ETV Bharat / state

UP Medical News : दो एम्स व 25 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों से घर बैठे मरीज ले सकेंगे सलाह

उत्तर प्रदेश के मरीजों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन सेवा को और मजबूत करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. इस कड़ी में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दो एम्स व 25 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन सेवा से जोड़ने के संकेत दिए हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jul 24, 2023, 9:33 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लगातार चिकित्सा जगत में बदलाव किया जा रहा है. इसी के तहत यूपी के लोगों को एम्स व मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के लिए अस्पताल तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं है. घर बैठे मरीज विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह हासिल कर सकते हैं. ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन सेवा को और मजबूत करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. नए मेडिकल कॉलेजों को भी सेवा से जोड़ने की कवायद चल रही है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक .
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक .

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश में जुलाई 2020 से ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन सेवा शुरू की गई. यह सेवा रोगियों को घर बैठे चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त करने में लाभप्रद साबित हो रही है. इसके माध्यम से आमजन बिना चिकित्सालय जाये सीधे चिकित्सकों से परामर्श कर सकते हैं. गोरखपुर व रायबरेली एम्स भी ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन से जुड़े हैं. अब जल्द ही नए मेडिकल कॉलेजों को भी टेलीमेडिसिन से जोड़ा जाएगा. इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं.


250 सीएचसी में टेलीमेडिसिन की सुविधा : ग्रामीणों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन सेवाएं से प्रदेश के 250 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को जोड़ा जा चुका है. मार्च तक एक करोड़ 29 लाख 42 हजार 28 लाभार्थियों को 14 लाख 62 हजार 410 कन्सलटेशन सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि टेलीमेडिसिन मरीजों के लिए सुविधाजनक साबित हो रहा है. मरीजों को दौड़भाग से भी काफी हद तक राहत मिली है.

361 सीएचसी में टेलीरेडियोलॉजी सेवाएं : प्रदेश में टेलीरेडियोलॉजी सेवाएं 361 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संचालित की जा रही हैं. मार्च 2023 तक 19 लाख 72 हजार 093 लाभार्थियों को सेवा प्रदान की गई हैं. डिप्टी सीएम का कहना है कि इलाज को तकनीक से जोड़ा जा रहा है. ताकि मरीजों को अधिक से अधिक सुविधाजनक तरीके से इलाज उपलब्ध कराया जा सके.

यह भी पढ़ें : UP Politics : भाजपा में ज्वाइनिंग के लिए सड़क से भाजपा कार्यालय तक रही दूसरे दलों के नेताओं की भीड़

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लगातार चिकित्सा जगत में बदलाव किया जा रहा है. इसी के तहत यूपी के लोगों को एम्स व मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह के लिए अस्पताल तक दौड़ लगाने की जरूरत नहीं है. घर बैठे मरीज विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह हासिल कर सकते हैं. ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन सेवा को और मजबूत करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. नए मेडिकल कॉलेजों को भी सेवा से जोड़ने की कवायद चल रही है.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक .
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक .

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश में जुलाई 2020 से ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन सेवा शुरू की गई. यह सेवा रोगियों को घर बैठे चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त करने में लाभप्रद साबित हो रही है. इसके माध्यम से आमजन बिना चिकित्सालय जाये सीधे चिकित्सकों से परामर्श कर सकते हैं. गोरखपुर व रायबरेली एम्स भी ई-संजीवनी टेलीकंसल्टेशन से जुड़े हैं. अब जल्द ही नए मेडिकल कॉलेजों को भी टेलीमेडिसिन से जोड़ा जाएगा. इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं.


250 सीएचसी में टेलीमेडिसिन की सुविधा : ग्रामीणों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन सेवाएं से प्रदेश के 250 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को जोड़ा जा चुका है. मार्च तक एक करोड़ 29 लाख 42 हजार 28 लाभार्थियों को 14 लाख 62 हजार 410 कन्सलटेशन सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि टेलीमेडिसिन मरीजों के लिए सुविधाजनक साबित हो रहा है. मरीजों को दौड़भाग से भी काफी हद तक राहत मिली है.

361 सीएचसी में टेलीरेडियोलॉजी सेवाएं : प्रदेश में टेलीरेडियोलॉजी सेवाएं 361 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संचालित की जा रही हैं. मार्च 2023 तक 19 लाख 72 हजार 093 लाभार्थियों को सेवा प्रदान की गई हैं. डिप्टी सीएम का कहना है कि इलाज को तकनीक से जोड़ा जा रहा है. ताकि मरीजों को अधिक से अधिक सुविधाजनक तरीके से इलाज उपलब्ध कराया जा सके.

यह भी पढ़ें : UP Politics : भाजपा में ज्वाइनिंग के लिए सड़क से भाजपा कार्यालय तक रही दूसरे दलों के नेताओं की भीड़

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.