लखनऊ: भारत में मिर्च रसोई की मुख्य सब्जी मानी जाती है. मसाले के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, नई मिर्च के बाजार में आने के बाद हरी मिर्च की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है. हरी मिर्च के दामों में आई गिरावट तीखा पसंद करने वालों के लिए एक राहत भरी खबर है. पिछ्ले माह में हरी मिर्च की कीमत 60 रुपये किलो थी. लेकिन, अब इसकी कीमतों में लगभग 50 फीसदी तक की गिरावट आई है. यह अब 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. साथ ही बात करें हरी साब्जियों की तो कुछ सब्जियों को छोड़कर दर्जन भर से ज्यादा सब्जियां बजट के अंदर मिल रही है.
पिछले 20 दिनों में हरी मिर्च की कीमतों में 50 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. दुबग्गा सब्जी मंडी के अध्य्क्ष परवेज हुसैन का कहना है कि स्थानीय बाजारों में आपूर्ति में कमी आने के कारण हरी मिर्च महंगी हो गई थी और यहां तक कि दूसरे स्थानों से भी हरी मिर्च की आवक कम हो गई थी. लेकिन, अब स्थानीय स्तर पर बोई जाने वाली फसल आनी शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि स्थानीय तौर पर हरी मिर्च की मंडी में आवक में तेजी आने के कारण हरी मिर्च एक बार फिर से सस्ती हो जाएगी.
मंडी की बात करें तो यहां पिछले 20 दिनों में प्याज की कीमत 12 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 16 रुपये प्रति किलो हो गई है. खीरा, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी और बैगन जैसी अन्य सब्जियां सस्ती हुई हैं. टमाटर की कीमत जहां 12 रुपये प्रति किलो थी, अब 20 रुपये किलो के ऊपर हो गई है. वहीं, आलू पहले 6 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, जो अब 12 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. भिंडी और तोराई के दामों में बेतहाशा कमी आई है.
मंडी में सब्जियों के भाव
हरी मिर्च- 25 रुपये किलो, अदरक- 130 रुपये किलो, फूल गोभी- 8 रुपये/प्रति पीस, टमाटर- 20 रुपये किलो, पालक- 8 रुपये किलो, गाजर-10 रुपये किलो, आलू- 12 रुपये किलो, कटहल- 5 रुपये किलो, लहसुन- 80 रुपये किलो, प्याज 14 रुपये किलो, नींबू- 60 रुपये किलो, भिंडी- 20 रुपये किलो, तोराई- 10 रुपये किलो, कद्दू- 5 रुपये किलो, लौकी- 7 रुपये किलो, सेम- 20 रुपये किलो, परवल- 40 रुपये किलो, करेला- 20 रुपये किलो, धनिया- 40 रुपये किलो, शिमला मिर्च- 10 रुपये किलो, खीरा- 6 रुपये किलो, घुइयां- 10 रुपये किलो, बीन- 25 रुपये किलो.
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