लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन रहा हो. सपा मुखिया अखिलेश यादव के सहयोग से आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी राज्यसभा पहुंचने में सफल हुए हों, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में आरएलडी का सपा से गठबंधन मुश्किल है. वजह है कि समाजवादी पार्टी से लोकसभा सीटें मांगने के बजाय अब आरएलडी की तरफ से कांग्रेस पार्टी से सीटें मांगी जा रही हैं. आरएलडी के नेता बताते हैं कि इंडिया गठबंधन का आरएलडी हिस्सा है और आरएलडी की तरफ से इंडिया गठबंधन से तीन राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए 12 सीटों की डिमांड रखी जाएगी. इनमें यूपी के अलावा राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं.
राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से 10 सीटों की डिमांड की गई थी लेकिन उधर से कोई रिस्पांस नहीं मिला. इसके बाद आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी को समझ आने लगा है कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन चल पाना मुश्किल होगा. इंडिया गठबंधन का तो हिस्सा रहना सही साबित हो सकता है लेकिन मुंहमांगी सीटें कांग्रेस पार्टी ही दे सकती है. पार्टी के विश्वास सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय लोक दल ने अब समाजवादी पार्टी की जगह कांग्रेस के नेताओं से चर्चा करनी शुरू कर दी है और रिस्पांस भी मिल रहा है. अब अखिलेश की तरफ से लगातार ऐसे बयान आ रहे हैं कि 65 से ज्यादा सीटों पर वह अकेले चुनाव लड़ेंगे जबकि इंडिया गठबंधन में समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस और आरएलडी भी शामिल हैं, ऐसे में अब आरएलडी को लगने लगा है कि सपा से सीटें मिलने से रहीं, इसलिए गठबंधन के लिए कांग्रेस ही सही.
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