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UP Global Investors Summit के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में जुटी सरकार, यह है रणनीति - यूपी सरकारी की न्यूज

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मिलने वाले एमओयू प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की कवायद तेज कर दी है. सरकार ने तय किया है कि आगामी 6 महीने के अंदर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी का आयोजन किया जाएगा.

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Published : Mar 14, 2023, 2:45 PM IST

UP Global Investors Summit के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में जुटी सरकार, यह है रणनीति .

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पिछले महीने आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेश प्रस्तावों को अब धरातल तक ले जाने की सरकार पूरी तैयारी कर रही है. जिस प्रकार से 33 लाख करोड़ रुपये के आसपास के एमओयू हुए थे अब धीरे-धीरे करके इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की कवायद तेज कर दी गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर सभी निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए उद्यमियों से बातचीत करते हुए जमीन आदि मुहैया कराने और कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी आदि देकर कामकाज तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा. मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 6 महीने के अंदर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी की जाएगी. जिसमें जो निवेश प्रस्ताव आए थे उन्हें धरातल पर उतार दिया जाएगा.



उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में इस काम को आगे बढ़ाने का प्रयास शासन स्तर पर तेज हो गया है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जो 33 लाखों रुपये से अधिक के प्रस्ताव आए थे, उन्हें धरातल पर उतारने को लेकर उद्यमियों और बाहरी निवेशकों से बातचीत करते हुए उन्हें जमीन मुहैया कराने तमाम विभागों के स्तर पर मिलने वाली एनओसी देने और निवेश करने के एवज में सब्सिडी आदि देने का काम तेजी से शुरू कराया जाएगा. सरकार 6 महीने के अंदर ही भूमि पूजन का काम कराने की तेजी से तैयारी कर रही है. प्रस्तावित निवेश परियोजनाओं को जमीन आवंटन जरूरी क्लीयरेंस की स्थिति लैंडबैंक के लिए भूमि अधिग्रहण की समीक्षा और अन्य तरीके से तैयारियों को आगे बढ़ाने की बात शासन स्तर पर शुरू हो चुकी है. नए सेक्टर के विकास कार्यों की कार्य योजना, आवासीय व्यावसायिक औद्योगिक स्टार्टअप डाटा सेंटर इलेक्ट्रिक वेहिकल कल वेयरहाउसिंग औद्योगिक निवेश लॉजिस्टिक प्रयोग के लिए भूमि विक्रय के लिए उपलब्ध जमीनों का आवंटन सहित अन्य जरूरी जानकारी की समीक्षा शासन स्तर पर निवेश प्रस्तावों को धरातल पर ले जाने को लेकर शुरू कर दी गई है.


परियोजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही इंडस्ट्री लगाने के लिए जो जमीन चिन्हित की गई है. वहां पर नागरिक सुविधाओं के क्रियान्वयन आदि पर भी काम शुरू कर दिया गया है. साथ ही निवेशकों को भूमि आवंटन के साथ ही साथ अन्य प्रक्रिया में कोई दिक्कत ना हो, इस को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर मॉनिटरिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है. सरकार के औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हमें 33 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले थे. अब उन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर ले जाने के लिए हम काम शुरू कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि आगामी 6 महीने के अंदर जो प्रस्ताव आए हैं उनके आधार पर उद्यमियों को जमीन मुहैया करा दी जाए और अन्य सभी जरूरी एनओसी और अन्य क्लीयरेंस की प्रक्रिया भी तेजी से पूरी की जा सकेगी. जिससे 6 महीने के अंदर भूमि पूजन और शिलान्यास के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. हम इस काम को पूरा फोकस करते हुए कर रहे हैं जहां जो समस्याएं आएंगी, निवेशकों और उद्यमियों से बातचीत करते हुए उसे दूर कराने का प्रयास शासन स्तर पर कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें : UP IPS transferred : आईपीएस अनिरुद्ध सिंह की जांच करने वाले सतीश गणेश साइड लाइन, इनका भी हुआ तबादला

UP Global Investors Summit के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में जुटी सरकार, यह है रणनीति .

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पिछले महीने आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेश प्रस्तावों को अब धरातल तक ले जाने की सरकार पूरी तैयारी कर रही है. जिस प्रकार से 33 लाख करोड़ रुपये के आसपास के एमओयू हुए थे अब धीरे-धीरे करके इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने की कवायद तेज कर दी गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर सभी निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए उद्यमियों से बातचीत करते हुए जमीन आदि मुहैया कराने और कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी आदि देकर कामकाज तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा. मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 6 महीने के अंदर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी की जाएगी. जिसमें जो निवेश प्रस्ताव आए थे उन्हें धरातल पर उतार दिया जाएगा.



उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में इस काम को आगे बढ़ाने का प्रयास शासन स्तर पर तेज हो गया है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जो 33 लाखों रुपये से अधिक के प्रस्ताव आए थे, उन्हें धरातल पर उतारने को लेकर उद्यमियों और बाहरी निवेशकों से बातचीत करते हुए उन्हें जमीन मुहैया कराने तमाम विभागों के स्तर पर मिलने वाली एनओसी देने और निवेश करने के एवज में सब्सिडी आदि देने का काम तेजी से शुरू कराया जाएगा. सरकार 6 महीने के अंदर ही भूमि पूजन का काम कराने की तेजी से तैयारी कर रही है. प्रस्तावित निवेश परियोजनाओं को जमीन आवंटन जरूरी क्लीयरेंस की स्थिति लैंडबैंक के लिए भूमि अधिग्रहण की समीक्षा और अन्य तरीके से तैयारियों को आगे बढ़ाने की बात शासन स्तर पर शुरू हो चुकी है. नए सेक्टर के विकास कार्यों की कार्य योजना, आवासीय व्यावसायिक औद्योगिक स्टार्टअप डाटा सेंटर इलेक्ट्रिक वेहिकल कल वेयरहाउसिंग औद्योगिक निवेश लॉजिस्टिक प्रयोग के लिए भूमि विक्रय के लिए उपलब्ध जमीनों का आवंटन सहित अन्य जरूरी जानकारी की समीक्षा शासन स्तर पर निवेश प्रस्तावों को धरातल पर ले जाने को लेकर शुरू कर दी गई है.


परियोजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही इंडस्ट्री लगाने के लिए जो जमीन चिन्हित की गई है. वहां पर नागरिक सुविधाओं के क्रियान्वयन आदि पर भी काम शुरू कर दिया गया है. साथ ही निवेशकों को भूमि आवंटन के साथ ही साथ अन्य प्रक्रिया में कोई दिक्कत ना हो, इस को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर मॉनिटरिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है. सरकार के औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हमें 33 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले थे. अब उन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर ले जाने के लिए हम काम शुरू कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि आगामी 6 महीने के अंदर जो प्रस्ताव आए हैं उनके आधार पर उद्यमियों को जमीन मुहैया करा दी जाए और अन्य सभी जरूरी एनओसी और अन्य क्लीयरेंस की प्रक्रिया भी तेजी से पूरी की जा सकेगी. जिससे 6 महीने के अंदर भूमि पूजन और शिलान्यास के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. हम इस काम को पूरा फोकस करते हुए कर रहे हैं जहां जो समस्याएं आएंगी, निवेशकों और उद्यमियों से बातचीत करते हुए उसे दूर कराने का प्रयास शासन स्तर पर कराया जाएगा.

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