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योगी राज के छह वर्षों में कांप गई 68 माफिया की रूह, 39 जेल में, चार किए गए ढेर और 5000 करोड़ की संपत्ति हुई जमीदोज - ईटीवी भारत माफिया

यूपी सरकार ने माफिया को मिट्टी में मिला देने के संकल्प के तहत कई दिग्गजों और बाहुबलियों को दुबकने पर मजबूर कर दिया है. यूपी पुलिस ने बीते छह वर्षों में माफिया और अपराधियों पर सबसे अधिक आर्थिक चोट पहुंचाई है. वर्ष 2018 से अब तक सिर्फ टॉप 68 माफिया के करीब तीन हजार आठ सौ करोड़ की संपत्ति को जब्त या फिर बुलडोजर चला कर ध्वस्त किया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 29, 2023, 7:51 PM IST

लखनऊ : पूर्वांचल में कभी हर सरकार के दौरान अपनी दहशत कायम रखने वाला माफिया मुख्तार अंसारी हो या फिर अपनी धमक और रसूख के चलते किसी भी मजबूर को सताने वाला बाहुबली विजय मिश्रा. पश्चिमी यूपी का रहने वाला किसी की भी सुपारी लेने वाला सुनील राठी और उधम सिंह हो या फिर पुलिस को चकमा देकर वर्षों से फरार बदन सिंह बद्दो. वर्ष 2018 से अब तक योगी सरकार ने यूपी के उन सभी टॉप 68 माफिया और अपराधियों की कमर तोड़ दी है. जिन्होंने कभी राज्य में जमकर रंगबाजी की थी. ईटीवी भारत ने बीते छह वर्षों में 68 माफिया की काली कमाई पर योगी के बुल्डोजर की कार्रवाई, पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के आंकड़े निकाले हैं. आप भी देखें विस्तृत खबर.

यूपी में माफिया पर योगी की कार्रवाई.
यूपी में माफिया पर योगी की कार्रवाई.



मुख्तार, अतीक, विजय मिश्र जैसे माफिया को कर दिया गया जमीदोज : जिस मुख्तार अंसारी के खिलाफ कभी यूपी पुलिस सिर्फ मुकदमे दर्ज करने तक ही सीमित रहती थी. उसी पुलिस ने बीते छह वर्षों में उसे सात मुकदमों में सजा दिलवा दी. मुख्तार के गैंग के पांच सदस्य पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं और 186 को सलाखों के पीछे धकेल दिया गया है. पुलिस ने 604 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चला दिया है. यही हाल ब्लाॅक प्रमुख से लेकर लोक सभा का चुनाव लड़ने वाले और चार बार विधायक बने विजय मिश्रा का हुआ. योगी सरकार में विजय मिश्र यूपी पुलिस के निशाने पर आया और एक के बाद एक 86 एफआईआर दर्ज होने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई. यूपी पुलिस ने आगरा जेल में बंद विजय मिश्र को तीन मामलों में सजा दिलवाई और करीब 64 करोड़ की संपत्ति जब्त की.

यूपी में माफिया पर योगी की कार्रवाई.
यूपी में माफिया पर योगी की कार्रवाई.

अतीक को कुनबे समेत किया नेस्तनाबूद : करीब तीन दशक तक प्रयागराज, वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में आतंक का पर्याय बने और विधायक-सांसद रहे अतीक अहमद और उसके कुनबे को भी योगी सरकार ने इन्हीं छह वर्षों में जमीदोज कर दिया. अतीक के बेटे व गुर्गों का एनकाउंटर किया गया, सौ से अधिक सहयोगियों को जेल भेजा गया और 752 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जा चुका है. यह जानकारी यूपी पुलिस की टॉप माफिया लिस्ट से महज तीन लोगों की है, जबकि योगी सरकार ने बीते छह वर्षों में 65 और माफिया व उनके गैंग के खिलाफ कार्रवाई की है. जिससे यह दिखता है कि वर्ष 2017 में जिस वादे के साथ उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी और मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जनता को जो भरोसा दिलाया वह कितना जमीन पर उतरा.

वर्ष 2018 में बनाई गई टॉप माफिया की लिस्ट : यूपी पुलिस ने वर्ष 2018 से लेकर अब तक कुल 68 माफिया की लिस्ट बनाई और उनके खिलाफ सुनियोजित तरीके से कार्रवाई शुरू की. इसमें मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, संजीव माहेश्वरी, सुंदर भाटी, सुनील मूंछ, सुनील राठी, उधम सिंह, बदन सिंह बद्दो, विनय त्यागी, अजय प्रताप सिपाही, रामू द्विवेदी, ध्रुव सिंह कुंटू जैसे 68 माफिया शामिल थे. स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक शासन का साफ निर्देश था कि न सिर्फ इन सभी 68 माफिया की गिरफ्तारी की जाए बल्कि अभियोजन पक्ष मजबूत कर इन्हें कोर्ट से सजा भी दिलवाई जाए. इसके अलावा इनके द्वारा जरायम की दुनिया से कमाई गई संपत्तियों को भी जब्त करते हुए अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया जाए. शासन की इसी मंशा पर यूपी पुलिस ने अपराधियों व माफिया पर कार्रवाई शुरू की थी.




यह भी पढ़ें : अतीक अहमद के राजमिस्त्री की 20 बीघा जमीन कुर्क, माफिया ने संपत्ति की थी हुबलाल के नाम

Atiq-Ashraf की हत्या करने वाले लवलेश के घर की बढ़ाई गई सुरक्षा, शूटर का निकला लखनऊ कनेक्शन

लखनऊ : पूर्वांचल में कभी हर सरकार के दौरान अपनी दहशत कायम रखने वाला माफिया मुख्तार अंसारी हो या फिर अपनी धमक और रसूख के चलते किसी भी मजबूर को सताने वाला बाहुबली विजय मिश्रा. पश्चिमी यूपी का रहने वाला किसी की भी सुपारी लेने वाला सुनील राठी और उधम सिंह हो या फिर पुलिस को चकमा देकर वर्षों से फरार बदन सिंह बद्दो. वर्ष 2018 से अब तक योगी सरकार ने यूपी के उन सभी टॉप 68 माफिया और अपराधियों की कमर तोड़ दी है. जिन्होंने कभी राज्य में जमकर रंगबाजी की थी. ईटीवी भारत ने बीते छह वर्षों में 68 माफिया की काली कमाई पर योगी के बुल्डोजर की कार्रवाई, पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के आंकड़े निकाले हैं. आप भी देखें विस्तृत खबर.

यूपी में माफिया पर योगी की कार्रवाई.
यूपी में माफिया पर योगी की कार्रवाई.



मुख्तार, अतीक, विजय मिश्र जैसे माफिया को कर दिया गया जमीदोज : जिस मुख्तार अंसारी के खिलाफ कभी यूपी पुलिस सिर्फ मुकदमे दर्ज करने तक ही सीमित रहती थी. उसी पुलिस ने बीते छह वर्षों में उसे सात मुकदमों में सजा दिलवा दी. मुख्तार के गैंग के पांच सदस्य पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं और 186 को सलाखों के पीछे धकेल दिया गया है. पुलिस ने 604 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चला दिया है. यही हाल ब्लाॅक प्रमुख से लेकर लोक सभा का चुनाव लड़ने वाले और चार बार विधायक बने विजय मिश्रा का हुआ. योगी सरकार में विजय मिश्र यूपी पुलिस के निशाने पर आया और एक के बाद एक 86 एफआईआर दर्ज होने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई. यूपी पुलिस ने आगरा जेल में बंद विजय मिश्र को तीन मामलों में सजा दिलवाई और करीब 64 करोड़ की संपत्ति जब्त की.

यूपी में माफिया पर योगी की कार्रवाई.
यूपी में माफिया पर योगी की कार्रवाई.

अतीक को कुनबे समेत किया नेस्तनाबूद : करीब तीन दशक तक प्रयागराज, वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में आतंक का पर्याय बने और विधायक-सांसद रहे अतीक अहमद और उसके कुनबे को भी योगी सरकार ने इन्हीं छह वर्षों में जमीदोज कर दिया. अतीक के बेटे व गुर्गों का एनकाउंटर किया गया, सौ से अधिक सहयोगियों को जेल भेजा गया और 752 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जा चुका है. यह जानकारी यूपी पुलिस की टॉप माफिया लिस्ट से महज तीन लोगों की है, जबकि योगी सरकार ने बीते छह वर्षों में 65 और माफिया व उनके गैंग के खिलाफ कार्रवाई की है. जिससे यह दिखता है कि वर्ष 2017 में जिस वादे के साथ उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी और मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जनता को जो भरोसा दिलाया वह कितना जमीन पर उतरा.

वर्ष 2018 में बनाई गई टॉप माफिया की लिस्ट : यूपी पुलिस ने वर्ष 2018 से लेकर अब तक कुल 68 माफिया की लिस्ट बनाई और उनके खिलाफ सुनियोजित तरीके से कार्रवाई शुरू की. इसमें मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, संजीव माहेश्वरी, सुंदर भाटी, सुनील मूंछ, सुनील राठी, उधम सिंह, बदन सिंह बद्दो, विनय त्यागी, अजय प्रताप सिपाही, रामू द्विवेदी, ध्रुव सिंह कुंटू जैसे 68 माफिया शामिल थे. स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक शासन का साफ निर्देश था कि न सिर्फ इन सभी 68 माफिया की गिरफ्तारी की जाए बल्कि अभियोजन पक्ष मजबूत कर इन्हें कोर्ट से सजा भी दिलवाई जाए. इसके अलावा इनके द्वारा जरायम की दुनिया से कमाई गई संपत्तियों को भी जब्त करते हुए अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया जाए. शासन की इसी मंशा पर यूपी पुलिस ने अपराधियों व माफिया पर कार्रवाई शुरू की थी.




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