लखनऊ : सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के सनातन विरोधी बयानों को लेकर भारतीय जनता पार्टी बहुत अधिक आक्रमक नहीं है. दरअसल भाजपा मौर्य के बयानों को लेकर अखिलेश को जिम्मेदार बताकर स्वामी को बचा रही है, ताकि दलित वोटरों पर विपरीत प्रभाव न पड़े. इस चक्कर में भाजपा अपने काॅडर वोटरों के खिलाफ चल रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य वास्तविकता में ब्राह्मणों पर निशाना साध रहे हैं और वही बातें कर रहे हैं जो काशीराम के समय में कभी बहुजन समाज पार्टी कहा करती थी. ऐसे में अनुसूचित जाति का बहुत बड़ा वर्ग स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ खड़ा होता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती की बहुत आक्रामक होकर वह भाजपा जो वोट पा चुकी है उसको खो दे. स्वामी प्रसाद मौर्य जो मुद्दे को उठाते हैं उसके पीछे अगर भाजपा ज्यादा भागेगी तो पार्टी का यह मानना है कि उसको फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा. मगर एक पक्ष या भी है कि सनातन धर्म के विरोध में खड़े स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर आक्रामक न होने से भाजपा का कट्टर हिंदू वोटर आशंकित होता जा रहा है.
दूसरे राज्यों के नेताओं के बयान पर सड़क पर उतर रही भाजपा : हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के संबंध में एक बहुत आपत्तिजनक बयान विधानसभा में दिया था. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बहुत आक्रामक हो गई थी. भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने सड़क पर उतरकर नीतीश कुमार का पुतला फुका था. ऐसे ही अन्य राज्यों में नेताओं के बयानों पर भारतीय जनता पार्टी समय-समय पर सड़क पर उतर चुकी है. मगर स्वामी प्रसाद मौर्य जब दीपावली के मौके पर माता लक्ष्मी का अपमान करते हैं तब भाजपा के कुछ नेता केवल ट्वीट करते हैं. वे एक प्रेस वार्ता भी नहीं करते हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने दीपावली के मौके पर जब माता लक्ष्मी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया तो भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x पर एक पोस्ट जरूर की थी. इसके बाद में इस मुद्दे पर पार्टी बैक फुट पर ही नजर आ रही है.
ब्राह्मणवाद के खिलाफ हैं स्वामी के बयान : वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय में बताते हैं कि निश्चित तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्य जो मुद्दे उठा रहे हैं वह ब्राह्मणवाद के खिलाफ है. अनुसूचित जाति के समर्थन में है ऐसे मुद्दों पर लंबे समय से बहस होती चली आ रही है. हिंदू धर्म में भी बहुत बड़ा ऐसा वर्ग भी है जो मूर्ति पूजा और ब्राह्मणवाद के खिलाफ है. इसलिए भाजपा सीधे स्वामी प्रसाद मौर्य से मोर्चा नहीं ले रही है यह एक सूची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है.
भाजपा का धर्म में कोई आस्था नहीं, सिर्फ श्रीराम के नाम पर कर रही मार्केटिंग: स्वामी प्रसाद मौर्य