लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पशुओं में लंपी वायरस से बचाव के प्रबंधन की समीक्षा की. इसे लेकर उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए. गोवंश पर लंपी वायरस के संक्रमण के कारण कई राज्यों में बड़े स्तर पर पशुधन की हानि हुई है. मुख्य्मंत्री ने कहा है कि 'प्रदेश में इसके प्रसार को रोकने के लिए हमें मिशन मोड में काम करना होगा. स्थिति सामान्य होने तक प्रदेश में पशुमेलों का आयोजन स्थगित किया जाए. अंतरराज्यीय पशु परिवहन पर रोक लगाई जाए. पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए. गोआश्रय स्थलों में अनावश्यक लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए.' उन्होंने कहा कि 'निराश्रित गोवंश स्थलों व गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को गोवंश के भरण-पोषण के लिए वर्तमान में ₹30 प्रति गोवंश की दर से धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है. अब इसे बढ़ाकर ₹50 प्रति गोवंश किया जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 'लंपी वायरस से सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाना जरूरी है. टीके की उपलब्धता के लिए यह मच्छर इत्यादि से फैलने वाला वायरस है, ऐसे में ग्राम्य विकास, नगर विकास और पशुपालन विभाग परस्पर समन्वय से गांव व शहरों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाए. किसी भी दशा में संक्रमण का प्रसार न हो. उन्होंने कहा कि लंपी वायरस से संक्रमित गोवंश, स्वस्थ हुए गोवंश और गैर संक्रमित गोवंश के लिए अलग-अलग बाड़े की व्यवस्था की जाए. निराश्रित गोवंश स्थलों, कान्हा उपवनों के साथ-साथ आम पशुपालकों को भी इस बारे में जागरूक किया जाए. निराश्रित गोवंश संरक्षण की दिशा में प्रयासों के सही परिणाम मिल रहे हैं. वर्तमान में 6,889 निराश्रित गोवंश स्थलों में 11.89 लाख गोवंश संरक्षित हैं. इनके साथ-साथ गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभगिता योजना के भी उम्मीद के मुताबिक, परिणाम मिले हैं. अब तक एक लाख 85 हजार से अधिक गोवंश इस योजना के तहत गो-सेवकों को सुपुर्द किए गए हैं.'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'निराश्रित गोवंश स्थलों व गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को गोवंश के भरण-पोषण के लिए वर्तमान में ₹30 प्रति गोवंश की दर से धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है. अब इसे बढ़ाकर ₹50 प्रति गोवंश किया जाए. इस संबंध में कोई भी बकाया अवशेष न रहे. राज्य सरकार पशु संवर्धन और संरक्षण का प्रयास कर रही है. सरकार गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए कई योजनाएं चला रही है.'