लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हुक्का बार पर 2 साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसके बावजूद समूचे प्रदेश में हुक्काबार धड़ल्ले से चल रहे है. इसी को लेकर राज्य में एक साथ पुलिस ने ऐसे बार पर छापेमारी कर कार्रवाई की है जो युवाओं को हुक्का परोस रहे थे. यूपी पुलिस ने 22 जिलों में एक साथ कार्रवाई करते हुए 342 हुक्काबारों पर छापा मारा. पुलिस ने 785 लोगों को गिरफ्तार किया.
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक यूपी में आगरा, बरेली, गोरखपुर, बस्ती, संतकबीरनगर , सिद्धार्थ नगर , इटावा, हरदोई , रायबरेली, उन्नाव, अयोध्या, बाराबंकी, मेरठ , गाजियाबाद, सहारनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और गौतमबुद्धनगर में सोमवार को हुक्का बार और अवैध मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ एक साथ कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि 342 हुक्का बार और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के 4338 जगह पर दबिश दी गई. इसमें 702 एफआईआर दर्ज की गई और 785 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
प्रशांत कुमार ने बताया कि दबिश के दौरान हुक्का बार में परोसे जाने वाले फ्लेवर्स, अवैध तम्बाकू, चिलम, नाईट क्वीन, अवैध शराब, नशीला पाउडर, गांजा, चरस, हिरोईन, स्मैक, डाइजापाम, एलप्राजोलम, डोडा और अफीम बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि बरामद किए गए नशीले पदार्थों की कीमत साढ़े पांच करोड़ से अधिक आंकी गई है.
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हुक्का बार को लेकर कोर्ट ने क्या कहा था?
2 साल पहले कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि लॉकडाउन के बावजूद कोरोना जंगल की आग की तरह फैलता जा रहा है. यह मानव जीवन के अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है. हम घने अंधेरे जंगल के बीच खड़े हैं. कल क्या होगा, इसका पता नहीं है. यदि रेस्टोरेंट और कैफे में हुक्का बार पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो यह सामुदायिक संक्रमण का रूप ले लेगा.
लखनऊ के छात्र ने दाखिल की थी कोर्ट में याचिका
लखनऊ विश्वविद्यालय में कानून के छात्र हर गोविंद पांडेय ने यूपी में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. छात्र ने कई अधिकारियों को इस बारें में पत्र भी लिखा था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. कोर्ट ने भी मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. कहा था कि क्यों न याचिका स्वीकार कर ली जाए. लेकिन कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया.