लखनऊः उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की मतगणना पूरी हो गई है. करीब 80 घंटे में सभी 75 जिलों में मतगणना का काम पूरा हुआ है और निर्वाचित उम्मीदवारों को जिला निर्वाचन अधिकारियों के द्वारा निर्वाचन सर्टिफिकेट भी दिए गए हैं. हालांकि प्रदेश के तमाम जिलों में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को सर्टिफिकेट देने में स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही और लेटलतीफी की शिकायतें आयोग को मिली हैं. राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने कहा है कि निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को सर्टिफिकेट प्रशासन द्वारा न मिलने की प्रमाण सहित उनके पास शिकायत आती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
826 मतगणना केंद्रों पर हुई मतगणना
प्रदेश भर के 826 मतगणना केंद्रों पर दो मई की सुबह आठ बजे से शुरू हुई वोटों की गिनती चार मई की शाम पूरी हुई. कई जिलों में यह काम तीन मई की शाम को पूरी हो गया था, लेकिन मतगणना पूरी होने का काम चार मई को पूरा होने की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग ने दी है.
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12 लाख 89 हजार 830 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे
चारों चरणों में 12 लाख 89 हजार 830 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. यह सभी उम्मीदवार जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पदों पर चुनाव लड़े थे.
इस पद पर थे इतने उम्मीदवार
- जिला पंचायत सदस्य 44,397
- क्षेत्र पंचायत सदस्य 3,42,439
- ग्राम पंचायत अध्यक्ष 4,64,770
- ग्राम पंचायत सदस्य 4,38,270
इतने पंचायत प्रतिनिधि निर्वाचित
पंचायत चुनाव में प्रदेश के सभी 75 जिलों में 58 हजार 176 ग्राम प्रधान, 7 लाख 32 हजार 485 ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य, 75 हजार 852 क्षेत्र पंचायत वार्ड और 3050 जिला पंचायत सदस्य वार्ड के पदों पर चुनाव हुए थे. जिनकी निर्वाचन प्रक्रिया मतगणना के बाद पूरी हो गई. इसके बाद इन सभी को निर्वाचित घोषित किया गया है. हालांकि कुछ जिलों में निर्वाचित प्रतिनिधियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा जीत का सर्टिफिकेट देने में लापरवाही और लेटलतीफी की शिकायतें मिलीं. आरोप लगे कि सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर उन्हें सर्टिफिकेट देने में मनमानी करने का काम किया गया.
प्रदेशभर में तीन लाख 19 हजार उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित
वहीं प्रदेशभर में सम्पन्न हुई चार चरणों में चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत तीन लाख 19 हजार 370 उम्मीदवार चारों पदों पर निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इनमें 7 जिला पंचायत सदस्य, 2005 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 178 ग्राम प्रधान प्रदेशभर में निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इसी तरह ग्राम पंचायत सदस्य के तीन लाख 17 हजार 127 निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.