लखनऊ : प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में वायरल से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ गई है. स्वास्थ्य विभाग लगातार दिशा निर्देश दे रहे हैं कि बच्चों को वायरल होने से बचाएं. सरकारी अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में बच्चे बीमार होकर आ रहे हैं. अस्पतालों की ओपीडी में इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है. शनिवार को एक बच्चे की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई है. जिसे शिफ्ट करने के लिए कहा गया है. फिलहाल बच्चे की तबीयत ठीक है. बच्चे को मामले सर्दी जुखाम बुखार बना हुआ है. मौजूदा समय में कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रोन xbb1.16 और ओमीक्रोन xbb1.15 चल रहा है. यह वायरस जितना बड़ों के लिए घातक है उतना ही बच्चों के लिए भी घातक है.
सिविल अस्पताल लखनऊ के वरिष्ठ पीडियाट्रिशियन डॉ. संजय कुमार ने बताया कि प्रदेश भर में इस समय कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं. इससे पहले वायरल बुखार ने भी कहर बरपाया था. इस समय अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक वायरल बुखार पीड़ित बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें बहुत सारे बच्चों में एक समान लक्षण हैं. जिसमें सर्दी, जुखाम-बुखार शामिल है. इसके अलावा कुछ बच्चे ऐसे हैं जो डायरिया से दी पीड़ित हैं. इस समय अस्पताल की ओपीडी में कुल 12 बच्चे भर्ती हैं. जिनमें से शनिवार को एक बच्चे की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उन्होंने कहा कि भीड़ भाड़ में बच्चों को बाहर न ले जाएं. इसके अलावा खुद भी मास्क लगाएं और बच्चे को भी मास्क लगाएं, ताकि वायरस की गिरफ्त में न आ सकें.
डॉ. संजय के अनुसार बच्चों की तबीयत बहुत जल्दी नहीं खराब होती है. बच्चों की इम्यूनिटी बहुत मजबूत होती है, लेकिन खान-पान व मौसम में जब परिवर्तन होता है तो बच्चों को सर्दी, जुखाम, बुखार आसानी से हो जाती है. इसलिए अभिभावकों को जागरूक होना है कि इस समय कोरोना वायरस का समय है. ऐसे में बच्चों का विशेष ख्याल रखें. बच्चे को अचानक से गर्म मौसम में न भेजें या फिर गर्म वातावरण से एसी वाले कमरे में न भेजें. जिससे बच्चे को सर्दी जुखाम बुखार हो, क्योंकि इस समय बच्चों को बचाने की खास जरूरत है. बच्चे इस मौसम में बीमार हो रहे हैं तो कमजोरी भी हो रही है.
घर के सदस्य भी रहे जागरूक : उन्होंने बताया कि अभिभावकों को ध्यान देना होगा कि यदि घर का कोई भी सदस्य कोविड पॉजिटिव है या फिर उसको सर्दी, जुखाम, बुखार है तो वह बच्चे के नजदीक न जाए. बच्चे को अपने साथ न सुलाएं. तबीयत खराब हो बच्चे को बोतल से दूध पिलाएं. जब तक तबीयत ठीक नहीं हो जाती तब तक बच्चे से दूरी बनाकर रखें. उन्होंने कहा कि इस समय बच्चों को वायरस से बचाने की आवश्यकता है. अगर घर में कोई भी संक्रमित है तो बच्चे के नजदीक न जाए.
संक्रमित मां बच्चे को न कराएं स्तनपान : डॉ. संजय ने कहा कि जैसा कि हम सभी जान रहे हैं कि इस समय महामारी का दौर चल रहा है. जब तक यह महामारी पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती तब तक अभिभावकों को खुद का ख्याल रखते हुए अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है. अगर महिला बीमार होगी तो बच्चे की भी तबीयत खराब होगी. इस स्थिति में अगर किसी महिला की तबीयत खराब है तो वह अपने बच्चे को स्तनपान न कराए.
इन बातों का रखें ख्याल :
-बच्चों के नहाने का एक समय निर्धारित करें. कोशिश करें कि नॉर्मल पानी से नहलाएं.
-बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं, ताकि डिहाइड्रेशन की दिक्कत न हो.
-बच्चे को दूध कटोरी चम्मच से ही पिलाएं. बच्चे को पिलाएं स्वच्छ पानी.
-बच्चे को मौसमी फल खिलाते रहें. बच्चों को मास्क पहनाकर ही रखें.
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