लखनऊ : बीते पांच वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में आए बदलाव का असर अब साफ तौर पर दिख रहा है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को वन्य जीव पर्यावरण एवं वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन व सुधार के लिए तीन पुरस्कारों से नवाजा किया है. कार्यक्रम का आयोजन वन्यजीप पर्यटन पुरस्कार टाॅफ्ट सैंक्चुअरी नेचर फाउंडेशन तथा पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया. नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में आयोजित छठवें टॉफ्ट वन्यजीव पर्यटन पुरस्कारों में पर्यावरण एवं वन्यजीव में उत्कृष्ट कार्य के लिए यूपी को यह तीन पुरस्कार मिले हैं. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को यह पुरस्कार प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देने उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया गया है. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी.
ईको-टूरिज्म को मिलेगा काफी बढ़ावा : मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'हमारा प्रदेश समृद्ध जैव-विविधता और प्राकृतिक सुन्दरता के लिए काफी प्रसिद्ध है, इस कारण पर्यावरण व वन्यजीव पर्यटन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश एक बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस के तौर पर लगातार उभर रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कई संरक्षित क्षेत्र, राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभ्यारण्य हैं, जो पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता के देखने के अवसरों के साथ ही वहां मौजूद वन्यजीवों को पास से देखने मौका देती है. उन्होंने बताया कि इन पुरस्कारों के लिए उत्तर प्रदेश को नामित करने से राज्य में पर्यावरण पर्यटन तथा ईको-टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिलेगा.'
इन पुरस्कारों से नवाजा गया : पर्यटन मंत्री ने बताया कि 'संस्था की तरफ से उत्तर प्रदेश को पीलीभीत टाइगर रिजर्व को ट्रांसफार्मेटिव ससटेनेबल टूरिज़म पोटेनशियल के लिए ‘कैलाश सांखला पुरस्कार’ दिया गया है. यह पुरस्कार प्रदेश में बाघों के आवासों के संरक्षण और स्थानीय समुदाय के सहयोग से वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दिया गया. इसके अलावा मेला कोठी-चंबल सफारी लॉज को उत्कृष्ट पग रेटिंग लॉज के लिए संयुक्त विजेता के रूप में पुरस्कार मिला है. यह लॉज अपने उत्कृष्ट पग प्रमाणन के लिए जाना जाता है, वहीं अमिथ बांगरे को वर्ष 2023 के लिए संयुक्त विजेता के रूप में लॉज नेचुरलिस्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.'