लखनऊ: कोरोना काल में चीन में बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियां अपना उद्योग बंद कर रही हैं. विदेशी कंपनियां चीन छोड़कर दूसरे देशों में अपना कारोबार तलाश रही हैं. केंद्र सरकार का प्रयास है कि वहां से भागने वाली कंपनियां सबसे पहले भारत की तरफ मुखातिब हों. अपना उद्योग यहां आकर लगाएं. इस सबके बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार चाहती है कि अगर चीन से भागने वाली कंपनियां भारत आ रही हैं, तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश आएं. उनके लिए यहां अनुकूल माहौल दिया जाएगा. सरकार की तरफ से हर सहयोग प्रदान किया जाएगा. वे अपना यहां रोजगार स्थापित कर सकती हैं. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार कई देशों से संपर्क स्थापित कर रही है.
एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि निवेश बढ़ाने के लिए सरकार कई प्रकार के प्रयास कर रही है. निवेश को लेकर सरकार ने एक कमेटी बनाई है. उस कमेटी में मैं निवेश मंत्री के रूप में उपाध्यक्ष भी हूं. जापान डेस्क, साउथ कोरिया, यूरोपियन डेस्क, नार्थ अमेरिका जैसे देश के लिए प्रबंधक अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी बनाए गए हैं. उन लोगों के माध्यम से हम लोग उन देशों के अंदर संपर्क अभियान कर रहे हैं. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क किया जा रहा है. एक प्रकार से रोड शो भी किया जा रहा है.
भारत के राजदूतों से भी इन देशों में संपर्क किया जा रहा है. अभी हाल में ही अमेरिका के हमारे भारतीय राजदूत के साथ बातचीत हुई. रूस, थाईलैंड, जर्मनी, जापान और साउथ कोरिया के भारतीय राजदूत से वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई है. इन देशों में भारतीय राजदूतों से बात की जा रही है. सुझाव मांगा जा रहा है कि वे देश भारत में कैसे निवेश करेंगे. उस देश के निवेशक से भी सीधे संपर्क करवा रहे हैं. यह सब प्रयास किए जा रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि उत्तर प्रदेश के अंदर एक अच्छा माहौल बना हुआ है. उन लोगों को भी लग रहा है कि चीन से बाहर जाना है, तो इंडिया आएं और इंडिया में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर खड़ा हुआ है.
आपको बता दें उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर समिट में 4.28 लाख करोड़ के 1045 एमओयू किए थे. उनमें से दो ग्राउंड बेकिंग सेरेमनी के जरिए 37 हजार 344 करोड़ रुपये की 80 परियोजनाएं जमीन पर उतर चुकी हैं. कमर्शियल प्रोडक्शन भी शुरू हो गया है. इनमें पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के शिलान्यास से जुड़ी 36 व दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के शिलान्यास से जुड़ी 44 परियोजनाएं शामिल हैं. अन्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन का काम चल रहा है.