लखनऊ: कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने गेहूं खरीद की व्यवस्था चाक-चौबंद करने का फैसला किया है. इस संकट के समय किसानों को राहत देने का न सिर्फ फैसला किया गया है, बल्कि व्यवस्थित तरीके से सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए किसानों से गेहूं खरीदने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी.
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सरकार ने दावा किया है कि गेहूं खरीद 15 अप्रैल से शुरू होगी. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए गेहूं खरीदने की व्यवस्था होगी. किसानों को गेहूं बेचने के लिए एसएमएस से तारीख भी दी जाएगी. ऐसा करने से किसानों का गेहूं भी खरीदा जा सकेगा और किसी प्रकार की अव्यवस्था से भी बचा जा सकेगा. प्रमुख सचिव खाद्य देवेश चतुर्वेदी ने गेहूं खरीद व्यवस्थित तरीके से करने को लेकर अफसरों को निर्देश भी जारी किए हैं.
सरकार ने रखा है 55 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य
प्रदेश के 5000 क्रय केंद्रों पर 55 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए 5000 गेहूं क्रय केंद्र प्रदेश भर में बनाए गए हैं. ऑनलाइन टोकन के माध्यम से किसान केंद्र प्रभारियों से पंजीकरण कराएंगे और फिर किसानों को एसएमएस से गेहूं बेचने के लिए तारीख की जानकारी दी जाएगी. दी गई तारीख पर किसान केन्द्र आएंगे और गेहूं बेच सकेंगे.
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1975 रुपये है समर्थन मूल्य
इस साल रबी विपणन वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार ने किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य देने के उद्देश्य से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएससी) 1925 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है.