लखनऊ: बीजेपी की घोषित 30 एमएलसी प्रत्याशियों की लिस्ट में एक भी हारा हुआ विधायक शामिल नहीं है. वहीं, दूसरे दलों से आए नेताओं पर भाजपा ने जमकर दुलार उड़ेला है. कभी मायावती के खास रहे शशांक शेखर के भाई मुदित वर्मा की पत्नी को मुजफ्फरनगर सीट से टिकट दिया गया है. इसी तरह से सपा और बसपा से भाजपा में शामिल हुए नेताओं को इन 30 सीटों में एडजस्ट गया है.
इस तरह से बनाए प्रत्याशी
- सपा छोड़कर बीजेपी में आने वाले चार एमएलसी को भी टिकट दिया.
- नरेंद्र भाटी सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
- सीपी चंद्र सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
- रमा निरंजन सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थीं.
- रविशंकर सिंह पप्पू सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे.
- उन्नाव सीट से BJP प्रत्याशी रामचन्द्र प्रधान 2013 में ही भाजपा में शामिल हुए थे.
- बीजेपी ने 9 साल बाद रामचन्द्र प्रधान को मौका दिया है.
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बीजेपी एमएलसी प्रत्याशी 30 प्रत्याशी की सूची में तीन महिलाओं को भी जगह दी गई है.
मुज़फ्फरनगर से वंदना वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. वंदना मुदित वर्मा की पत्नी हैं. बीएसपी सरकार में कैबिनेट सचिव रहे स्वर्गीय शशांक शेखर के भाई हैं मुदित वर्मा. शशांक शेखर का प्रभाव इस कदर था कि बसपा सरकार में कैबिनेट सेक्रेटरी नाम से एक विशेष पद उत्तर प्रदेश में सृजित किया गया था.
इस पर मनोनीत आईएस के तौर पर शशांक शेखर नियुक्त थे. बसपा की सरकार में 5 साल तक उनकी तूती बोलती थी. अनेक आईएएस अफसरों की न मर्जी के बावजूद शशांक शेखर अपनी कुर्सी पर जमे हुए थे. मुख्य सचिव भी उनके सामने कमजोर हुआ करते थे.
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फिलहाल विधानसभा का चुनाव हारे 11 मंत्रियों में से किसी को टिकट नहीं दिया गया है. भारतीय जनता पार्टी ने अपनी एक अति महत्वपूर्ण बैठक में यह पहले ही तय कर लिया था कि हारे हुए विधायकों को एमएलसी का टिकट नहीं दिया जाएगा. इस निर्णय पर पार्टी कायम रही और फिलहाल 30 उम्मीदवारों में से कोई भी हारा हुआ विधायक नहीं है.
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