लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पनप रहे प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेटवर्क पर एक बार फिर एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर कमर तोड़ने का काम किया है. एटीएस इस संगठन पर पैनी नजर रखता है और जैसे ही कोई सूचना मिलती है इस संगठन पर कार्रवाई की जाती है. यह संगठन युवाओं में नफरत पैदा करके उनसे समाज विरोधी कार्य लेना चाहता है. बनारस में हुई युवाओं की गिरफ्तारी में भी कुछ ऐसी ही बातें निकलकर सामने आई हैं. यह संगठन लोगों को गुमराह करने और उन में नफरत भरने के लिए सोशल मीडिया का भी जमकर इस्तेमाल करता है. हाल ही में प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई के साथ हुई वारदात को लेकर भी इस संगठन के लोग युवाओं को भड़काने में लगे हैं. पीएफआई इसी तरह सुरक्षा एजेंसियां रोहिंग्या मुसलमानों पर भी पैनी नजर रख रही हैं. सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता का ही नतीजा है कि देश में आतंकी वारदातों पर काफी हद तक लगाम लग चुकी है और प्रदेश में सांप्रदायिक संघर्ष या तनाव की घटनाओं में भी काफी कमी आई है.
पीएफआई नेटवर्क की कमर तोड़ी रहीं सुरक्षा एजेंसियां, रोहिंग्या भी निशाने पर - Analysis of UP Bureau Chief Alok Tripathi
यूपी में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेटवर्क पर शिकंजा लगातार कसा जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों की नजर रोहिंग्या मुसलमानों पर भी है. यही कारण है यूपी में सांप्रदायिक संघर्ष या तनाव की घटनाओं में काफी कमी आई है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पनप रहे प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेटवर्क पर एक बार फिर एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर कमर तोड़ने का काम किया है. एटीएस इस संगठन पर पैनी नजर रखता है और जैसे ही कोई सूचना मिलती है इस संगठन पर कार्रवाई की जाती है. यह संगठन युवाओं में नफरत पैदा करके उनसे समाज विरोधी कार्य लेना चाहता है. बनारस में हुई युवाओं की गिरफ्तारी में भी कुछ ऐसी ही बातें निकलकर सामने आई हैं. यह संगठन लोगों को गुमराह करने और उन में नफरत भरने के लिए सोशल मीडिया का भी जमकर इस्तेमाल करता है. हाल ही में प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई के साथ हुई वारदात को लेकर भी इस संगठन के लोग युवाओं को भड़काने में लगे हैं. पीएफआई इसी तरह सुरक्षा एजेंसियां रोहिंग्या मुसलमानों पर भी पैनी नजर रख रही हैं. सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता का ही नतीजा है कि देश में आतंकी वारदातों पर काफी हद तक लगाम लग चुकी है और प्रदेश में सांप्रदायिक संघर्ष या तनाव की घटनाओं में भी काफी कमी आई है.