लखनऊ: राजधानी में 22 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास से चंद दूरी पर कार में मिली यूपी मंत्री के ड्राइवर की लाश के मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है (UP Minister driver murder case ). पंचर की दुकान में काम करने वाला तहसीन एक घंटे तक कार को शहर में घुमाता रहा. इसके बाद गाड़ी पंचर होने पर तहसीन ने मृतक राजेश दिवेदी का मोबाइल चुरा कर फरार हो गया. हालांकि, पुलिस को अभी तक इस मामले में तहसीन का हाथ होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला. जिसके चलते पुलिस ने उसे मोबाइल चोरी के मामलें में जेल भेज दिया गया है.
एसीपी कैंट अनूप सिंह के मुताबिक, 22 सितंबर को कैंट थाना के अंतर्गत दिलकुशा में एक कार में राजेश दिवेदी नाम के एक शख्स की लाश मिली थी. इस मामले में पुलिस ने तहसीन उर्फ कल्लू से हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. तहसीन ने बताया था कि वह रफी अहमद किदवई मार्ग स्थित पेट्रोल पम्प के पास पंचर की दुकान में काम करता है. 21 सितंबर को उसने उसी जगह अंधेरे में एक गाड़ी खड़ी देखी तो उसमें बैठ गया और कसाईबाड़ा लखनऊ चला गया.
उसने ड्राइविंग सीट के बगल में बेहोश राजेश को उठाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं उठा. उसके बाद करीब डेढ घंटे तक तहसीन गाड़ी को अशियाना इलाके में घुमाता रहा. इसी दौरान गाड़ी पंचर हो गई और उसने दिलकुशा में रेलवे क्रॉसिंग के पास गाड़ी खड़ी कर दी. तहसीन कार में रखे मोबाइल को चुरा कर ले गया था. एसीपी के मुताबिक, मृतक राजेश दिवेदी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ नहीं हो सकी थी. ऐसे में तहसीन उर्फ कल्लू को मोबाइल चोरी के मामले में जेल भेजा गया है. पुलिस तहसीन के बताए हुए बयानों की जांच की जा रही है.
बता दें कि मूल रूप से बछरावां रायबरेली के रहने वाले राजेश द्विवेदी (45) बीते 22 सितंबर को मृत पाया गया था. राजेश की लाश कैंट थाना अन्तर्गत दिलकुशा कॉलोनी क्रॉसिंग के पास गाड़ी में मिली थे. राजेश पेशे से ड्राइवर था. राजेश के बेटे सुधांशु ने बताया था कि उसके पिता योगी सरकार में मंत्री गिरीश चन्द्र यादव के ड्राइवर थे और पिछ्ले एक महीने से उन्ही के साथ चल रहे थे. उन्होंने बताया कि बुधवार शाम को राजेश को किसी का फोन आया था और उन्हे किसी लोकेशन में बुलाया गया था. उसके बाद से ही राजेश का फोन स्विच ऑफ आ रहा था.
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