लखनऊ : प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार वस्त्रोद्योग में सूबे को शीर्ष स्थान पर ले जाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है. सरकार की कोशिश है कि यूपी देश के वस्त्रोद्योग में अपना अलग स्थान बनाने में कामयाब हो. इसके लिए सरकार ने आधारभूत ढांचे के विकास के साथ ही इस उद्योग से जुड़े लोगों को कई तरह की सुविधाएं विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दी हैं. यही नहीं सरकार राजधानी के मलिहाबाद क्षेत्र में मेगा टेक्सटाइल पार्क भी बनाने जा रही है.
राजधानी के मलिहाबाद तहसील क्षेत्र स्थित अटारी गांव में बनने वाले टेक्सटाइल पार्क का परिसर प्रदेश के 15 जिलों में चलने वाले वस्त्र उद्योग की सभी गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनेगा. यहां लखनऊ की चिकनकारी और जरी-जरदोजी, हरदोई और बाराबंकी का हैंडलूम, सीतापुर की दरी, उन्नाव की जरी जरदोजी, कानपुर का होजरी और टेक्सटाइल, फर्रुखाबाद की ब्लॉक प्रिंटिंग और जरी जरदोजी, शाहजहांपुर का जरी जरदोजी, अंबेडकरनगर, आजमगढ़ गोरखपुर और रामपुर का हैंडलूम उद्योग, मऊ और वाराणसी का सिल्क, हैंडलूम और टेक्सटाइल क्लस्टर और गौतमबुद्ध नगर का अपैरल क्लस्टर एक ही परिसर में समाहित दिखेगा. साथ ही इन जिलों से भी यह टेक्सटाइल पार्क सीधे-सीधे जुड़ा रहेगा. गौरतलब है कि प्रदेश के पहले मेगा टेक्सटाइल पार्क लखनऊ और हरदोई के बीच 1162 एकड़ में बनने जा रहा है. इन मेगा टेक्सटाइल पार्क को संत कबीर पीएम मित्र टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क लिमिटेड के नाम से जाना जाएगा.
प्रदेश में सड़कों, रेल, वायु और जल कनेक्टिविटी से उद्योगों को बढ़ाना मिलने वाला है. उत्तराखंड के सितारगंज और आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के नजदीक स्थित मेगा टेक्सटाइल पार्क मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से सीधे सीधे जुड़ा होगा. इसके अलावा लखनऊ-हरदोई फोरलेन स्टेट हाईवे 25 के करीब होने से भी इसे अतिरिक्त फायदा मिलेगा. लखनऊ का चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट अमौसी यहां से महज 45 किमी की दूरी पर होने से एयर कार्गो की तक पहुंच आसान होगी. लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन 40 किमी और सीतापुर जंक्शन 70 किमी की दूरी पर स्थित है. साथ ही मलिहाबाद रेलवे स्टेशन 16 किमी की दूरी पर होने से माल ढुलाई को लेकर बेहतर रेल कनेक्टविटी मिलेगी. इनलैंड वाटर वे के जरिए प्रयागराज से कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के हल्दिया बंदरगाह तक भी आसान पहुंच वस्त्र उद्योग के कारोबारियों के लाभ को बढ़ाने में सहायक होगी.
टेक्सटाइल पार्क के क्षेत्र में भूजल लगभग 40 फीट नीचे उपलब्ध है, जिससे पानी की पर्याप्त उपलब्धता है. इसके अलावा गोमती नदी का एरियल डिस्टेंस भी 10 किमी दूर है. पार्क के बिल्कुल बगल से नहर भी गुजर रही है, वहीं म्यूनिसपल और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए किए गए आंकलन के अनुसार 40 किलोमीटर दूरी पर मोहन रोड के समीप शिवरी गांव में वेस्ट टू इनर्जी प्लांट मौजूद है. विद्युत आपूर्ति के लिए इस क्षेत्र में 33 और 11 केवीए लाइन की मौजूदगी पहले से ही उपलब्ध है. साथ ही जेहटा में 400 केवीए का सबस्टेशन भी मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए काफी सहायक होगा. पार्क के 40 किलोमीटर के दायरे में पारिस्थितिकी रूप कोई भी संवेदनशील या संरक्षित क्षेत्र भी नहीं है.
विश्लेषक मानते हैं कि सिर्फ औद्योगिक पार्क बना देना ही काफी नहीं है. प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल वातावरण भी होना जरूरी है. खास तौर पर शासन तंत्र और नौकरशाही की मन: स्थिति में बदलाव बहुत जरूरी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी शिद्दत से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ऊपर ले जाने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं, इसके बावजूद शासन तंत्र में वह तेजी दिखाई नहीं देती. कई उद्यमी मानते हैं कि अभी इस व्यवस्था में काफी बदलाव जरूरी है. इसमें कोई संदेह नहीं मुख्यमंत्री का यह कार्य बेहद सराहनीय है और इससे प्रदेश को लाभ जरूर होगा.
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