लखनऊ : प्रदेश में अक्सर सरकारी राशन की दुकानों पर धांधली किए जाने की खबरें आती रहती हैं. लेकिन अब इसको लेकर प्रशासन सक्रिय नजर आ रहा है. राशन की दुकानों में गरीबों को ठीक ढंग से और पारदर्शी तरीके से अनाज मिल सके, इसको लेकर खाद्य विभाग सक्रिय हो गया है. राशन दुकानों की बेहतर ढंग से मॉनिटरिंग और राशन वितरण के निरीक्षण को लेकर, खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने फील्ड के अफसरों को दिशा निर्देश दिए हैं.
दरअसल, प्रत्येक महीने बांटने वाले अनाज की मॉनिटरिंग बेहतर ढंग से हो सके, इसको लेकर खाद्य विभाग सक्रिय हो गया है. खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनाज वितरण को बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने को लेकर विभाग सक्रिय है. इसको लेकर फील्ड के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ई-पॉश मशीनों के माध्यम से भी तौल के अनुसार और ठीक ढंग से तौल हो, इसकी भी मॉनिटरिंग के दिशा निर्देश दिए गए हैं.
खाद्य एवं रसद विभाग के अपर आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने कहा है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन वितरण के काम को बेहतर ढंग से कराए जाने को लेकर सभी डीएसओ और सभी क्षेत्रीय खाद्य अधिकारियों को मुख्यालय से दिशा निर्देश भेजे गए हैं. फील्ड के अधिकारियों से कहा गया है कि वह लोग राशन दुकानों की जांच के लिए निरीक्षण ऐप का प्रयोग करते हुए निचले स्तर पर काम करें और उसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजें. जहां कहीं भी राशन दुकानों में वितरण में अनियमितता मिले, उसके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाए. इसके अलावा राशन दुकानों में निरीक्षण की ऑनलाइन फीडिंग के लिए निरीक्षण (इंस्पेक्शन एप) उपलब्ध कराया गया है, जिसके अन्तर्गत दुकानों की जांच का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है.
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खाद्य एवं रसद विभाग के अपर आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने बताया कि राशन वितरण को लेकर पात्र गृहस्थी, लाभार्थियों को तीन किलो गेहूं, दो किलो चावल प्रति यूनिट की दर से तथा अन्त्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को प्रतिकार्ड 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल प्रतिकार्ड देने की व्यवस्था है. दोनों योजनाओं में राशन कार्ड पर गेहूं दो रुपये प्रति किलो और चावल तीन रुपये प्रति किलो की दर से मिलता है.