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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से मुख्य स्थाई अधिवक्ता को सरकार ने हटाया - मुख्य स्थाई अधिवक्ता जय कृष्ण सिन्हा

प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) में नियुक्त मुख्य स्थाई अधिवक्ता को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है.

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच.
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Published : Apr 19, 2022, 10:26 PM IST

लखनऊः प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) में नियुक्त मुख्य स्थाई अधिवक्ता जय कृष्ण सिन्हा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. वहीं मुख्य स्थायी अधिवक्ता द्वितीय अभिनव नारायण त्रिवेदी को नई नियुक्ति तक मुख्य स्थाई अधिवक्ता का कार्यभार दिया है. आरएसएस के बड़े कार्यकर्ता जय कृष्ण सिन्हा को सरकार ने 5 मार्च 2019 को मुख्य स्थाई अधिवक्ता के पद पर नियुक्त किया था.


यह आदेश न्याय अनुभाग के विशेष सचिव प्रभुल्ल कमल ने जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि जय कृष्ण सिन्हा की आबद्धता शासन की ओर से हाईकोर्ट में प्रभारी पैरवी के लिए की गई थी जो अब तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है. वहीं, कार्यभार मुख्य स्थाई अधिवक्ता प्रथम को न देकर द्वितीय को दिया गया है. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकारी वकीलों के सम्बंध में कई कार्रवाईयां की जा चुकी हैं.

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महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह के इस्तीफा देने की खबर के बाद अपर महाधिवक्ता ज्योति सिक्का को हटाया गया. साथ ही कई अन्य सरकारी अधिवक्ताओं की आबद्धता भी खत्म की जा चुकी है. चर्चा है कि योगी सरकार की पहली पारी में इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ में डेढ़ हजार से अधिक सरकारी अधिवक्ता राज्य सरकार के मुकदमों की पैरवी के लिए लगाए गए थे जिनमें इस बार बड़े पैमाने पर छटनी की जाएगी.

अब तक नहीं बन पाया है नया महाधिवक्ताः गौरतलब है कि महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह द्वारा पद और दफ्तर खाली कर दिये जाने के पखवारा बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार अभी तक नए महाधिवक्ता की नियुक्ति नहीं कर सकी है. जिसके कारण सरकार के बड़े मुकदमों और खासकर जिन में किसी कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है, उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है.

लखनऊः प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) में नियुक्त मुख्य स्थाई अधिवक्ता जय कृष्ण सिन्हा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. वहीं मुख्य स्थायी अधिवक्ता द्वितीय अभिनव नारायण त्रिवेदी को नई नियुक्ति तक मुख्य स्थाई अधिवक्ता का कार्यभार दिया है. आरएसएस के बड़े कार्यकर्ता जय कृष्ण सिन्हा को सरकार ने 5 मार्च 2019 को मुख्य स्थाई अधिवक्ता के पद पर नियुक्त किया था.


यह आदेश न्याय अनुभाग के विशेष सचिव प्रभुल्ल कमल ने जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि जय कृष्ण सिन्हा की आबद्धता शासन की ओर से हाईकोर्ट में प्रभारी पैरवी के लिए की गई थी जो अब तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है. वहीं, कार्यभार मुख्य स्थाई अधिवक्ता प्रथम को न देकर द्वितीय को दिया गया है. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकारी वकीलों के सम्बंध में कई कार्रवाईयां की जा चुकी हैं.

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महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह के इस्तीफा देने की खबर के बाद अपर महाधिवक्ता ज्योति सिक्का को हटाया गया. साथ ही कई अन्य सरकारी अधिवक्ताओं की आबद्धता भी खत्म की जा चुकी है. चर्चा है कि योगी सरकार की पहली पारी में इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ में डेढ़ हजार से अधिक सरकारी अधिवक्ता राज्य सरकार के मुकदमों की पैरवी के लिए लगाए गए थे जिनमें इस बार बड़े पैमाने पर छटनी की जाएगी.

अब तक नहीं बन पाया है नया महाधिवक्ताः गौरतलब है कि महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह द्वारा पद और दफ्तर खाली कर दिये जाने के पखवारा बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार अभी तक नए महाधिवक्ता की नियुक्ति नहीं कर सकी है. जिसके कारण सरकार के बड़े मुकदमों और खासकर जिन में किसी कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है, उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है.

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