लखनऊ: इसे सरकारी सिस्टम की लापरवाही कहें या सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता जिन श्याम कुमार ने विगत 36 वर्षों पहले यूपी दिवस मनाए जाने का कार्यक्रम शुरू किया था. उन्हीं श्याम कुमार को इस बार यूपी दिवस समारोह में निमंत्रण तक नहीं मिला. बता दें कि उनके प्रयास से ही 2018 में तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक के विशेष आग्रह पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में यूपी दिवस मनाए जाने का कार्यक्रम शुरू किया था.ईटीवी भारत ने श्याम कुमार से बात की तो उनका दर्द छलक पड़ा.
राजधानी लखनऊ के शिल्पग्राम में 24 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यूपी दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस बार यूपी दिवस लखनऊ के साथ-साथ नोएडा में भी आयोजित किया जा रहा है. लखनऊ और नोएडा में यूपी दिवस समारोह 10 दिनों तक चलेगा जबकि प्रदेश के अन्य जनपदों में इस मौके पर 3 दिनों का कार्यक्रम आयोजित किया गया.
1985 में पड़ी थी यूपी दिवस समारोह की नींव
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए यूपी दिवस कार्यक्रम की पहल करने वाले श्याम कुमार का कहना है कि 1985 में प्रयागराज में यूपी स्थापना दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था. 36 वर्षों से लगातार यह कार्यक्रम मनाया जा रहा है. यूपी का स्थापना दिवस मनाने का मुख्य मकसद यह था कि लोग लगातार यूपी को बांटने की आवाज उठाते रहे हैं. ऐसे में एक ऐसा आयोजन किया जाए जिससे एकता अखंडता को बढ़ावा मिल सके और यही कारण है कि यूपी दिवस शुरू किया गया.
यूपी में मनता था उड़ीसा दिवस
यूपी दिवस कार्यक्रम कार्यक्रम की पहल करने श्याम कुमार ने बताया कि उस समय उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में आईएएस अफसर उड़ीसा कैडर के तैनात हुए थे और उन्होंने उत्तर प्रदेश में उड़ीसा दिवस मनाए जाने की परंपरा का शुभारंभ किया था. श्याम कुमार ने बताया कि इन आईएएस अफसरों ने उड़ीसा दिवस को सरकारी आयोजन बना दिया था और इसका उन्होंने लगातार विरोध किया. इस बात को जब तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक को बताया तो उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बुलाकर यूपी दिवस मनाए जाने की बात कही और अखिलेश यादव इसके लिए तैयार भी हो गए थे.
आजम खान ने किया था यूपी दिवस मनाए जाने का विरोध
श्याम कुमार का कहना है कि तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक के कहने पर उस समय के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यूपी दिवस कार्यक्रम मनाए जाने को लेकर तैयार भी हो गए थे, पर मोहम्मद आजम खान ने इसका विरोध किया. आजम खान ने अखिलेश यादव को यह कहकर भड़का दिया कि यदि समाजवादी पार्टी यूपी दिवस मनाएगी तो इसका श्रेय भाजपा ले जाएगी और इस कारण सपा सरकार के रहते यूपी दिवस नहीं शुरू हो सका.
योगी के सत्ता में आने के बाद शुरू हुआ यूपी दिवस
श्याम कुमार ने बताया कि 2017 में जब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और योगी सरकार सत्ता में आई तो फिर एक बार उन्होंने राज्यपाल राम नाईक से यूपी दिवस मनाए जाने का आग्रह किया. जिसके बाद राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यूपी दिवस मनाए जाने की बात कही. इसके बाद 24 जनवरी 2018 से राजधानी लखनऊ में यूपी दिवस कार्यक्रम मनाए जाने का भव्य शुभारंभ हुआ. 2018 में यूपी दिवस के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाईक प्रदेश सरकार की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित बड़ी संख्या में प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए . इस अवसर पर उन्हें विशेष रूप से सम्मानित भी किया गया था.
निमंत्रण ना मिलना अफसोसजनक
श्याम कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि जिस तरह से विगत 36 वर्षों से यूपी दिवस मना रहा हूं और इस आयोजन की हमनें नींव डाली ऐसे में इस बार उस कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं मिलना निश्चित रूप से अफसोस जनक है, पर जबरदस्ती सम्मान नहीं लिया जा सकता.
प्रदेश के लोगों का जुड़ाव हो सरकार का यही मकसद
वहीं प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम का कहना है कि लखनऊ से लेकर नोएडा तक वृहद रूप में यह यूपी दिवस समारोह मनाया जा रहा है.प्रदेश के लोगों का इस से जुड़ाव हो सके इसका मुख्य मकसद यही है. श्याम कुमार को निमंत्रण न दिए जाने के सवाल पर प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया.