लखनऊ : यूपी में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं. शुक्रवार को आयी रिपोर्ट के मुताबिक 8 जिलों में 10 नए मरीज मिले. वहीं तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जोरों पर है. सरकार का दावा है कि यूपी ने सबसे अधिक 400 ऑक्सीजन प्लांट अस्पतालों में लगाएं हैं. यह देश में किसी भी राज्य से सर्वाधिक है.
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक शुक्रवार को 2 लाख 30 हजार से ज्यादा कोरोना के टेस्ट किए गए. इस दौरान 10 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. वहीं 26 मरीज डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक सात करोड़, 44 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 42.3 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट किए जा रहे. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे, वहीं 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया.
191 बचे एक्टिव केस
गुरुवार को एक्टिव केस 199 पर सिमट कर आ गए. वहीं शुक्रवार को 191 मरीज रह गए हैं. गत वर्ष मार्च में भी एक्टिव केस का यही ग्राफ रहा. वहीं तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी है. अस्पतालों में 555 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम चल रहा है. इसमें 400 प्लांट शुरू हो गए हैं, इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं.
ये 33 जिले हैं कोरोना मुक्त
प्रदेश के 67 जिलों के 24 घंटे में कोई केस नहीं मिला. सिर्फ 8 जिलों में 10 केस मिले. अब 33 जनपद करोना मुक्त हो गए हैं. यह अलीगढ़, अमरोहा, अमेठी, अयोध्या, बागपत, बलिया, बांदा, बस्ती, बहराइच, भदोही, चंदौली, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, एटा, हापुड़, फतेहपुर, गाजीपुर,गोंडा, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, कौशाम्बी, ललितपुर, महोबा, मथुरा, मिर्जापुर, सोनभद्र, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, शामली और सीतापुर हैं.
हर रोज घट-बढ़ रहे मरीज
एक अगस्त को 36 मरीज मिले. दो अगस्त को 25, वहीं तीन अगस्त को 65 रोगी पाए गए. इसके अलावा 4 अगस्त को 61, 5 अगस्त को 34, 6 अगस्त को 41, 7 अगस्त को 28, 8 अगस्त को 58, 9 अगस्त को 23, 10 अगस्त को 20, 11 अगस्त को 27 व 12 अगस्त को 43 मरीज मिले. वहीं माह में सर्वाधिक मौतें 12 अगस्त को ही हुईं. 13 अगस्त को 33 मरीज मिले. 14 अगस्त को 42, 15 अगस्त 72 नए मरीज पाए गए. 16 अगस्त को 17 नए मरीज मिले. 17 अगस्त को 27 मरीज मिले. 18 अगस्त को 29 केस मिले. 19 अगस्त को 26 केस रहे. वहीं 20 अगस्त को 26, 21 अगस्त को 19, 22 अगस्त को 19 व 23 अगस्त को 7 व 24 को 28 केस, 25 को 22, 26 को 19, 27 को 21, 28 को 26 केस, 29 को 15, 30 को 21, 31 को 19 केस मिले. वहीं एक सितम्बर को 19 मरीज मिले. दो सितम्बर को 36 व तीन सितम्बर को 18, चार सितंबर को 26 मरीज, पांच सितम्बर को 18 केस, 6 सितम्बर को 12 केस, 7 सितम्बर को 22, 8 सितंबर को 16, 9 सितम्बर को 11, 10 सितम्बर को 10 केस मिले.
इन राज्यों को लेकर अलर्ट
जिन राज्यों में साप्ताहिक संक्रमण दर 3 फीसद तक है, वहां से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य है. इसके अलावा यदि वैक्सीन की दोनों डोज़ का प्रमाणपत्र है, तो जांच की जरूरत नहीं है. मगर, बाहर से आने पर सात दिन क्वारन्टीन की सलाह दी गयी है. इसमें मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, गोवा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, केरल आदि हैं.
अब सिर्फ 0.01 फीसद से कम पॉजिटिविटी रेट
मरीजों की कुल पॉजिटिविटी रेट 2.35 रह गई है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटिविटी रेट 0.01 फीसद से कम हो गई है. वहीं मृत्युदर अभी 1 फीसद पर बनी हुई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटिविटी रेट दर्ज की गई थी.
98.7 फीसद पर रिकवरी रेट
30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 199 रह गयी. वहीं रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 98.7 फीसद हो गई है.
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19 सितंबर को आरोग्य मेला, बनेंगे आयुष्मान कार्ड
कोरोना की वजह से बंद हुआ मुख्यमंत्री आरोग्य मेला अब फिर से लगेगा. 19 सितंबर से प्रदेश भर की सीएचसी पर स्वास्थ्य मेला लगाया जाएगा. इस दौरान मरीजों को नि:शुल्क जांच के साथ इलाज मिलेगा. वहीं आयुष्मान कार्ड भी बनाए जाएंगे. 40 लाख से अधिक अंत्योदय कार्ड धारकों को योजना में शामिल किया गया है, ऐसे में इनके भी कार्ड बनेंगे.
यूपी में 154 मरीजों पर डेंगू का हमला, नए स्ट्रेन से हड़कंप
यूपी में बुखार के मरीजों की भरमार है. इसमें डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस कारक निकल रहे हैं. वहीं यूपी में डेंगू का नया स्ट्रेन-डी-टू पाया गया है. आईसीएमआर के खुलासे के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है. शुक्रवार को 154 नए मरीज डेंगू के पाए गए हैं. संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ जीएस बाजपेयी के मुताबिक राज्य में कोरोना का प्रकोप नियंत्रण में है. वहीं डेंगू अब पैर पसार रहा है. ऐसे में सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. अस्पतालों में इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है. बुखार के मरीजों का घर-घर सर्वे किया जा रहा है. गुरुवार को 14 जिलों में 129 डेंगू के मामले पाए गए हैं. वहीं शुक्रवार को 154 डेंगू के और मरीज मिले. प्रदेश में जनवरी से अब तक 58 जिलों में 1528 केस रिपोर्ट किए गए हैं. इसके अलावा चिकनगुनिया के 26 और कालाजार के 49 मरीज पाए गए.
कोरोना वार्ड डेंगू मरीजों के लिए खुले
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के मुताबिक आईसीएमआर ने डेंगू के नए स्ट्रेन की पुष्टि की है. ऐसे में सभी को सजग रहना होगा. वहीं सरकार ने जांच, दवा और इलाज की बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. फिरोजाबाद , मथुरा में बेड बढ़ाए गए हैं. साथ ही अन्य जिलों में भी डेंगू वार्ड में बेड फुल होने पर कोरोना वार्ड में मरीज भर्ती के निर्देश दिए गए हैं. वहीं बुखार के लक्षणों को नजरअंदाज न करें. घर-घर सर्वे के लिए पहुंच रही टीम से जांच कराएं.
जान ले रहा डी-टू 2 स्ट्रेन, आईसीएमआर ने किया है अलर्ट
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकांश मौतें डेंगू बुखार के डी-टू स्ट्रेन के कारण हुई हैं. उन्होंने बताया कि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्लीडिंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है.
हल्के में न लें बुखार को
किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.
डेंगू के प्रकार
टाइप 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप-2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर- इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप-3- डेंगू शॉक सिंड्रोम- इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है. जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
23 घरों में मिला डेंगू का लार्वा
शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया विभाग की टीम ने क्षेत्र का दौरा किया. गोमतीनगर के विपुलखण्ड-2 व 3 व अन्य क्षेत्रों के घरों में मच्छर के कारणों को तलाशा गया. इसमें 1381 घरों में सर्वेक्षण किया गया. इसमें कुल 23 घरों में डेंगू का लार्वा मिला. इन्हें नोटिस जारी किया गया.