लखनऊ: यूपी में कोरोना का प्रसार एक बार फिर तेज होने लगा है. खासकर, दिल्ली से सटे इलाकों में बढ़ते मरीजों ने चिंता बढ़ा दी है. लिहाजा, पॉजिटिव मरीजों का जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट भी होगा. इससे वायरस के वैरिएंट का पता चल सकेगा. इसके अलावा गैर राज्यों से आने वाले लोगों का एयरपोर्ट, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन और आगरा एक्सप्रेस-वे टोल प्लाजा पर कोरोना का टेस्ट होगा.
रविवार को 24 घंटे में 91 हजार से अधिक टेस्ट किए गए. इसमें 135 केस मिले. इसमें सर्वाधिक नोएडा और गाजियाबाद में मरीज मिले. इस दौरान 31 मरीज स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 10 करोड़ 98 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक शख्स के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक हैं. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.
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दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस मिले थे. वहीं, 90 फीसदी से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. अब तीसरी लहर में 90 फीसदी ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया है. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसदी और 19 जनवरी को सबसे अधिक 7.78 फीसदी थी, जो अब घटकर 0.02 फीसदी पर आ गई है.
अब तक 359 ओमीक्रोन के मरीज
17 दिसम्बर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमीक्रोन की पुष्टि हुई थी. यह महाराष्ट्र से आए थे. वहीं, 25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमीक्रोन वैरिएंट पाया गया था. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले थे. अब तक कुल 526 सैम्पल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. इसमें 359 ओमीक्रोन के मरीज पाए गए हैं.
एक्टिव केस फिर 6 सौ पार
राज्य में जनवरी के शुरुआत में तीसरी लहर पीक पर थी. इस दौरान एक लाख 16 हजार 366 एक्टिव केस थे. वहीं, अब फिर से 610 एक्टिव केस हो गए हैं. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं, 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड और 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए हैं.
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