लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के तहत होने वाली मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल व फ़ाज़िल की परीक्षाओं का बुधवार से आगाज़ हो गया है. प्रदेश में दो पालियों में यह परीक्षाएं सम्पन्न कराई जा रही हैं. योगी सरकार ने नकलविहीन परीक्षाएं कराने के लिए कड़े प्रबंध किए हैं. सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में परीक्षाएं कराई जा रही हैं, जिसकी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जा रही है. व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने और नकलविहीन परीक्षाएं सम्पन्न कराने के लिए मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद खुद मदरसों का औचक निरीक्षण किया.
पुराने लखनऊ के इरम मॉडल स्कूल के औचक निरीक्षण पर पहुंचे चेयरमैन को देखते ही मदरसे में हड़कंप मच गया. चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने प्रिंसिपल के कमरे में बैठकर रजिस्टर जांचे, वहीं हर कमरे में जाकर व्यवस्थाओं को भी देखा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि 'इस बार लगभग 1 लाख 70 हज़ार बच्चे मदरसों के इम्तिहान में बैठें हैं. पूरे प्रदेश में 539 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाएं कराई जा रही हैं, वहीं राजधानी लखनऊ में 7 केंद्रों पर यह परीक्षाएं हो रही हैं, जिसमें लगभग 4 हज़ार परीक्षार्थी इम्तिहान में बैठे हैं. उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्ड के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि कंट्रोल रूम बनाकर हमारी टीमें सिर्फ सेंटर नहीं बल्कि हर कक्षा पर नज़र रखे हैं और पूरी पारदर्शिता के साथ काम हो रहा है. मदरसा बोर्ड के तहत होने वाली यह परीक्षाएं छह दिन चलेंगी और 24 मई को आखिरी परीक्षा होगी.'
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि परीक्षा केंद्रों के सघन निरीक्षण और प्रभारी पर्यवेक्षण के लिए नामित अधिकारी अपने आवंटित मंडलों में प्रवास करें और सचल दलों का गठन करते हुए परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण करें. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि 'मुख्यालय स्तर पर परीक्षा केंद्रों की ऑनलाइन वेबकास्टिंग के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही नकलविहीन और सुचितापूर्ण परीक्षा कराए जाने के लिए प्रश्नपत्रों के वितरण व उनकी सुरक्षा के लिए संबंधित जनपदों के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को बेहद सजकता और ईमानदारी से काम करने की स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं.
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