लखनऊ : प्रदेश में रेशम उद्योग को बढ़ाने के लिए योगी सरकार लगातार बीते 6 सालों से लगातार काम कर रही है. मौजूदा समय में प्रदेश में रेशम का उत्पादन काफी कम है. इसे देखते हुए हमारी सरकार ने कर्नाटक सरकार से रेशम आयात करना शुरू कर दिया है. इसके लिए वाराणसी में कर्नाटक सरकार की ओर से सेंटर स्थापित किया गया है. जहां से कर्नाटक से आए बेहतरीन रेशम को प्रदेश के रेशम उद्योग से जुड़े कारीगरों तक पहुंचाया जाएगा. यह बातें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग विभाग के मंत्री राकेश सचान ने कहीं. वे प्रदेश में रेशम उद्योग के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सुलभ कराने, रेशम उद्योग का सर्वांगीण विकास व शुद्ध रेशमी वस्त्रों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा शुद्ध सिल्क की पहचान कराने के उद्देश्य से पर्यटन भवन में आयोजित सिल्क एक्सपो के उद्धघाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि इन्वेस्टर सम्मिट के माध्यम से लघु एवं माध्य्म उद्योगों को आगे बढ़ने में काफी मदद मिल रही है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में रेशम धागे की मांग एवं वर्तमान उत्पादन के मध्य उत्पन्न गैप को पूरा कराया जाए. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाए. जिससे रेशम उत्पादन के साथ-साथ रेशम उत्पादकों की आय दोगुनी किए जाने के सरकार के संकल्प को पूर्ण किया जा सके.
कार्यक्रम में रेशम कीटपालकों के मध्य प्रतिस्पर्द्धा जागृत किए जाने के उद्देश्य से शहतूती क्षेत्र के 35, टसर क्षेत्र के 06 व अरंडी क्षेत्र के 06 चयनित सर्वश्रेष्ठ रेशम कोया उत्पादकों तथा धागाकरण क्षेत्र से 02 व बुनाई क्षेत्र से 01 उद्यमी को 11 हजार रुपये की पुरस्कार राशि तथा मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया. इसे पहले मुख्य अथिति ने सिल्क एक्सपो में सिल्क ट्रेडर्स द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी, रेशम विभाग के द्वारा प्रदर्शित रेशम कीटपालन एवं उत्पादन की सजीव प्रदर्शनी देखी. सिल्क एक्सपो में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बंगाल, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्यों के 40 रेशम वस्त्र उत्पादकों, व्यापारियों, बुनकरों द्वारा अपने रेशम उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं.
यह भी पढ़ें : आगरा में सपना चौधरी के हर ठुमके पर उड़ीं कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां !