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यूपी सरकार ने कर्मचारियों को एक साल तक भत्ता नहीं देने का किया फैसला - यूपी में भत्ता नहीं देने का फैसला

योगी सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेश के सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को भत्ता नहीं देने का निर्णय लिया है. इस फैसले के तहत एक अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक सभी प्रकार के भत्ते स्थगित रहेंगे.

cm yogi adityanath
सीएम योगी आदित्यनाथ.
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Published : Apr 25, 2020, 2:42 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के चलते बढ़े आर्थिक संकट को देखते हुए प्रदेश के सभी कर्मचारियों, अधिकारियों का भत्ता नहीं देने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने सभी प्रकार के भत्तों पर रोक लगा दी है. सरकार ने फैसला लिया है कि एक साल यानी एक अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक सभी प्रकार के भत्ते स्थगित रहेंगे, जिसमें छह प्रकार के भत्ते शामिल हैं.

इसमें नगर पालिका भत्ता, सचिवालय भत्ता, पुलिस विभाग के अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआईडी), भ्रष्टाचार संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा एवं विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य भत्ता, अवर अभियंता को अनुमन्य विशेष भत्ता, लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य रिसर्च भत्ता शामिल हैं.

अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल की तरफ से जारी शासनादेश में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित किए जाने और प्रदेश में लॉकडाउन घोषित होने के कारण राज्य सरकार के राजस्व में कमी आई है. साथ ही शासन द्वारा कोविड-19 महामारी के रोकथाम संबंधी कार्यों को संपन्न करने के लिए वित्तीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने की दृष्टि से शासन द्वारा सम्यक विचारों प्रांत यह निर्णय लिया गया है.

ये भी पढ़ें- आंखों देखी...जब सतीश के लिए एंजेल बनी डायल 112 की टीम

सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों को भारत सरकार द्वारा अनुमन्य दर पर महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत का भुगतान किया जाता है. कोविड-19 के कारण राज्य सरकार के राजस्व में भी कमी आई है. कोविड-19 के रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों हेतु वित्तीय संसाधन की आवश्यकता है. इसलिए भारत सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों कार्य प्रभावित कर्मचारियों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से महंगाई भत्ता का भुगतान नहीं किया जाएगा.

इसी प्रकार राज्य सरकार के पेंशनरों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के पेंशनरों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020, तथा एक जनवरी 2021 से महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भुगतान नहीं किया जाएगा। उक्त कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों को एक जुलाई 2019 से लागू दरों पर अनुमन्य महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का भुगतान किया जाता रहेगा.

राज्य सरकार द्वारा जैसे ही एक जुलाई 2021 से देय महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत की भावी किस्तों को जारी करने का निर्णय लिया जाएगा. एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से प्रभावी महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत की दरों को भावी प्रभाव से बहाल कर दिया जाएगा. उन्हें एक जुलाई 2021 से प्रभावी संशोधित दर से सम्मिलित कर दिया जाएगा. एक जनवरी 2020 से 3 जून 2021 तक की अवधि का कोई भी बकाया नहीं दिया जाएगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के चलते बढ़े आर्थिक संकट को देखते हुए प्रदेश के सभी कर्मचारियों, अधिकारियों का भत्ता नहीं देने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने सभी प्रकार के भत्तों पर रोक लगा दी है. सरकार ने फैसला लिया है कि एक साल यानी एक अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक सभी प्रकार के भत्ते स्थगित रहेंगे, जिसमें छह प्रकार के भत्ते शामिल हैं.

इसमें नगर पालिका भत्ता, सचिवालय भत्ता, पुलिस विभाग के अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआईडी), भ्रष्टाचार संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा एवं विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य भत्ता, अवर अभियंता को अनुमन्य विशेष भत्ता, लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य रिसर्च भत्ता शामिल हैं.

अपर मुख्य सचिव संजीव मित्तल की तरफ से जारी शासनादेश में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ द्वारा कोविड-19 को महामारी घोषित किए जाने और प्रदेश में लॉकडाउन घोषित होने के कारण राज्य सरकार के राजस्व में कमी आई है. साथ ही शासन द्वारा कोविड-19 महामारी के रोकथाम संबंधी कार्यों को संपन्न करने के लिए वित्तीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने की दृष्टि से शासन द्वारा सम्यक विचारों प्रांत यह निर्णय लिया गया है.

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सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों को भारत सरकार द्वारा अनुमन्य दर पर महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत का भुगतान किया जाता है. कोविड-19 के कारण राज्य सरकार के राजस्व में भी कमी आई है. कोविड-19 के रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों हेतु वित्तीय संसाधन की आवश्यकता है. इसलिए भारत सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों कार्य प्रभावित कर्मचारियों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से महंगाई भत्ता का भुगतान नहीं किया जाएगा.

इसी प्रकार राज्य सरकार के पेंशनरों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के पेंशनरों को एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020, तथा एक जनवरी 2021 से महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भुगतान नहीं किया जाएगा। उक्त कर्मचारियों एवं पेंशन भोगियों को एक जुलाई 2019 से लागू दरों पर अनुमन्य महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत का भुगतान किया जाता रहेगा.

राज्य सरकार द्वारा जैसे ही एक जुलाई 2021 से देय महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत की भावी किस्तों को जारी करने का निर्णय लिया जाएगा. एक जनवरी 2020, एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से प्रभावी महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत की दरों को भावी प्रभाव से बहाल कर दिया जाएगा. उन्हें एक जुलाई 2021 से प्रभावी संशोधित दर से सम्मिलित कर दिया जाएगा. एक जनवरी 2020 से 3 जून 2021 तक की अवधि का कोई भी बकाया नहीं दिया जाएगा.

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