लखनऊ : एनआईए/एटीएस के विशेष जज योगेन्द्र राम गुप्ता ने जबरन धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद कलीम सिद्दीकी को, 5 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. बुधवार को एटीएस ने उसे विशेष अदालत में पेश किया. आईपीसी की धारा 417, 120बी, 153ए, 153बी, 295ए, 121ए, 123 व धारा 298 के साथ ही, उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धारा 3/5/8 में न्यायिक रिमांड हासिल किया. साथ ही अभियुक्त को पुलिस कस्टडी रिमांड में देने की अर्जी भी दाखिल की. इस अर्जी पर सुनवाई 23 सितंबर को होगी. विशेष अदालत ने इस दौरान मुल्जिम को जेल से तलब करने का आदेश दिया है.
एटीएस (ATS) ने इस मामले में 10 मुल्जिमों को देश के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है. इनमें मो. उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान व सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है. जिसके मुताबिक इस वृहद आपराधिक षडयंत्र में सम्मिलित मुल्जिमों के गिरोह का कार्य मात्र धर्मांतरण तक सीमित नहीं है. बल्कि यह गिरोह धर्मांतरण के माध्यम से जनसंख्या संतुलन बदलकर, विभिन्न धार्मिक वर्गों के बीच वैमनष्य पैदा कर देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है.
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इस गिरोह का विशिष्ट उद्देश्य धर्म विशेष की जनसंख्या को बढ़ाकर संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत वर्तमान चुनी गई सरकार को हटाकर, इस्लामिक राज्य स्थापित करना है. शेष चार मुल्जिम डा. फराज बाबूल्लाह शाह, प्रसाद कावरे उर्फ एडम उर्फ आदम, अर्सलान उर्फ भूप्रिय विंदो व कौसर आलम के खिलाफ विवेचना अभी जारी है. 20 जून, 2021 को इस मामले की एफआईआर थाना एटीएस में उप-निरीक्षक विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी.