लखनऊ: उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने मंगलवार को बिजली कंपनियों का पांच वर्षीय बिजनेस प्लान अनुमोदित कर दिया. उपभोक्ता हित को ध्यान में रखकर कई कदम उठाने के निर्देश इस बिजनेस प्लान में शामिल हैं. प्लान में आयोग ने कई सुधार करने का सुझाव भी दिया है. राज्य के सभी बिजली कनेक्शन की मीटरिंग करने के साथ ही प्री-पेड मीटर पर फोकस करने के निर्देश भी आयोग की तरफ से जारी किए गए हैं.
2024-25 तक पीक डिमांड होगी 30819 मेगावाट
बिजली कंपनियां अब आयोग के सामने अनुमोदित बिजनेस प्लान के तहत नया टैरिफ प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगी. दक्षिणांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल, केस्को व पीयूवीवीएनएल के बहुवर्षीय टैरिफ नियंत्रण अवधि 2020-21 से 2024-25 के लिए बिजनेस प्लान का अनुमोदन किया गया है. आयोग ने 16 सितंबर 2020 को वास्तविक पीक डिमांड 23,867 मेगावाट के आधार पर यह अनुमान लगाया है कि 2024-25 तक राज्य में पीक डिमांड 30,819 मेगावाट हो जाएगी. आयोग ने पिछले वर्षों में हुए इजाफे और वर्तमान स्थिति के आधार पर उपभोक्ताओं की संख्या, कनेक्टेड लोड (किलोवाट) व बिक्री (एमयू) को अनुमोदित किया है.
2024-25 तक 3.49 करोड़ से अधिक होगी उपभोक्ताओं की संख्या
2020-21 में उपभोक्ताओं की संख्या 30,6,98,157, कनेक्टेड लोड 66,2,38,859 किलोवाट और बिक्री 94,410 मेगा यूनिट है. 2024-25 में उपभोक्ताओं की संख्या 3.49 करोड़ से अधिक होगी. इसके साथ ही कनेक्टेड लोड 7.75 करोड़ किलोवाट से अधिक और बिक्री 1,16,414 मेगा यूनिट होने का अनुमान है. आयोग ने बिजली कंपनियों से कहा है कि अगले एक साल में शत प्रतिशत फीडर मीटरिंग व डीटी मीटरिंग करेंगी. बिजनेस प्लान में कैपिटल इंवेस्टमेंट प्लान का अनुमोदन नहीं किया गया है.
बदले जाएंगे लाखों खराब मीटर
आयोग ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि पारदर्शी रूप से सब्सिडी के अंतरण के लिए स्कीम तैयार करें. इस प्लान को एक अप्रैल 2022 से लागू किया जाएगा. डीबीटी मैकेनिज्म के लिए शत प्रतिशत मीटरिंग के निर्देश दिए हैं. सभी नए कनेक्शन प्री-पेड या स्मार्ट मीटर से 2021-22 में कंपनियों द्वारा एआरआर (वार्षक राजस्व आवश्यक्ता) की फाइलिंग डीबीटी के लिए रोडमैप प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने 40 लाख स्मार्ट मीटरों के रोल आउट की योजना के अतिरिक्त खराब मीटरों के बदलने और सभी नए कनेक्शन के लिए प्री-पेड या फिर स्मार्ट मीटर का प्रयोग करने के निर्देश भी दिए हैं.