पिछले चुनाव में प्रदर्शन.
पिछले चुनाव में प्रदर्शन.

राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से 10 सीटों की डिमांड की गई थी लेकिन उधर से कोई रिस्पांस नहीं मिला. इसके बाद आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी को समझ आने लगा है कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन चल पाना मुश्किल होगा. इंडिया गठबंधन का तो हिस्सा रहना सही साबित हो सकता है लेकिन मुंहमांगी सीटें कांग्रेस पार्टी ही दे सकती है. पार्टी के विश्वास सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय लोक दल ने अब समाजवादी पार्टी की जगह कांग्रेस के नेताओं से चर्चा करनी शुरू कर दी है और रिस्पांस भी मिल रहा है. अब अखिलेश की तरफ से लगातार ऐसे बयान आ रहे हैं कि 65 से ज्यादा सीटों पर वह अकेले चुनाव लड़ेंगे जबकि इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस और आरएलडी भी शामिल हैं, ऐसे में अब आरएलडी को लगने लगा है कि सपा से सीटें मिलने से रहीं, इसलिए गठबंधन के लिए कांग्रेस ही सही.

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