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कांग्रेस का आरोप, गड्ढा भरने के नाम पर प्रदेश सरकार केवल तारीख पर तारीख दे रही है

प्रदेश की मौजूदा सरकार पिछले पांच वर्षों से गड्ढा भरने के नाम पर केवल तारीख पर तारीख दे रही है. बीजेपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) लगातार अपने बयानों में साढे़ पांच वर्षों से गड्ढा भरने का कार्य कर रहे हैं. यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार केवल कोरे दावे कर रही है.

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Published : Nov 16, 2022, 7:13 AM IST

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लखनऊ : प्रदेश की मौजूदा सरकार पिछले पांच वर्षों से गड्ढा भरने के नाम पर केवल तारीख पर तारीख दे रही है. बीजेपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) लगातार अपने बयानों में साढे़ पांच वर्षों से गड्ढा भरने का कार्य कर रहे हैं. वर्तमान मौजूदा सरकार न तो गड्ढे भर पा रही है और ना ही युवाओं को रोजगार दे पा रही है. यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार केवल कोरे दावे कर रही है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश की सड़कों को अब तक गड्ढा मुक्त हो जाना चाहिए था, खुद मुख्यमंत्री योगी ने इसके लिए 15 नवंबर की तारीख तय की थी, लेकिन जैसा कि हर वादे और दावे के साथ होता है, तारीख पर तारीख देने के बाद भी गड्ढा भराई की रस्म वक्त पर पूरी न हो सकी. अब इसे 15 दिन और बढ़ा दिया गया है.

अशोक सिंह ने कहा कि पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 4851 किमी सड़कों का नवीनीकरण कराया जा चुका है, जबकि 6224 किमी सड़कों की विशेष मरम्मत हुई है. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 नवंबर तक सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए थे. यह अभियान 15 अक्टूबर से चल रहा था. पीडब्ल्यूडी के रिकॉर्ड के मुताबिक, 13 नवंबर की शाम तक 50181 किमी सड़कों की मरम्मत हो चुकी थी, जोकि कुल लक्ष्य का 84 फीसदी है. और यह आंकड़ा भी सिर्फ कागजी लगता है. अगर हकीकत होता तो सवाल है कि अभी भी लोगों की जानें क्यों जा रही हैं यह भी सरकार का दावा खोखला है. उन्होंने कहा कि सड़कों पर गड्ढा और छुट्टा जानवरों की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ गयी हैं, जिसमें तमाम लोग अपनी जान गवां चुके हैं. विपक्ष के द्वारा बार-बार सवाल खड़ा करने पर योगी सरकार ने सिर्फ तारीख दी. गड्ढा मुक्ति अभियान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की खूब फजीहत हुई, उसके बावजूद गड्ढा मुक्ति अभियान में कोई तेजी नहीं आई. एक बार फिर अभियान की अवधि 15 नवंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गयी है. सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि सड़कों को गड्ढों से मुक्त करने का काम अभी अधूरा है, अब तक सिर्फ 78 फीसदी सड़कें ही गड्ढा मुक्त हो सकी हैं और वह भी कितना सच है यह तो ऊपर वाला ही जानता है.


प्रदेश के जिलों की सड़कों की हालत खराब : उन्होंने आगे कहा कि बीते दिनों पीलीभीत के भगवंतापुर इलाके का एक वीडियो सामने आया, जिसमें लोग हाथों से ही सड़क उखाड़कर सरकारी दावों की हकीकत बयान करते नजर आए. जौनपुर के मड़ियांव से भदोही के बीच की 24 किलोमीटर सड़क की हालत सबसे ज्यादा खस्ता है. शाहगंज मार्ग के तमाम जगहों पर डामर और गिट्टी उखड़ चुकी है. पूरे प्रदेश की सड़कों का यही हाल है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ से निवेदन करते हुए कहा कि तारीख बढ़ाने के बाद गुजरात चुनाव पर ध्यान न देते हुए गड्ढा मुक्ति अभियान पर ध्यान दें अन्यथा प्रदेश की सड़कों का हाल जस का तस बना रहेगा.

यह भी पढ़ें : राजधानी में मिले 42 नए डेंगू मरीज, 15 घरों को नोटिस जारी

लखनऊ : प्रदेश की मौजूदा सरकार पिछले पांच वर्षों से गड्ढा भरने के नाम पर केवल तारीख पर तारीख दे रही है. बीजेपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) लगातार अपने बयानों में साढे़ पांच वर्षों से गड्ढा भरने का कार्य कर रहे हैं. वर्तमान मौजूदा सरकार न तो गड्ढे भर पा रही है और ना ही युवाओं को रोजगार दे पा रही है. यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार केवल कोरे दावे कर रही है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश की सड़कों को अब तक गड्ढा मुक्त हो जाना चाहिए था, खुद मुख्यमंत्री योगी ने इसके लिए 15 नवंबर की तारीख तय की थी, लेकिन जैसा कि हर वादे और दावे के साथ होता है, तारीख पर तारीख देने के बाद भी गड्ढा भराई की रस्म वक्त पर पूरी न हो सकी. अब इसे 15 दिन और बढ़ा दिया गया है.

अशोक सिंह ने कहा कि पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 4851 किमी सड़कों का नवीनीकरण कराया जा चुका है, जबकि 6224 किमी सड़कों की विशेष मरम्मत हुई है. इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 नवंबर तक सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए थे. यह अभियान 15 अक्टूबर से चल रहा था. पीडब्ल्यूडी के रिकॉर्ड के मुताबिक, 13 नवंबर की शाम तक 50181 किमी सड़कों की मरम्मत हो चुकी थी, जोकि कुल लक्ष्य का 84 फीसदी है. और यह आंकड़ा भी सिर्फ कागजी लगता है. अगर हकीकत होता तो सवाल है कि अभी भी लोगों की जानें क्यों जा रही हैं यह भी सरकार का दावा खोखला है. उन्होंने कहा कि सड़कों पर गड्ढा और छुट्टा जानवरों की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ गयी हैं, जिसमें तमाम लोग अपनी जान गवां चुके हैं. विपक्ष के द्वारा बार-बार सवाल खड़ा करने पर योगी सरकार ने सिर्फ तारीख दी. गड्ढा मुक्ति अभियान को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की खूब फजीहत हुई, उसके बावजूद गड्ढा मुक्ति अभियान में कोई तेजी नहीं आई. एक बार फिर अभियान की अवधि 15 नवंबर से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गयी है. सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि सड़कों को गड्ढों से मुक्त करने का काम अभी अधूरा है, अब तक सिर्फ 78 फीसदी सड़कें ही गड्ढा मुक्त हो सकी हैं और वह भी कितना सच है यह तो ऊपर वाला ही जानता है.


प्रदेश के जिलों की सड़कों की हालत खराब : उन्होंने आगे कहा कि बीते दिनों पीलीभीत के भगवंतापुर इलाके का एक वीडियो सामने आया, जिसमें लोग हाथों से ही सड़क उखाड़कर सरकारी दावों की हकीकत बयान करते नजर आए. जौनपुर के मड़ियांव से भदोही के बीच की 24 किलोमीटर सड़क की हालत सबसे ज्यादा खस्ता है. शाहगंज मार्ग के तमाम जगहों पर डामर और गिट्टी उखड़ चुकी है. पूरे प्रदेश की सड़कों का यही हाल है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ से निवेदन करते हुए कहा कि तारीख बढ़ाने के बाद गुजरात चुनाव पर ध्यान न देते हुए गड्ढा मुक्ति अभियान पर ध्यान दें अन्यथा प्रदेश की सड़कों का हाल जस का तस बना रहेगा.

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